Awabeen ki Namaz Padhne Ka Tarika | अवाबीन की नमाज़ का तरीका

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आप लोग अवाबीन की नमाज़ का तरीका सिखने की तलाश में है तो आपकी तलाश यही पर खत्म हुई क्युकी आज सिखने को मिलने वाला है की अवाबीन क्या है इसका फ़ज़ीलत और तरीका क्या है.

अव्वाबीन की नमाज़ एक नफिल नमाज़ है जैसे चास्त की नमाज़, इस्तिखारा की नमाज़ और सलातुल तस्बीह इसके अलावा बहुत सारे है लेकिन इसका फ़ज़ीलत और फायदे बहुत ज्यादा है.

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अवाबीन की नमाज क्या है

मगरिब की फ़र्ज़ और सुन्नतों के बाद कम से कम छः रकआते नफिल और ज्यादा से ज्यादा बीस रकअते नफिल पढ़े तो उसी को अव्वाबीन कहते है.

अवाबीन की नमाज़ की फ़ज़िलात

नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया “जो कोई मग़रिब के नमाज़ बाद उसी हालत में 6 रकात नफिल पढ़े तो उसे 12 साल की इबादत का सवाब मिलेगा”

इस हदीस के मुताबिक कोई सख्स 12 साल नमाज़ पढ़ता और जितना सवाब उसे अल्लाह ता’अला की तरफ से मिलता है उतना ही कोई सख्स अवाबीन की नमाज़ पढ़ता है तो उसे इनता ही सवाब मिलता है.

इससे आप अव्वाबिन की नमाज़ की फ़ज़ीलत का अंदाज़ा लगा सकते है चले एक और हदीस देखते है.

अबू ज़र (रदी अल्लाहू अन्हु) से रिवायत है की रसूलअल्लाह (सलअल्लाहू अलैही वसल्लम) ने फ़रमाया की:

सुबह होते ही तुम में से हर एक शख्स के हर एक जोड (joints) पर सदक़ा वाजिब हो जाता है, फिर हर एक तसबीह (यानी सुबहान अल्लाह कहना) सदक़ा है , हर एक तम्हीद (यानी अल्हाम्दुलिल्लाह ) सदक़ा है ,और हर एक तहलील (ला इलाहा इलअल्लाह कहना) भी सदक़ा है और हर एक तकबीर (अल्लाहू अकबर कहना) भी सदक़ा है, किसी को अच्छी बात सिखाना भी सदक़ा है और (किसी को) बुरी बात से रोकना भी सदक़ा है इन तमाम कामो की जगह चाश्त (दूहा / अव्वाबिन) की दो रकातें काफ़ी हो जाती हैं जिसको वो पढ़ लेता है”

अवाबीन की नमाज़ कितनी रकात होती है

अवाबीन की नमाज़ कम से कम 6 रकात होती है और ज्यादा से ज्यादा 20 रकात होती है जिसको 2-2 रकात करके पढ़ना होता है.

अगर कोई भाई एक 6 रकात एक सलाम से पढ़ना चाहता है तो ये भी जायज़ है आपको ये भी ध्यान देना है की मगरिब की फ़र्ज़ और सुन्नत पढ़ने के बाद किसी से बात ना करते हुए पढ़ना है.

अवाबीन की नमाज का समय क्या है

अवाबीन का वक़्त सूरज चढ़ने के समय से शुरू हो जाता है यानि जवाल के वक़्त से शुरू हो जाता है लेकिन बेहतर माना जाता है की मगरिब की नमाज़ को पढ़ कर ही अव्वाबिन पढ़े.

