Fajr Namaz Ka Tarika Aur Namaz Timings

Fajr Namaz, या फिर कोई और नमाज़ किसी भी नमाज़ को अदा करने से पहले उस नमाज़ का वक़्त का ख़ास ख़्याल रखें  तमाम मुसलमान भाईयो बहनों से गुजारिश है की नमाज़ को जमात के साथ ही पढ़ने की कोशिस करे यानी मस्जिद में इमाम के पीछे ही नमाज़ अदा करे | 

सभी बहनों से गुजारिश है नमाज़ो की पाबंदी कीजिये हर नमाज़ को वक़्त पर अदा कीजिये नमाज़ पढ़ने के लिए सबसे जरुरी बातें आपका जिस्म यानि बदन (Body) पाक होना चाहिए आपके जो कपडे पहन रक्खे है वो पाक होना चाहिए और जिस जगह आप नमाज़ पढ़ेंगे वो जगह पाक साफ़ होना चाहिए असर की फज्र नमाज़ में कुल 4 रकात होती है 2 रकात फ़र्ज़ और 2 सुन्नत है |

Fajr Namaz Ka Tarika Aur Namaz Timings In Hindi

Namaz timings : नमाज ए फजर का वकत फज्र ए सादिक से ले कर तुलु ई आफताब तक है। या तुलु ई आफताब के बाद नमाज  फज्र क़ज़ा हो जाति है। 

सबसे पहले फर्ज में तकबीर बोले

फज्र नमाज़ का तरीका और नियत हिंदी में

नियत की मैंने दो रकात फर्ज वक़्त फज्र की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर कह कर नियत बाँध लें |

पहला रकअत फ़र्ज़

  • सबसे पहले आप सना पढ़ें : सुब्हानका कल्लाहुम्मा वा बिहमदिका वा ताबाराकसमूका वा ताआला जद्दूका व ला इलाहा गैरूक |
  • फिर उसके बाद पढ़े : आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रही |
  • फिर उसके बाद पढ़े : सूरह फातिहा पढ़े यानि (अल्हम्द दो लिल्लाहे रब्बिल आलमीन…)
  • अब आप क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें |

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें और अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहे फिर उसी तरह दूसरी सजदा करे आप फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ

दूसरे रकात में आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें|

इसके बाद और आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम दोकहें |

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें और अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहे फिर उसी तरह दूसरी सजदा करे आप 

  • सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुवे अपने शहादत के ऊँगली को उठायें |
  • उसके बाद एक मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ें |
  • उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें |

और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह दाएं जानिब मुंह फेरे

फज्र की दो रिकात सुन्नत

नियत की मैंने दो रकात सुन्नत वक़्त फज्र की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर कह कर नियत बाँध लें |

  • सबसे पहले आप सना पढ़ें : सुब्हानका कल्लाहुम्मा वा बिहमदिका वा ताबाराकसमूका वा ताआला जद्दूका व ला इलाहा गैरूक |
  • फिर उसके बाद पढ़े : आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रही |
  • फिर उसके बाद पढ़े : सूरह फातिहा पढ़े यानि (अल्हम्द दो लिल्लाहे रब्बिल आलमीन…)
  • अब आप क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें |

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें और अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहे फिर उसी तरह दूसरी सजदा करे आप फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ

दूसरे रकात में आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें|

इसके बाद और आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम दोकहें |

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें और अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहे फिर उसी तरह दूसरी सजदा करे आप 

  • सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुवे अपने शहादत के ऊँगली को उठायें |
  • उसके बाद एक मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ें |
  • उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें |

और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह दाएं जानिब मुंह फेरे

नमाज के बाद दुआ पढने के लिए क्लिक करे 

निचे दिए गए लिंक को जरूर पढ़ें

अगर आपको ये इनफार्मेशन अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें हो सकता है आपके वजह से किसी की नमाज़ दुरुस्त हो जाएँ अल्लाह हाफ़िज़

Leave a Comment