अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो आशूरा के दिन यौम-ए-आशुरा 10 मुहर्रम को रोज़ा रखना सुन्नत है ! और इस ( Youm-e-Ashura ) दिन का रोजा बहुत फ़ज़ीलत रखता है ! हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है ! कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मदीना शरीफ़ तशरीफ लाए तो यहूदियो को देखा कि आशूरा ( Youm-e-Ashura ) के दिन रोजा रखते है ।
आप ने उनसे फरमाया ये कैंसा दिन है ! कि जिसमेँ तुम लोग रोज़ा रखते हो ! उन्होंने कहा ये वो अजमत वाला दिन है ! जिसमें अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी कौम को नजात दी और फिरऔन को उसकी कौम के साथ डुबो दिया !
मूसा अलैहिस्सलाम ने शुक्रिये का रोज़ा रखा, हम भी रखते हैं ! रसूले करीम ने फरमाया हम मूसा अलैहिस्सलाम कें तुम से ज्यादा हक़दार हैं ! तो अल्लाह के रसूल ने आशूरे का रोजा खुद ने भी रखा और उसकें रखने का हुक्म भी फरमाया ।
हज़रत अबू क़तादा रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबीए पाक ने फ़रमाया “मुझे अल्लाह से उम्मीद है कि वो आशूरे कें रोज़ा को पिछले सालभर के गुनाहों का कफ़्फ़ारा बना देगा !
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया और मैं आइन्दा साल दुनिया मे बाकी रहा तो 9र्वी मुहर्रम का भी रोजा रखूँ ! इसीलिए फुकहाए किराम फ़रमाते है सुन्नत ये है कि मुहर्रम कीं 9 वी और दसवी ( 10 Muharram ) दोनो तारीखों मैं रोजा रखे !
10- मुहर्रम यौम-ए-आशूरा के दिन करने वाला अमल
जो आदमी आशूरा कें दिन घार रकअत इस तरह पढे कि हर रक्अत में सूर: फातिहा कें बाद कुलहुवल्लाहु अहद पूरी 11 मर्तबा पढे, तो अल्लाह तआला उसके 50 बरस कें गुनाह माफ़ फरमा देगा और उसके लिए नूर का मिम्बर बनाएगा !
आदमी को चाहिए कि 10 मुहर्रम ( 10 Muharram ) को अपने घर वालो पर रिज़्क़ कुशादा करे ! , अगर किसी ने ऐस्रा किया तो उसके घर में साल भर तक कुशादगी रहेगी ! इसीलिए ये दिन बडी फ़ज़ीलत वाला है ! इस दिन कुरआने करीम कीं तिलावत और नवाफ़िल पढने का एहतिमाम करना चाहिए !