rozi ki dua | रोज़ी में बरकत और उसके फ़ज़ीलत हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम नाजरीन आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे रोज़ी की दुआ (rozi ki dua) के बारे में और उसके फज़ीलत के बारे में आप रसूल सल्लाहु अलैहि वसल्लम के फरमान को हर मुसलमानो को अमल करना चाहिए इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़े और दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे |

rozi ki dua

rozi ki dua hindi & urdu | रोज़ी में बरकत और उसके फ़ज़ीलत

हदीश शरीफ ( नाफा इखलाक ) में है के एक रोज एक शख्स रसूल सल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिदमत में आया और फिक्रों वफ़ाक़ा से रोया रसूल सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उस शख्स से इरशाद फरमाया के हर फ़राएज़ के बाद दस बार ईन्ना अंजलना पढ़ा करो और ब्रोज जुम्मा के दिन अपने नाख़ून को कटवाया करो उस शख्स ने बिलकुल ऐसा ही किया और मालदार हो गया |

نافع الخلائق می ہےکےایک روزایک صخس رسول اللہ کی خدمت مي آیا اور فقر وفاقہ سے رویا رسول اللہ نے فرمایا کے ہرفریضہ کے بعد دس مرتبا اِنَّا اَنّزَلّناَ پڑھا کر اورجمعہ کے دن ناخن کٹوایا کرو اعرابی نے ایساہی کیا مالدار ہوگیا 

rozi ki dua

दस मर्तबा इन्ना अंजलना पढ़े

इन्ना अन ज़लनाहो फी लैलातिलकद्र , वमा अदराका मा लैलातिलकद्र ,लैयला तुल क़द्रे खैरुन मिन-अल्फे शहर ,तनाज़ालुल मलाइकातो वररुहो फिहा बेइज़ने रब्बे हिम मिन कुल्ले अम्र ,सलामुन हेया हत्ता मतलाअहिल फज्र 

हज़रत सुलमान फारसी रदिअल्लाहो अन्हा रसूल सल्लाहु अलैहि वसल्लम से नक़ल फरमाते है के दस चीजों से रोज़ी में इज़ाफ़ा होता है |

حضرت سلمان فارسی رضی اللہ عنہَ رسول اللہ سے نقل فرماتے ہیں کے دس چیزوں سے روزی میں برکت ہوتی ہے

1, मां बाप के साथ नेकी करना
2, अकीक की अंगूठी पहनना
3, जुमरात के दिन नाख़ून कटवाना
4, किसी अंधे को हाथ पकड़ कर रास्ता दिखाना
5, कसरत से अल्लाह ता आला का जिक्र करना
6, मस्जिद में झाड़ू देना
7, पैसा और तेजारत ईमानदारी से करना
8, हलाल तरीके से खेती करना
9, हज करना
10, नेक रिज़्क़ खाना

1 ماں باپ کے ساتھ نیکی کرنا
2 عقیق کی انگوٹھی پہننا

3 جمعرات کے دن ناخون
4 کسی اندھے کو ہاتھ پکڑ کر راستَ دیخانا
5 کثرت سے اللہ تحالی کا ذکر کرنا
6 پاؤں میں جوتے پہننا

7 مسجد میں جھاڑو دینا
8 پیشہ اور تجارت ایمانداری سے کرنا
9 حلال طریقے سے کھتیں کرنا
10 حج کرنا

rozi ki dua Arabic

اَسّتَغّفِرُاللهَ الّعَظِيّمَ الَّذِىّ لَا اِلٰهَ اِلَّاهُوَ الّحَىُّ الّقَيُّوّمُ وَاَتُوّبُ اِلَيّهِ

Tarjuma in urdu

اللہ رب العزت سے معافی مانگو جو خدا نہیں جو زندہ اور زندہ ہے اور خدا سے توبہ کرے

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