Cancer Ki Dua | कैंसर की दुआ हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज की पोस्ट में एक बहुत अहम टॉपिक पे बात करने वाले है। जिसका सही और सटीक इलाज अभी नहीं बना है जिसे कैंसर की बीमारी के नाम से जानते है। और आज यही बताने वाला हूँ की कैंसर को से कैसे ठीक किया जा सकता है।

अगर यह पोस्ट कोई डॉक्टर या नॉन मुस्लिम पढ़ रहा है तो मेरी बातो से इतफाक नहीं रखेगा और उनका कहना भी सही है। क्युकी इतनी भी बीमारी जिसकी पुख्ता इलाज अभी तक नहीं निकल पाया वह सिर्फ कुछ कुरान की आयत पढ़ने से ठीक हो जायेगा।

तो मै उनको यह भी बता देता चाहता हूँ की बहुत सारे लोग कैंसर की इलाज करवाते है लेकिन फिर भी ठीक नहीं हो पाते। तो इसका मतलब यह है की इलाज सही से नहीं हो पाया।

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जी बिलकुल नहीं बल्कि बीमारी और सिफ़ा अल्लाह सुबान व ता’अला के पास है वही बीमारी देता है और वही सिफ़ा देता है। अब इसका हरगिज मतलब यह नहीं है की डॉक्टर से इलाज ना करवाए और सिर्फ कैंसर की बीमारी की दुआ पढ़ने से कैंसर ठीक हो जायेगा।

बल्कि मेरा और उलमा ये कराम की मौकिफ यह है की डॉक्टर से इलाज भी करवाए और साथ साथ रूहानी यानि कुरान व हदीस से भी इलाज करवाए।

कैंसर क्या है?

कैंसर तब शुरू होता है जब एक या एक से अधिक कोशिकाओ के जीन में कुछ परिवर्तन होता है। जीन DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) के टुकड़े होते हैं जो हर कोशिका के अंदर होते हैं। कुछ जीन कोशिका को बताते हैं कि क्या करना है और कब बढ़ना है और विभाजित होना है। लेकिन जब ये जीन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो कोशिका कैंसर की कोशिका बन सकती है, और यह उस तरह से काम नहीं करती जैसा उसे करना चाहिए। एक बार कैंसर शुरू होने के बाद, यह नियंत्रण से बाहर हो सकता है, सामान्य कोशिकाओ की जगह लेता है, और सामान्य कोशिकाओ को जो उन्हें करना चाहिए वह करने से रोकता है।

उसी तरह गूगल में रिसर्च किया तो पाया की यहाँ पर भी बहुत सारी वेबसाइट ने अलग अलग दुआ बताया है जिससे कैंसर की इलाज हो सकता है।

लेकिन मै किसी भी तरीके को गलत नहीं कहता क्युकी कुरान में खुद अल्लाह सुबान व ता’अला फरमाते है की

وَنُنَزِّلُ مِنَ ٱلْقُرْءَانِ مَا هُوَ شِفَآءٌ وَرَحْمَةٌ لِّلْمُؤْمِنِينَ

और हम क़ुरान में वह उतारते हैं जो ईमान वालों के लिए शिफ़ा और रहमत है।

लेकिन मै इतना जरुर कहूँगा की कही से भी जानकारी ले मगर जानकारी देने वाले की बारे में जरुर मालूम कर ले की वह कहाँ से यह बता रहा है।

नाज़रीन मै कोई इस्लामिक स्कॉलर नहीं हूँ इसीलिए कुछ लोग मेरी बातों से इतफाक नहीं रखेंगे। लेकिन मै जो आज यहाँ पर कैंसर से शिफा की दुआ बताने जा रहा हूँ। यही तरीका आपको ज्यादा तर उलमा बताते है।

कैंसर की दुआ हिंदी में पढ़ने का तरीका ये है की अगर मरीज खुद पढ़ सके तो ठीक है। अगर न पढ़ सके तो घर का कोई भी फर्द पढ़ सकता है जिसका कुरान बिल्कुल सही पढ़ने आता हो।

जो शख्स यह दुआ पढ़ने जा रहा है उस शख्स को वज़ू करना है और

सबसे पहले 11 मर्तबा दरुदे इब्राहीम पढ़े।

फिर 11 मर्तबा सुरह फातिहा पढ़े।

फिर कुरान की सुरह मुल्क आयत नंबर 14 2022 मर्तबा पढ़े।

फिर 11 मर्तबा सुरह फातिहा पढ़े।

आखिर में 11 मर्तबा दरूद इब्राहीम पढ़े।

इन सभी को पढ़कर पानी पर दम करे अगर दवाई है तो इस पर भी दम करे और मरीज पर भी दम करना है। तो आप देखेंगे इंशाअल्लाह मरीज को इस दुआ से बहुत फायदा होगा।

बस दोस्तों जिसको भी कैंसर की इलाज रूहानी तरीके से करना है यही तरीके को मानते हुए कर सकता है।

सुरह मुल्क आयत नंबर 14

कैंसर का इलाज कुरान से बताने जा रहा हूँ जो कुरान शरीफ की 67 पारा में मौजूद है जिसे सुरह मुल्क के नाम से जानते है। इसी सुरह के आयत नंबर 14 को पढ़ना है जो कुछ यु है:

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أَلَا يَعۡلَمُ مَنۡ خَلَقَ وَهُوَ ٱللَّطِيفُ ٱلۡخَبِيرُ

कैंसर की दुआ कुरान में हिंदी में

अला यालमु मन खला क़ा वा हुवल लतीफुल खबीर

कैंसर की दुआ अंग्रेजी में

Alaa ya’lamu man khalaqa wa huwal lateeful khabeer

नाज़रीन इस पोस्ट में आपने जाना की कैंसर की दुआ से भी इलाज किया जा सकता है लेकिन इसके साथ डॉक्टर वाली दावा का भी इलाज करना होगा।

और फिर अल्लाह ता’अला पर छोड़ दे क्युकी बीमारी और शिफा उसी की तरफ से आती है. बस आप सभी को तवक्कुल कर लेना है।

इसी तरह का इस्लामिक दुआ और तरीका सीखने के लिए duanamaz.com इस्लाम ब्लॉग पर बने रहिये और अपने दोस्तों को भी इसके बारे में बताते रहे। खुदा हाफिज !!

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