Dua after azan in hindi -अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो आज हम आपके लिए लेकर आये है Dua after azan और accepted dua,importance of dua or way of azan जिससे आप सभी लोगो को ये जानकारी मिलेगी की अज़ान के बाद दुआ पढ़ना कितना जरूरी और कितना फायदे मंद होता है जिससे हमरे सारे दुआ क़ुबूल हो जाते है|

Dua after azan

अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़िहिद द – वातित्ताम्मति वस्सलातिल क़ाइमति आति मुहम्म – द – निल वसी लता वल फ़ज़ी – ल – त – वद्द – र – ज तरफ़ी – अ – त वब् – असह मक़ामम महमूद निल – लज़ी व अत्तहू वर्जुक्ना शफ़ा अ – त – हु यौमल क़ियामति इन्न – क़ ला तुस्लिफुल मिआदि०

Dua after azan in english

Allahumma rabba hazihi-d-dawatit-tammaa was-salatil qaimah,Aati muhammadan Al-wasilata wal fazilah,waba’ashu maqaman mahmudan-Al-lazi waadtah

अज़ान देना क्यू जरुरी है

अज़ान ये बताता है की  अज़ान के फ़ज़ाइल और इस के षवाब के बयान में बहुत सी हदीषे आई हैं । तिरमिजी व अबू दावूद व इसमें माजा की हृदीष है कि जो शख्स सात बरसो तक श्वाब की निय्यत से अज़ान पढ़ेगा उस के लिये जहन्नम से नजात लिख दी जाएगी अज़ान इस्लाम का निशान है|

अगर किसी शहर या गाऊं के लोग अज़ान पढ़ना छोड़ दें , तो बादशाहे इस्लाम उन को मजबूर कर के अज़ान पढ़वाए और इस पर भी लोग न मानें तो उन से निवेदन करे पांचों नमाज़ों और जुमुआ को मस्जिद में जमाअत के साथ अदा करने के लिये अज़ान पढ़ना सुन्नते मुअक्कदा है और इस का हुक्म यह बात कही गयी है की अगर अज़ान न पढ़ी गई हो तो वहां के सब लोग गुनहगार हकदार होंगे|

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Full azan in arebic

मस्जिद के किसी खारिज जगह परफ मुँह करके क़िबला के मुँह करके किसी उचे जगह पर खड़े होकर अपने कानो के सुराखों में उंगलिया डालकर तेज़ आवाज़ से कहे

meaning of azan in hindi

अल्लाहु अकबर,अल्लाहु अकबर, अल्लाह सब से महान है

अल्लाहु अकबर,अल्लाहु अकबर, अल्लाह सब से महान है

अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह,मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई नहीं

अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह,मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई नहीं

अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह,मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्ल. अल्लाह के रसूल हैं

अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह,मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्ल. अल्लाह के रसूल हैं

ह़य्य ‘अलस्सलाह, आओ इबादत की ओर

ह़य्य ‘अलस्सलाह, आओ इबादत की ओर

ह़य्य ‘अलल्फलाह,आओ सफलता की ओर

ह़य्य ‘अलल्फलाह,आओ सफलता की ओर

अस्‍सलातु खैरूं मिनन नउम,नमाज़ नींद से बहतर है

अस्‍सलातु खैरूं मिनन नउम,नमाज़ नींद से बहतर है

अल्लाहु अकबर,अल्लाहु अकबर, अल्लाह सब से महान है

ला-इलाहा इल्लल्लाह,अल्लाह के सिवा कोई इबादत के काबिल नहीं

Importance of dua after azan 

हिकायत हज़रात सय्यदूना याहया बिन सईद बिन कत्तान  ने अल्लाह को ख़्वाब में देखा , अर्ज की , इलाही  मैं अक्सर दुआ करता हूं और तू क़बूल नहीं फ़रमाता हुक्म हुवा ऐ यहूया मैं तेरी आवाज़ को पसंद करता हु दोस्त रखता हूं इस वासिते तेरी dua की कबूलिय्यत में ताख़ीर करता हूं

अभी जो हदीस पाक और हिकायत गुज़री उस में येह बताया गया है कि अल्लाह 5 को अपने नेक बन्दों की गिर्या व जारी पसन्द है तो यूं भी बसा अवकात कबूलिय्यते दुआ में ताख़ीर होती है अब इस मस्लहत को हम कैसे समझ सकते हैं बहर हाल जल्दी नहीं मचानी चाहिये|

Accepted dua

अवक़ात कबूलिय्यते दुआ  की ताख़ीर में काफी मुश्किल भी होती हैं जो हमारी समझ में नहीं आतीं । हुजूर सरापा नूर फैज़ गन्जूर सल्ललाहो अलय वसल्लम ने फ़रमाया जब अल्लाह का कोई प्यारा दुआ  करता है तो अल्लाह तआला जिब्रईल से इर्शाद फ़रमाता है रुको अभी ताकि फिर मांगे कि मुझ को इस की आवाज़ पसन्द है और जब कोई काफ़िर या फ़ासिक दुआ करता है तो अल्लाह फ़रमाता है  ऐ जिब्रईल इस का काम जल्दी कर दो  ताकि फिर न मांगे कि मुझ को इस की आवाज़ नापसंद है ।

हदीस शरीफ़ में है कि खुदाए तआला तीन आदमियों की दुआ क़बूल नहीं करता ।

1एक वोह कि गुनाह की दुआ मांगे 2 दूसरा वोह कि ऐसी बात चाहे कि कत्ए रेहूम हो 3 तीसरा वोह कि क़बूल में जल्दी करे कि मैं ने दुआ मांगी अब तक क़बूल नहीं हुई  इस हदीस में फ़रमाया गया है कि ना जाइज़ काम की दुआ न मांगी जाए कि वोह क़बूल नहीं होती नीज़ किसी रिश्तेदार का हक़ जाएअ होता हो ऐसी दुआ भी न मांगें और दुआ की क़बूलिय्यत के लिये जल्दी भी न करें वरना दुआ कबूल नहीं की जाएगी दुनिया की नेकी दार भलाई वाली हेर चीज़ और सबका इलाज़ सिर्फ क़ुरआन हदीस है|

उम्मीद है आपको ये जानकारी बहुत अच्छी लगी होंगी अगर आपके के मन में कोई शिकायत या सुझाव है तो कमेंट जरूर करे 

ALLAH HAFIZ

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