Surah Ikhlas in hindi | सूरह इखलास की फ़ज़ीलत हिंदी में

Surah Ikhlas सूरह इखलास की फ़ज़ीलत हिंदी में, सूरह इखलास पढ़ने के फायदे हिंदी में, Surah Ikhlas In Hindi मेरे प्यारे इस्लामी भाइयों और बहनों क़ुरान के इस सूरह के बारे में लग भग सभी मुसलमान जानते होंगे तो चलिए आज हम इसकी फ़ज़ीलत को जानते और समझते है|

surah ikhlas

Surah ikhlas – सूरह इखलास की फ़ज़ीलत हिंदी में 

बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहमा

कुल हुवल्लाहु अ-हद
अल्लाहु-स्स-मद
लम यलिद व-लम यु-लद
व-लम यकूललहू कुफू-वन अ-हद

सूरह इखलास अरबिक में 

بسم الله الرحمن الرحيم

قُلْ هُوَ اللَّهُ أَحَدٌ 
اللَّهُ الصَّمَدُ 
لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ 
وَلَمْ يَكُن لَّهُ كُفُوًا أَحَدٌ 

सूरह इखलास अंग्रेजी में 

Bismillah ir-Rahman ir-Raheem

 Qul huwa Allahu ahad
 Allah hu samad
 Lam yalid wa lam yulad
 Wa lam yakun lahu kufuwan ahad

Surah al ikhlas – सूरह इखलास की फ़ज़ीलत हिंदी में

सूरह इखलास सूरत नंबर 112 शुरू करता हूँ अल्लाह तआला के नाम से शुरू  जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है |

हिंदी तर्जुमा : आप कह दीजिये की वो अल्लाह तआला एक ही है अल्लाह तआला बेनियाज़ है न उससे कोई पैदा हुआ ना वो किसी से पैदा हुआ ना ही कोई उसका हमसफ़र है |

इस सूरह का नाम इखलास है यानी की खालिस यानी बगैर मिलावट का वैसे ही इस सूरह से अल्लाह कौन है और क्या है ये साबित हो जाता है |

वैसे तो इस सूरह की तिलावत के हजारो फ़ज़ाइल है जो जबान से या लिख कर हम बयान नहीं कर सकते है लेकिन फिर भी हम कुछ फजाइल को ब्यान करने की कोशिस कर रहे है |

ये बात हदीस से भी साबित हुआ है सही मुस्लिम हदीस नंबर 1347 में माँ आयेशा रज़ि अल्लाहो तआला अन्हो फरमाती है की एक मर्तबा अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद मुस्तफा s.a.w ने एक शख्स को सदर बना कर एक लश्कर के साथ भेजा वो साहब जब भी नमाज़ पढ़ाते तो नमाज़ में अपनी रिकात को सूरह इखलास पर खतम करते लश्कर के वापस लौटने पर लोगो ने ये बात अल्लाह के रसूल के सामने रखी की ये शख्स अपनी हर नमाज़ का आखरी सूरह इखलास पर ही ख़तम करते है |

अल्लाह के रसूल ने फ़रमाया की तुम उस से पूछो की वो ये क्यों करता है लोगो ने जा कर उससे पूछा  उस साहब ने जवाब दिया क्यों की ये सुरह रब की रिफत बयान करते है और साबित करते है की अल्लाह बेनियाज़ है उसने किसी को पैदा नहीं किया और ना ही उनको किसी ने पैदा फ़रमाया और उस जैसा कोई  दूसरा नहीं है इसे में रहमान की रिफत  बयान होती है इसलिए में इसकी तिलावत करता हूँ और इस सुरह से मोहबत करता हूँ ये सुनकर अल्लाह के रसूल ने फ़रमाया की उस शख्स को जाकर  ये बता दो की रब भी उस से मोहब्बत करता है |

सूरह इखलास पढ़ने के फायदे

सुरह इखलास को एक बार पढ़ने का सवाब एक तिहाई क़ुरआन पढ़ने के बराबर माना गया है क्यूकि इस सुरह में तोहिद है और इस तोहिद से हम शिर्क करने से बच सकते है जो शख्स इस सुरह को कसरत और मोहब्बत से तिलावत करेगा वो इन्शाह अल्लाह जन्नत का हक़दार होगा |

दोस्तों अल तिमीजी नंबर 3220 में अबू हुरैरा (र.आ.) ताला अन्हु फरमाती है की एक दफा में नबी ऐ करीम सल्ललाहु अलैहि वसल्लम के साथ था नबी ने एक शख्स को सुरह इखलास तिलावत करते हुए देखा तो आप ने फ़रमाया की इसके लिए जन्नत वाज़िब हो गयी |

10 मर्तबा सुरह इखलास की तिलावत करने पर उस शख्स के लिए जन्नत तामील कर दिया जाएगा  मुसनद अहमद हदीस नंबर 8869 हजरत अनस (र.अ.) तआला अन्हा फरमाते है की अल्लाह के रसूल ने फ़रमाया है की  जो इन्शान 10 मर्तबा सुरह  इखलास की तिलावत करेगा अल्ल्हा ताला जन्नत में उसके लिए एक घर तमिल करते है शैतान के वसवसों से बचने के लिए सुरह इखलास को पढ़ कर बायीं तरफ 3 बार थूकना चाहिए |

सूरह इखलास इन हिंदी

अबू दाऊद हदीस नंबर 4722 से रिवायत है की अबू सलमा बिन अब्दुल रहमान फारमते है की अल्लाह के रसूल ने फ़रमाया की एक वक़्त आएगा जब लोगो एक दुसरो से बहुत सवाल करगे 

एक सवाल करेगा की मख़लूक़ को अल्लाह ने पैदा किया तो अल्लाह को किस ने पैदा किया वो शैतान होगा जब लोग ऐसे बात करेंगे तब कहना अल्लाह सिर्फ एक है उसका माबूद नहीं |

अल्लाह बेनियाज़ है उसने किसी को पैदा नहीं किया और उसे भी किसी ने पैदा नहीं किया और उसके बराबर कोई नहीं है फिर सुरह अख़्लास पढ़कर बाये तरफ थूककर अल्ल्हा की पनाह मांगना |

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