Milad un Nabi 2020 Full Details In Hindi | मिलाद उन नबी `क्यों मनाया जाता है

Milad un Nabi 2020 Full Details In Hindi, Eid milad un nabi, eid e milad, milad, ईद मिलाद उन नबी `क्यों मनाया जाता है नाजरीन पुरे दुनिया में ईद मिलाद उन नबी बड़े शानो शौकत से मनाया जाता है तो दोस्तों आज हम milad un nabi क्यों मनाते है कब मानते है इसके बारे में जानेगे |

Milad un nabi 2020 in hindi

बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

ईद मिलाद उन नबी बारह 12 रबी अव्वल यानि इसी दिन आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मक्का सऊदी अरब के सर जमीं पर तसरीफ लाएं थे यानि के इसी पाक दिन की हजरत मुहम्मद SAW की पैदाइस है आज के दिन दुनिया के हर कोने में बड़े शानो शौकत से हुजूर की साल गिरह मनाया जाता है |

क्यों की इंसानियत को सच्चाई और धर्म का फरमान देने वाले पैगंमर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म पीर की सुबह शादिक 12 रबी आवल 22 अप्रैल 571 ईस्वी सुबह 4 बज कर 20 मिनट पर दुनिया में तसरीफ लाये उन का जन्म मक्का शहर में हुआ था |

ईद मिलाद उन नबी कब मनाई जाती है

ईद मिलाद उन नबी का तेहवार इस्लामिक क्लैंडर के मुताबिक तीसरा महीना रबी अव्वल के महीने में 12 तारीख को बड़े शानो शौकत से मनाया जाता है आज के दिन को दुनिया भर के मुस्लमान हजरत मुहम्मद (SAW) के दुनिया में आने का जश्न मनाते है ईद उल मिलाद के दिन सभी लोग अपने घर गली मस्जिद में झंडे लाइट से सजाते है |

हुजूर के आने से पहले पूरा अरब जाहिलियत का शिकार था वहां बुतों की पूजा करते थे जिनके बहुत ही अजीबो गरीब नियम थे वहां औरतों को दरिंदगी का सामना करना पड़ता था अरब में आने वाले मुसाफिरों से लूट पाट क्या जाता था

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इस्लाम का आगाज किये और वहां के लोगों को नेक तालीम दी और लोगों से पाक साफ़ रहने की हिदायत दी और इस्लामिक तौर तरीकों को उन तक पहुँचाया |

अल्लाह के रसूल के तारीफ का हक अदा नहीं कर सकते आप की आमद इंसानियत का पैग़ाम इंसान को इंसानियत बनने के लिए जुल्म से निकल कर रौशनी की तरफ लाने के लिए दुनिया में तसरीफ लाए इस दिन दुनिया भर के मुसलमान मस्जिद घर गली को झंडे और लाइटों से सजाते है | और बड़े धूम धाम से सरकार का जुलुस निकाला जाता है और आप स अ के रास्तों पर चलने की हिदायत दी जाती है |

मुहम्मद स अ से जुडी कुछ बातें

हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दुनिया में आने से पहले उनके वालिद का इन्तेकाल हो गया था उनके वालिद का नाम इब्न अब्दुल मुत्तलिब था जब वो 6 साल के थे तो उनके वालदा का भी इन्तेकाल हो गया था उनके वालदा का नाम बीबी आमिना था आप SAW अपने चाचा अबू तालिब और दादा अबू मतालिब के साथ रहने लगे हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की निकाह 25 साल की उम्र में एक बेवा से हुआ जिनका  नाम खदीजा बिन्त खवालिद था 

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को नबूवत 40 साल 6 महीने 10 दिन पीर की रात 21 रमजान को नबूवत की ताज पोषी की गयी आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सबसे बड़े और आखिरी दुनियां में आने वाले नबी है इनके बाद कयामत तक कोई पैगम्बर दुनिया में कोई आएंगे इन्ही के ऊपर कुरान भी नाजिल हुआ |

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चार बेटियां और दो बेटे है जिनका नाम है सबसे बड़ी बेटी हजरत ज़ैनब दूसरी बेटी हजरत रुकय्या तीसरी बेटी उम्मे कुलसुम चौथी बेटी सय्यदा फातिमा सबसे बड़े बेटे कासिम दूसरे बेटे अब्दुल्लाह है |

हजरत मुहम्मद स अ का फरमान

हजरत मुहम्मद स अ इस्लाम के आखिरी पैगम्बर थे आप के बाद कयामत तक कोई पैगम्बर दुनिया में तसरीफ नहीं लाएंगे उन्हों ने इस्लाम को आखिरी फरमान भी सुनाया जिसे हर मुसलमान को जानना और उस पर अमल करना चाहिए उन्हों ने कहा की अच्छा और नेक आदमी वही है जो सब की भलाई चाहता हो हजरत मुहमद स अ का फरमान था भूखे को खाना खिलाओ मजलूमों का साथ दो और बीमार सख्स की देख भाल करो अगर कोई कैद में हो तो उसे रिहा करो चाहे फिर वो किसी भी जाती या धर्म से तालुक रखता हो |

दोस्तों कैसी लगी आपको ये इनफार्मेशन अगर आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें और अगर आपको इसे जुडी कोई सवाल हो तो आप हमें ईमेल या कमेंट कर के पूछ सकतें हैं | अल्लाह हाफ़िज़

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