आवाबीन की नमाज़ की नियत कैसे बने

दोस्तों अगर आप 2 – 2 रकात करके पढ़ना चाहते है जैसे 2 रकात एक सलाम से पढेंगे फिर 2 रकात एक सलाम से इसी तरह छः रकात पढ़ना चाहते है तो नियत कुछ यु करे:

नियत की मैंने 2 रकात नमाज़ नफिल अव्वाबिन की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर

इसी तरह कोई दोस्त 6 रकात एक ही नियत से और एक सलाम से पढ़ना चाहते है तो वह नियत कुछ यु करे:

नियत की मैंने 6 रकअत नमाज़ अव्वाबीन वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर.

आवाबीन की नमाज पढ़ने का तरीका

अव्वाबीन एक नफिल इबादत है जिसको पढ़ने के लिए 2 तरीके बताये गए है जो आप आज सिखने वाले है आपको सबसे पहले वजू करके घर या मस्जिद यानि पाक साफ़ जगह पर मोसल्लाह बिछा दे.

क़िबला रुख खड़े होकर नियत करे जिसका तरीका ऊपर बताया गया है यहाँ पर आपको समझना है आप एक साथ 6 रकात पढ़ना चाहते है या 2 – 2 रकात करके.

यह नमाज़ पढ़ने के लिए कोई खास तरीका नहीं है बलके नार्मल नामजो की तरह भी इसी को पढ़ा जाता है हम सबसे पहले 2 रकात कैसे पढ़ते इसी को सीख लेते है.

नियत करने के बाद सना और सुरह फातिहा और कुरान शरीफ की कोई सूरत मिलाए फिर नार्मल नामजो की तरह रुकू और सजदा करे.

दूसरी रकात में सना नहीं पढ़ना है सिर्फ अलहम्दो शरीफ और सूरत मिलाए फिर रुकू सजदा के जरिये अपनी दो रकात मुकम्मल कर ले आप सभी को मुकम्मल तरीका शुरू से आखिर तक सीखना है तो 2 Rakat Nafil ki Namaz वाली पोस्ट को पढ़ना चाहिए.

1 नियत और 1 सलाम से कैसे पढ़े?

पहली रकात:- नियत करे जो ऊपर बताया गया है फिर सना और सुरह फातिहा फिर सूरत मिलाए फिर रुकू और सजदा करे.

दूसरी रकात:- सुरह फातिहा, सूरत मिलाए, रुकू, सजदा इसके बाद कैयदा उला में बैठे और ताशःहुद यानि Attahiyat in Hindi पढ़े.

तीसरी रकात:- अलहम्दो शरीफ, सूरत मिलाए, रुकू और सजदा करे.

चौथी रकात:- सुरह फातिहा, कुरान की सूरत मिलाए, रुकू और सजदा के बाद फिर ताशःहुद में बैठे और अत्ताहियात पढ़े.

पांचवी रकात:- सुरह फातिहा, सुरह मिलाए, रुकू और सजदा करे.

छठा रकात:- अलहम्दो शरीफ, सूरत मिलाए, रुकू और सजदा के बाद कायदा आखिर में बैठे यानि (आखिरी रकात) और अत्ताहियात, दरुदे इब्राहीम और दुआ ए मशुरा पढ़ कर सलाम फेर दे.

इस तरह से आप सब की अव्वाबीन की नमाज मुकम्मल हो गयी इसके बाद दुआ के लिए हाथ उठाए और दुआ मांगे.

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आवाबीन नमाज की रकातों की अधिकतम संख्या कितनी है?

अव्वाबिन की नमाज़ ज्यादा से ज्यादा 20 रकात होती है आप चाहे तो 6 रकात भी पढ़ सकते है.

दोस्तों मुझे ये बताते हुए ख़ुशी हो रही है की आप सभी को आवाबीन की नमाज पढ़ने का तरीका आ गया जिसकी वजह से आप भी हर दिन 12 साल नमाज़ की फायदा और सवाब ले सकेंगे.

आप सभी हज़रात से गुजारिश है यह जानकारी आप पास मत रखे बलके अपने दोस्तों और फॅमिली मेंबर को भी बताये ताकि वह भी इसका फायदा ले सके.

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