Shab e qadr
अस्सलामु अलैकुम भाइयो और बहनो आज हम आपके खिदमत में ऐसी पोस्ट लेकर आये है जिसमे Shab e qadr , lailatul qadr ki dua में पढ़ी वाली दुआ और नमाज़ का तरीका और लैलतुल क़द्र में पढ़ने वाली दुआ जानपाएंगे और वो इंसान बहुत खुश किस्मत होगा जो जिसे सब – ए – क़द्र मिली और इसने इस रात को इबादत की रात बितायी होगी |
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम
Shab – e – qadr mei padhne wali dua
वह दुआ जिसको सरवरे आलम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने उम्मुल मोमिनीन हज़रत आएशा सिद्दीका रजियल्लाहो तआला अन्हा को शबे क़द्र में विर्द करने के लिये तालीम फरमाई दुआ ये है अल्लाहुम्मा इन्नका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफ़वा फ़अफु अन्नी या ग़फूर
Namaz e janaza padhne ka asan tarika jaanne ke liye yaha click kare
namaz ki niyat
Shabe e qadar : नियत की मैंने चार रकअत नमाज़ Shab – e – qadr की नफ़्ल की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मौजूदा , मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर
Shab – e – qadr namaz ki tarika
नियत करके अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ बांध लेना है फिर सना पढ़ना है
सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दि का व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका
फिर अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम
फिर सूरह फातिया के बाद सूरह क़द्र एक बार और कुल्हुवल्लाहो शरीफ और सूरह इखलाश बीस बार पढ़े
नमाज़ के बाद कुल्हुवल्लाहो शरीफ और सूरह इखलाश लम यलिद व् लम यूलद – वलम यकुल्लहू कुफुवन अहद वलम यकुल्लहू कुफुवन अहद
फिर सौ बार दरूद शरीफ पढ़े जो भी दरूद शरीफ आपको याद होंगी
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Lailatul qadr namaz ka tarika
नियत करके अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ बांध लेना है फिर सना पढ़ना है
सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका
फिर अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम
आपके सुविधा के लिए दरूद शरीफ का इमेज निचे लगा दिया है
फिर सूरह फातिया पढ़े और सूरह क़द्र पढ़े तीन बार और कूल होवल्लाहु शरीफ पढ़े पांच बार फिर दूसरा रकअत में भी पढ़े सूरह फातिया और सूरह क़द्र तीन बार पढ़े
फिर तीसरा रकअत खड़े होकर सना पढ़े सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका
Darood sharif in image
फिर तीसरा रकअत खड़े होकर सना पढ़े फिर सूरह फातिया पढ़े जैसे दो रकअत की नमाज़ पढ़े है वैसे ही पढ़े इसी तरह से चार रकअत में सूरह फातिया के बाद सूरह क़द्र तीन बार पढ़े कूल होवल्लाहु शरीफ पढ़े पांच बार
फिर तश्बी पढ़े सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर और फिर दुआ कीजिये अल्लाह से सच्चे दिल से आपकी दुआ जरूर क़ुबूल होंगी
इसी तरह से दो-दो रकअत की नियत से सौ रक्अत नफ़्ल अदा करे ! हर रकअत में सूरए फातिहा के बाद एक बार सूरए क़द्र और तीन बार कुल हुवल्लाह शरीफ पढे और हर दो रकअत पर सलाम के बाद दुरूद शरीफ़ दस बार पढे ! जो भी दरूद शरीफ आपको याद हो
उम्मीद है आपको ये जानकारी बहुत अच्छी लगी होंगी अगर आपके के मन में कोई शिकायत या सुझाव है तो कमेंट जरूर करे
ALLAH HAFIZ