अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन क्या आप सभी को मालूम है की वजू का नमाज़ होती है जिसको ताहियातुल वज़ू की नमाज़ कहते है जिसका नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम बहुत ज्यादा फ़ज़ीलत बयान फ़रमाया है.
आज आप सभी को तहियातुल वजू की नमाज़ का तरीका और तहियातुल क्या है और तहियातुल वजू की टाइम रकत और नियत का भी जानकारी हो जाएगा जिसकी मदद से आप भी यह नमाज़ को आसानी से पढ़ सकेंगे.
तहियातुल वज़ू की नमाज़ क्या है
जब कोई सख्स अच्छी तरह और इत्मिनान के साथ वजू करता है और 2 रकात नमाज़ पढ़ता है तो उसे तहियातुल वजू की नमाज़ कहते है
तहियातुल वज़ू की नमाज़ का समय
तहियातुल वजू एक नफिल नमाज़ है और इस नमाज़ को पढ़ने के लिए कोई भी वक़्त मुकरर नहीं किया गया है लेकिन एक कंडीशन जरुर है की आप मकरूह वक़्त में नहीं पढ़ सकते है.
मकरूह वक़्त के अलावा जब आप वजू करे तो उसी वक़्त फ़ौरन 2 रकात नफिल पढ़ ले.
तहियातुल वज़ू की नमाज़ की नियत
नियत दिल की इबादत का नाम है अगर कोई सख्स दिल में नियत कर लेता है तो बेहतर है लेकिन जुबान से करना चाहता है तो कुछ यु कहे.
नियत करता हूं मैं दो रकात नमाज़ ताहियातुल वज़ु की नफिल वास्ते अल्लाह ता’अला के मुंह मेरा तरफ़ क़ाबा शरीफ के अल्लाहु अकबर
तहियातुल वज़ु कितनी रकात पढ़ी जाती है
तहियातुल वजू की नमाज़ 2 रकात होती है अगर कोई सख्स चाहता है की पांच वक़्त की नमाज़ में पांच बार वजू करे और पांच बार तहियातुल की नमाज़ पढ़ना है तो जरुर पढ़े.
तहियातुल वज़ू की नमाज़ का तरीका
तहियातुल वजू की नमाज़ का तरीका नार्मल नमाजो से हट कर नहीं नहीं बलके जो आप पांच वक्तो की नमाज़ में नफिल पढ़ते है ठीक वैसे ही इस नमाज़ को पढ़ा जता है.
तहियातुल वज़ू की फ़ज़ीलत क्या है
मुस्लिम शरीफ में है कि नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया कि जो शख्स वज़ु करें और अच्छा वज़ु करें और जाहिर व बातीन से मुतवज्जह हो कर दो रकात ताहियातुल वज़ु की नमाज़ पढ़े तो उसके लिए जन्नत वाजिब हो जाएगी।
कोई सख्स जब वजू करना है उसी वक़्त उसको टहयातुल की नमाज़ पढ़ना चाहिए लेकिन कोई इन्सान वजू करने के 1 या 2 घंटे बाद करता है तो ये सही नहीं है.
दोस्तों आप सभी से गुजारिश है की तहियातुल वजू की नमाज़ को अपने दोस्तों और फॅमिली में शेयर जरुर करे ताकि उन्हें भी इस नमाज़ की फ़ज़ीलत मालूम हो जाए और जन्नत की हक़दार वो भी हो जाए.