Namaz ka Tarika – Namaz ka Tarika हिंदी में

Namaz ka tarika : अस्सलामो अलैकुम आज हम नमाज़ के तरीका के बारे में जानेंगे सबसे पहले आप वजू करें अगर आपको नहाने की जरुरत है यानि के अगर आप पाक साफ़ नहीं है तो नहा लें और अगर आप पाक साफ़ है तो आपकी मर्जी है आप नाहा भी सकते है और नहीं भी अगर आपके पास जमाअत का समय है तो आपको मस्जिद के इमाम साहब के पीछे नमाज अदा करना चाहिए ऐसे तो मस्जिद में भी वजू बनाने का इंतेजामात होते है लेकिन घर से वजू बनाकर जाना चाहिए और अगर आप अकेले नमाज़ पढ़ रहे है सबसे पहले वजू कीजिये फिर आप क़िबला के तरफ मुंह कर के खड़े हो जाएँ और फिर नमाज़ की नियत करें जुबान से बोल कर नियत करना जरुरी नहीं है लेकिन फिर भी अगर कह ले तो अच्छा ही है नियत मन में भी किया जा सकता है|

 Namaz ka tarika In Hindi

नमाज़े फज्र की दो रकअत सुन्नत:- 

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फज्र की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

नमाज़े फज्र की दो रकअत फ़र्ज़:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फज्र की फज्र के अल्लाह तआला के वास्ते मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

नमाज़े जुहर की चार रकत सुन्नत:-

नियत की मैंने चार रकत नमाज़ जुहर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

नमाज़े जुहर की चार रकत फ़र्ज़:-

नियत की मैंने चार रकत नमाज़ जुहर की फज्र वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

बाद नमाज़े जुहर की दो रकत सुन्नत:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जुहर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

जुहर की दो रकत नफिल:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जुहर की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर. 

अस्र की चार रकत सुन्नत:-

नियत की मैंने चार रकत नमाज़ अस्र की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

अस्र की चार रकत फर्ज:-

नियत की मैंने चार रकत नमाज़ अस्र की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

मगरिब की तीन रकत फर्ज:-

नियत की मैंने तीन रकत नमाज़ मगरिब की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

मगरिब की दो रकत सुन्नत:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ मगरिब की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

ईशा की चार रकत सुन्नत:- 

नियत की मैंने चार रकत नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज से पहले वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

ईशा की चार रकत फर्ज:-

नियत की मैंने चार रकत नमाज़ ईशा की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

बाद ईशा दो रकत सुन्नत:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज के बाद वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

वित्र की तीन रकत वाजिब:-

नियत की मैंने तीन रकत नमाज़ वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

मस्जिद में दाखिल होने की दो रकत सुन्नत:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ मस्जिद में दाखिल होने की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

जमअ: से पहले की चार रकत सुन्नत:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जमअ: से पहले सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

जमअ: की दो रकत फर्ज:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जमअ: की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

बाद जमअ: चार रकत सुन्नत:-

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ बाद जमअ: रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर. 

1नमाज़ का सही तरीका हिंदी भाषा में

Namaz ka tarika : सबसे पहले आप तकबीर यानि के अल्लाहु अकबर बोलते हुवे अपने दोनों हांथो को अपने नाभ के निचे बांध लीजिये याद रहे कभी भी बायां हाँथ निचे होना चाहिए और दाहिना हाँथ ऊपर आप अपने बाएं हांथो को बिलकुल खुला रखें और अपने दाहिने हांथो के पंजो को बाएं हांथो के गट्टे पर रख लें आपकी दाहिने हांथो की तीन उंगलिया खुली होने चाहिए|

नियत बाँधने के बाद अब तस्बीह सुबहा न क … पढ़ें उसके बाद तअउवुज (आऊजुबिल्लाह) और उसके बाद तस्मिया (बिस्मिल्लाह) पढ़ें फिर उसके बाद सूरेह फातिहा पढ़ें यानि के अलहमदू लिल्लाह पढ़े उसके बाद कोई सा भी सुरह जैसे कुल या और कोई सा भी पढ़े

