fatiha ka tarika
Fatiha ka tarika, In Hindi फातेहा करने का तरीका हिंदी में अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु मेरे प्यारे मुस्लिम भाइयों और बहनो हम आज आपलोगो के लिए fatiha ka tarika हिंदी में लेकर आये है जिसे हर मुस्लिम भाइयों और बहनो को सीखना चाहिए इसी लिए हम आज फातिहा ( fatiha ) करने का तरीका हिंदी टेक्सट में लाये है जिसे आपलोग बहुत आसानी से सिख सकते है | सबसे पहले अव्वल व आखिर 11 11 मर्तबा दुरुद शरीफ पढ़े |
Fatiha ka tarika In Hindi
सबसे पहले आप तीन बार दरूद ए इब्राहिम पढ़ें
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद वा अला आली कमा सल्लैता अला इब्रहिमा वा अला आली इब्रहिमा इन्नका हमीदुम मजीद, अल्लाहुम्मा बारीक अला मुहम्मदीव वा अला आली मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्रहिमा वा अला आली इब्रहिमा इन्नका हमीदुम मजीद,
उसके बाद एक मरतबा अल-काफ़िरून पढ़ें
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
कुल या अय्युहल काफिरून
ला अ अबुदु मा ताबुदून
वला अन्तुम आ बिदूना मा अ अबुद
वला ना आबिदुम मा अबद्तुम
वला अन्तुम आबिदूना मा अअ बुद
लकुम दीनुकुम वलिय दीन
fatiha ka tarika
उसके बाद तीन बार सूरत अल इखलाक पढ़ें
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
कुल हुवल लाहू अहद
अल्लाहुस समद
लम यलिद वलम यूलद
वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
fatiha ka tarika
इसके बाद कुल आऊजु बिरब्बिल फलक पढ़ें
(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)
कुल आऊजु बिरब्बिल फलक
मिन शररी मा ख़लक़
वामिन शररी ग़ासिकिन इज़ा वकब
वामिन शररिन नफ़ासती फ़िल उक़द
वामिन शररी हासिदिन इज़ा हसद
fatiha ka tarika
इसके बाद एक बार सूरह नास पढ़ें
(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)
कुल अऊजु बिरब बिन नास
मलिकिन नास
इलाहिन नास
मिन शररिल वसवासिल खन्नास
अल्लज़ी युवसविसु फी सुदूरिन नास
मिनल जिन्नाति वन नास
fatiha ka tarika
इसके बाद एक बार सूरह अल फातिहा पढ़ें
(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)
अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन
अर रहमा निर रहीम
मालिकि यौमिद्दीन
इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन
इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम
सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन (अमीन)
fatiha ka tarika
इसके बाद एक बार अलिफ़ लाम मीम पढ़ें
(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)
fatiha ka tarika
बाद में आप ये आयत पढ़ें (आयत ए खामसह)
(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)
वा इलाहुकुम इलाहु वाहिद ला इलाहा इल्ला हूवर रहमानु अर्रहीमून,
इन्ना रहमतल्लाही क़रीबूम मीनल मुहसिनीन,
वमा अर्सलनका इल्ला रहमतल लील आलेमिन
माकाना मुहमदुन आबए अहादिम मिररिजलीकुम वलाकिर रसूलअलाल्हे व ख़ात्मां नबीना वा कानल्लाहो बिकुल्ली अलीमा,
इसके बाद एक बार दरूद शरीफ पढ़ें
(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)
अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्येदिना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आलि सय्येदिना व मौलाना मुहम्मदिव व बारिक व सल्लिम सलातंव व सलामन अलैका या रसूलुल्लाह सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज़्ज़ति अम्मा यसीफ़ून व सलामुन अलल मुरसलीन वल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
अब बारगाहे रिसालत में हाँथ उठाइये – isale sawab ka tarika
(बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम)
फिर आप दुआ मांगिये और इसाले सवाब कीजिये
ए अल्लाह मैंने तेरे बारगाह में कुरान शरीफ की तिलावत की और दरूद शरीफ पढ़ा ए अल्लाह इसे पढ़ने में जो भी गलतिया हुई है इसे अपने फज्लो करम से माफ़ फरमा और इस सिरनि शरीफ और पानी का सबसे पहले इसका सवाब सरकारे दोआलम सल्लाहु अलैहि वसल्लम के मुक़द्दस बारगाह में तोह्फतन हदियातन पेस करते है कबूल फरमा
हज़रत आदम अलैहि वसल्लम से लेकर हज़रते इसा अलैहि वसल्लम तक कमो बेस एक लाख चौबीस हजार अम्बियाए मुर्सलीन के बारगाह में ये सिरनि शरीफ पेस करते है मौला कबूल फरमा हुजूर के शहाबा शहाबिया अहले बैत अतहार अज़्वाजे मोतहरात जुमला शहीदाने कर्बला जुमला शहाबा तबाईन तबे तबाईन आइममे मुजतहइन बुजुर्गाने दिन मुत्तक़ीन सालेहीन मोमेनीन के अरवाहे को पेस करते है कबूल फरमा
इसका सवाब दस्तगीर रौशन जमीर हजरते गौसे आज़म रज़ि अल्लाहो तआला अन्हा और ख्वाजा ए ख्वाजा हिंदल वली अजमेरी चिस्ती के बारगाह में पेश करते है क़ुबूल फ़रमा इस दुनिया से जितनेभी मोमिन व् मोमिनात गुजर चुके है उनकी बखसीस फरमा और उनको जन्नत में आला से आला मकाम अता फरमा ( आमीन सुम्मा आमीन )
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