Surah kafirun | सूरह काफ़िरून की फ़ज़ीलत हिंदी में

(Surah kafirun) सूरह काफ़िरून का तर्जुमा और उसकी फ़ज़ीलत

अस्सलामो अलैकुम आज के पोस्ट में हम सूरह काफ़िरून (surah kafirun) और उसकी फ़ज़ीलत के बारे में ब्यान किया है |

इस आर्टिकल्स में हमने सूरह काफ़िरून हिंदी (Surah kafirun) अरबिक और इंग्लिश surah kafirun in english में दिया है आपको जिस लैंग्वेज में अच्छा लगे आप अपलोड या डाउनलोड कर के सिख सकते है

Surah kafirun in arabic

(بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ)

قُلْ يٰاَيُّهَا الْكٰفِرُوْنَ لَآاَعْبُدُ مَا تَعْبُدُنَ
وَلَآ اَنْتُمْ عٰبِدُوْنَ مَآاَعْبُدُ وَلَآ اَنَا عَابِدُٗ
مَّاعَبَدْتُّم وَلَآ اَنْتُمْ عٰبِدُونَ مَآ اَعْبُدُ
لَكُمْ دِيْنُكُمْ ولِىَ دِيْنِ 

Surah al kafirun in hindi

(बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम)

कुल या अय्युहल काफ़िरून ला अअ्बुदु मा तअ्बुदून व ला अन्तुम् आ़बिदू-न मा अअ्बुद व ला अ-न आ़बिदुम् मा अ़बत्तुम्  व ला अन्तुम् आ़बिदू-न मा अअ्बुद लकुम् दीनुकुम् व लि-य दीन

Translation:- ऐ रसूल तुम कह दो कि ऐ काफिरों तुम जिन चीज़ों को पूजते हो, मैं उनको नहीं पूजता और जिस (ख़ुदा) की मैं इबादत करता हूँ उसकी तुम इबादत नहीं करते और जिन्हें तुम पूजते हो मैं उनका पूजने वाला नहीं और जिसकी मैं इबादत करता हूँ उसकी तुम इबादत करने वाले नहीं तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन मेरे लिए मेरा दीन

kulya ayyuhal kafirun surah

(Bismillaa hirrahma nirrahim)

Qul yaaa-ayyuhal kaafiroon Laaa a’budu maa t’abudoon Wa laaa antum ‘aabidoona maaa a’bu Wa laaa ana ‘abidum maa ‘abattum Wa laaa antum ‘aabidoona maaa a’bud Lakum deenukum wa liya deen.

सूरह काफ़िरून की फ़ज़ीलत

जो शख्स इस सूरह को इखलास दिल से बाद नमाज़े फजर या बाद नमाज़ ईशा ग्यारह मर्तबा पढ़ेगा उसके दिल से टेंसन मुश्किलात झूट फरेब नाफह गोया के हर किस्म की बुराई निकल जाएगी और शैतानी और नजरबंदी से महफूज़ रहेगा

और इस का खात्मा हाल ईमान होगा और दिल इबादत की तरफ बे हाल होगा अगर कोई शख्स को तबियत ख़राब होतो इस सूरह को एक्कीस मर्तबा पढ़ कर पानी पर दम कर के पिलाये इंशाअल्लाह ता आला सही हो जायेगा

हज़रत अबूहुरैरा रज़ियल्लाहु त आला अन्हा से रिवायत है के हुज़ूर सल्लाल्ल्हो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया के जो शख्स सूरह काफ़िरून की तिलावत करे उसे चौथाई क़ुरान के बराबर शवाब मिलेगा 

हज़रत जाबिर रदियल्लाहु से मरवी है के रसूल सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम तवाफ़ के दो रक्आत में सूरह काफ़िरून और सूरह कुल होवल्लाहु अहद पढ़ा करते थे

सूरह काफ़िरून बा एतबार सवाब के चौथाई क़ुरान के बराबर है हुज़ूर रसूल सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने सरे सहाबा को सोने से पहले इस सूरह के पढ़ने की हिदायत फ़रमाई और खुद भी बिस्तर पर लेट कर ये सूरह पढ़ कर सोया करते थे

फ़ज़ाइल  सुरह अल काफ़िरून हिंदी में

हदीस शरीफ में है की इस सुरह को पढ़ने का सवाब चौथाई कुरान के बराबर है और भी आया है सोते वक़्त इस सुरह काफ़िरून को पढ़ें एक हदीस शरीफ का ये भी मजमून है के आदमी के सबब सिर्क से पाक होता है और ये भी विरद है दो सूरतें सबसे अच्छी है

जो फज़र की सुन्नतों में पढ़ी जाती है वो सुरह काफ़िरून surah kafirun और सुरह इखलास है और तफ़्सीर में आया है की इस सुरह सुरह को और सुरह इखलास को मशकक भी कहते है जो कोई इन दोनों को पढ़ेगा कफर नफ़ाक़ से दूर रहेगा

सही अहादीस से शाबित हुआ है के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम दो रकअतों में फज़र और मग़रिब नमाज़ की सुन्नतों में सुरह काफ़िरून surah kafirun सुरह इखलास पढ़ा करते थे इसी तरह आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम बाद सहाबा को फ़रमाया के रात को सोते वक़्त ये सुरह अगर पढ़ कर सोयेंगे तो सिर्क से बरी रहेंगे

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