आपका सुरह जब पूरा हो जाए उसके बाद आपको तकबीर कहते हुवे रुकू के लिए झुक जाइये रुकूअ में आप अपने दोनों हथेलियों को घुटनो पर मजबूती से पकड़िए अपने पिण्डुलियों को सीधी कड़ी रखिये दोनों कुहनियों को भी सीधे रखिये कमर को फैलाएं अपने सर को कमर के सीधे में रखिये और नजर को अपने पैरों पर रखिये – उसके बाद तीन बार आप तस्बीह सुबहा-न रब्बियल अजीम पढ़ें

Namaz ka tarika हिंदी भाषा में

कौमा. फिर उसके बाद समीअल्लाहु लिमन हमीदह बोलते हुवे आप खड़े हो जाएँ और फिर रब्बना लकल हम्द बोलिये फिर आप तकबीर कहते हुवे सजदे के लिए झुकिए सबसे पहले आप जमीन पर अपने दोनों घुटने को रखिये फिर दोनों हांथों को रखिये फिर अपने माथे को जमीन पर रखें आपका नाक जमीन में लगा होना चाहिए किसी भी नमाज़ी को सजदा के दौरान माथे को जमीन पर रखना जरुरी है नहीं तो आपका नमाज नहीं होगा|

उसके बाद आप तकबीर बोलते हुवे दोनों जानिब बैठ जाएँ बैठने के लिए आप घुटने को मोड़ कर पहले आप अपना बायां पैर को जमीन पर बिछा लीजिये उसके बाद अपने दाहिने पैर के पंजे की उँगलियों पर बैठ जाईये और अपने दोनों हांथो को अपने पैरों के दोनों घुटने के ऊपर रख लीजिये और हांथो के उँगलियों को क़िबला के तरफ ही रखें आधे मिंट के बाद यानि के आराम से बैठ जाने के बाद आप अपने दूसरे सजदे को मुकम्मल कीजिये तकबीर को बोलते हुवे आप सजदे में जाईये और फिर सुबहा-न रब्बिल अअ ला पढ़ें उसके बाद तकबीर को बोलते हुवे आप सीधे खड़े हो जाईये सजदे से उठने या खड़े होने का बेहतर तरीका यह है की सबसे पहले आप अपनी पेशानी को जमीन से उठाइये फिर अपने दोनों हांथो को उठा कर अपने दोनों घुटने पर रखिये उस के बाद सीधे खड़े हो जाइये .. अब आपकी पहली रकअत नमाज़ मुकम्मल हो चूका है इसी तरह आपको दूसरी रकअत को पूरा करना है|

दूसरे रकअत में आप सबसे पहले सुरह फातिहा पढ़ें उसके बाद आप कोई सा भी सुरह पढ़ें लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा की दूसरे रकअत में पढ़ा जाने वाला सुरह पहली रकअत इ पढ़ी जाने वाली सुरह से बड़ी न हो यानि के दूसरी रकअत की सुरह पहली रकअत के सुरह से छोटा होना चाहिए|

दूसरे सजदे को मुकम्मल करने के बाद आप अपने पैर के पंजो पर बैठ जाइये उसके बाद “At-tahiyyatu lillahi was-salawatu wat-taiyibatu . Assalamu ‘Alaika aiyuha-n-Nabiyu warahmatullahi wa-barakatuhu.
Assalamu alaina wa-ala ibadi-l-lahi as-salihin, Ashhadu an la ilaha illallahwa ashhadu anna Muhammadan Abdu hu wa Rasuluh. पढ़ें अगर अपने दो रकत नमाज़ की नियत किये थे तो अत्तहियात के दरूद शरीफ पढ़िए और फिर उसके बाद दुआ पढ़िए अल्लाह हुम्-म इन्नी…

salaam 

फिर आप सलाम यानी के (अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह) कहते हुवे अपनी दाहिने तरफ अपने सर को मोड़िये फिर दुबारा उसी तरह अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह बोलते हुवे अपनी सर को बाए तरफ मोड़ें अब आपकी नमाज़ मुकम्मल हो चूका है उसके बाद दुआ पढ़िए …अल्लाहुम-म-अंतसलामु आप और भी दुआ मांग सकते है|

इसी तरह आप 3  4 रकत की नमाज़ को भी पढ़ सकते है नमाज़ पढ़ने के लिए सबसे जरुरी बात यह की आपको कुछ क़ुरआन शरीफ की सुरह को याद करना होगा|

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