Namaz Ki Fazilat Aur Benamazi ki Sazaa | नमाज की फजीलत और बे-नमाज़ी की सजा

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज हम आप लोगो को बताएंगे नमाज की फजीलत और बे-नमाज़ी की सजा के बारे में बे नमाज़ी के लिए ख़ौफ़ नाक सज़ाएँ हुजुर नबी ए करीम ﷺ का फरमान ए इब्रत निशान है जो नमाज़ के मुआमले मे सुस्ती बरतेगा? अल्लाह अज्जवजल उसे किस्म की सज़ाएँ देगा इन मे दुनिया मे मौत के वक्त कब्र मे कब्र से निकलने के बाद देगा दुनिया की  सजाएँ ये है|

बच्चा जब 7 साल का हो जाए तो नमाज का हुक्म दो और जब 10 साल का हो जाए तो पढ़कर पढ़ाओ

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अबु दाउद, जिल्द 1, सफा 77

मोमिन और काफिर के दरमियान फर्क सिर्फ नमाज का है

निसायी, जिल्द 1, सफा 81

कयामत के दिन बंदे से अमल में सबसे पहले नमाज़ की होगी

कन्ज़ुल उम्मल, जिल्द 2, सफ़ा 282

जिसकी असर की नमाज फ़ौत हो गई उसका अमल ज़ाया हो गया

बुखारी, जिल्द 1, सफा 78

जो शख़्स जानबूझ कर एक वक़्त की नमाज़ छोड़ दे तो उसपर से अल्लाह का ज़िम्मा उठ गया

अलीताफ़, जिल्द 6, सफ़ा 392

नमाज़ में सुस्ती करने वाले कयामत के दिन सुवर की सूरत में उठेंगे

क्या आप जानते हैं, सफा 439

जहन्नम में एक वादी है जिसका नाम खराब है उसकी गर्मी का ये हाल है कि उससे जहन्नम भी पनाह मांगता है उसमें नमाजी डाले जाएंगे

पारा 30, सूरह माऊं, आयत 4

बहारे शरीअत, हिस्सा 3, सफा 7

जो नमाज़ों को उनके वक़्त पर पढ़े और उसके अदब की हिफ़ाज़त करे तो मौला पर अहद है कि उसको जन्नत में दाख़िल करे

और जिसने नमाज़ों को छोड़ा या पढ़ने में उसके अदब ओ अरकान सही ना रखा तो मौला पर कोई अहद नहीं चाहे तो उसे बख्शे और चाहे अज़ाब दे

मजमौज़ ज़वायद, जिल्द 1, सफ़ा 302

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की बारगाह में एक औरत हाज़िर हुई और कहा कि आप अल्लाह से मेरी सिफ़रिश फरमा दीजिए कि मुझसे बहुत बड़ा गुनाह सरज़द हो गया है*

आपने पूछा कि क्या तो कहने लगी कि मैंने ज़िना कराया और उससे जो बच्चा पैदा हुआ उसे क़त्ल कर दिया,

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम फरमाते हैं कि ऐ फासिका फजीरा औरत निकल गई यहां से कहीं तेरी नहुसत की वजह से हम पर भी अज़ाब नाज़िल न हो जाए वो वहां से चली गई,

हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम हाज़िर हुए और फ़रमाते हैं कि आपने हमें तौबा करने वाली औरत को क्यों वापस कर दिया तो आप फ़रमाते हैं कि मैंने उसे ज़्यादा बुराई वाला कोई ना देखा तो हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि जो शक्स जांबुझकर नमाज़ छोड़ता है

वो औरत से भी ज़्यादा ख़राब है.

जो शख़्स नमाज नहीं पढ़ता उसे दुनिया और आख़िरत में क्या सजाएं मिलती है वो भी मुलाहिज़ा फ़रमा लें |

5 दुनिया की सजा

उसकी उमर में बरकत ख़तम हो जाएगी

उसके चेहरे से नूर हट जाएगा

उसको कोई अमल का अजर नहीं मिलेगा

उसकी कोई दुआ कुबूल नहीं होगी

नेकों की दुआ से भी फ़ैज़ नहीं मिलेगा का प्रयोग करें

3 मरते वक़्त की सजा

वो जलील होकर मरेगा

भूखा मरेगा

प्यासा मरेगा ऐसा कि अगर दुनिया के सारे समंदर का भी पानी पिला दिया जाए तब भी उसकी प्यास न बुझेगी

3 क़ब्र की सज़ा

उसपर क़ब्र तंग हो जाएगी ऐसी कि उसकी पसलिया टूटकर दूसरे में पैसा हो जाएगा

उसके नीचे आग जला दी जायेगी

उसकी कब्र में राख शुजाउल अकरा नाम का एक गंजा सांप मुकर्रर किया जाएगा जो उसे सजा देगा, उसकी आंखें आग की और नाखुन लोहे के हैं और उसकी आवाज बिजली की गरज की तरह है, अगर फज्र की नमाज नहीं पढ़ी तो वो फज्र से लेकर ज़ुहर तक मरता रहेगा अगर ज़ुहर पढ़ ली तो छोड़ देगा वरना ज़ुहर से असर तक मरेगा और यूं ही हमेशा चलता रहेगा, और उसकी एक ज़र्ब से मुर्दा 70 गज ज़मीन में डूब जाएगा

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3 हश्र की सज़ा

हमसे ताकत से हिसाब लिया जाएगा

रब ताला उसे नाराज़ होगा

जहन्नम में दाख़िल किया जाएगा का उपयोग करें

मुक़शिफ़ातुल कुलूब, सफ़ा 392

और अब नमाज़ के फ़ायदे भी पढ़ लीजिये

कशायिश रिज़्क मिलेगा

अजाबे क़ब्र से महफ़ूज़ रखेगा

नमये अमल दहिने हाथ में मिलेगा

पुल सीरत से बिजली की तरह गुजर जाएगा

जन्नत में दाख़िल होगा

किताबुल कबायेर, सफा 41

अब इनाम चाहिए या सजा फैसला आप खुद करें मर्जी आपकी क्योंकि जिस्म है आपका*

अगर सबको पढ़कर दिल में कुछ खौफ पैदा हो गया हो और तौबा का इरादा रखा हो तो फौरन ये काम करें कि एक अच्छे हाफिज को लगाकर सबसे पहले कुरान को मखराज से पढ़ना सीखें और नमाज के तमाम मसलों को सीखें

और सबसे पहले अपनी नमाज़ सही कर लीजिये इन शा अल्लाह दुनिया और आखिरी दोनों सही हो जायेगी

आज से बाल्की अभी से नमाज़ शुरू कर दीजिए और जो नमाज़ें क़ज़ा हो चुकी हैं उन्हें अदा करना शुरू करें

अल्लाह अमल की तौफीक अता फरमाये आमीन |

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