Tahajjud Ki Namaz Ki Dua | तहज्जुद की नमाज की दुआ हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो आज़ के इस खुबसूरत पैग़ाम में आप बहुत ही रहमत व बरकत भरी दुआ यानी तहज्जुद की दुआ हिंदी में जानेंगे हमने यहां पर तहज्जुद की दुआ बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में पेश किया है।

जिससे आप तहज्जुद की दुआ आसानी से जान जाएंगे यकीनन अगर आप इस पैग़ाम को ध्यान से पढ़ेंगे तो अपने जहन में इसे ज़रूर बसा लेंगे इसी लिए इस पैग़ाम को ध्यान से आख़िर तक पढ़ें।

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तहज्जुद की नमाज़ की दुआ

अल्लाहुम्म लकल हम्दु अन्त नूरुस् समावाति वल अर्जि व मन फीहिन्न व लकल हम्दु अन्त कयिमुस् समावाति वल अर्जि व मन फीहिन्न अन्तल हक्कु व अदुकल हक्कु व लिकाउकल हक्कु वल जन्नतु हक्कुन वन्नारू हक. नबियु क मुहम्मदुन हक्कुन वस्सा अतु हक. अल्लाहुम्म ल क असलमतु व बि क आमन्तु व अलैक तवक्कल्तु व इलै क अनब्तु व बि क खासम्तु व इलै क हाकम्तु कगफिरली मा कद दम्तु व मा अख्खरतु व अ स् ररतु व अन्त इलाही ला इलाह इल्ला अन्त

तहज्जुद की दुआ अंग्रेजी में

Allahumma Lakal Hamdoo Anta Nurus-samaawati Wal Arzee Wa Man Fiheenn Wa Lakal Hamdoo Anta Qayimus Samaawati Wal Arzee Wa Man Fiheenn Antal Hakoo Wa Adukal Hakku Wa Leeka’ukal Hakku Wal Zannatu Haqqun Wannaru Haq Nabiyu Ka Muhammadun Haqqun Wasaa’ Atu Haq Allahumma La Ka Asalamatu Wa Bi Ka Aamantu Wa Alaika Tawakkaltu w ilaika Anbtu Wa Bi Ka Khasmatu Wa ilaika Haaqmatu Kagfirlee Maa Qad Damtoo Wa Maa Akhkhratu Wa Asr-ratu Wa Anta ilaahi Laa ilaha illa Anta.

तहज्जुद की दुआ का तर्जुमा हिंदी में

इलाही तेरे लिए हम्द आसमान व जमीन और जो कुछ इनमें मौजूद सब का तू कायम रखने वाला और तेरे लिए हम्द है तू ही नूर सब का जो भी आसमान और जमीन पर मौजूद है सब तेरे लिए हम्द है तू सब का बादशाह है और तेरे लिए सब हम्द है तू और तेरा वाअदा और तेरा कौल हक है और तुझ से मिलना यानी कियामत भी हक है।

दोजख, अम्बिया और मोहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम हक हैं ऐ अल्लाह तेरे लिए इस्लाम लाया और तुझ पर इमान लाया और तुझ पर ही तवक्कुल किया और तेरी तरफ रुजु किया और तेरी मदद से खुसूमत की और तेरी ही तरफ फैसला लाया।

तू बख्श दे मेरे लिए वह गुनाह जो मैंने पहले और पीछे किया या फिर छिपा कर किया और एलानीया किया और वो गुनाह जो तू मुझ से ज्यादा जानता है तू ही आगे बढ़ाने और पीछे हटाने वाला है तेरे सिवा कोई मा’बुद नहीं – यह तरजुमा किताब बहार ए‌ शरीयत में लिखी हुई है।

तहज्जुद की दुआ की फजिलत

सबसे पहले आप को बता दें कि तहज्जुद की नमाज के बारे में कुरान पाक में है कि तहज्जुद की नमाज अदा करने से अंबार फायदे होते हैं।

इसीलिए आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि तहज्जुद की दुआ भी बहुत ख़ास होगी, तहज्जुद की दुआ को तहज्जुद की नमाज अदा करने के बाद पढ़ने से दुआ कुबूल होती है।

तहज्जुद की नमाज के साथ साथ तहज्जुद की दुआ पढ़ने वाले भी जन्नत में दाखिल होंगे क्योंकि तहज्जुद की नमाज पढ़ने के बाद ही दुआ आप पढ़ेंगे।

तहज्जुद की दुआ पढ़ना एक तरह से आप को आंतरिक के साथ साथ शारीरिक और मानसिक क्षमता के साथ मजबूती प्रदान करती है।

तहज्जुद की दुआ की एक और सबसे लज़ीज़ फजीलत यह है कि यह आप को कब्र की अजाब से निजात दिलाएगी जो नमाज पढ़ने से है।

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तहज्जुद में क्या पढ़ना चाहिए?

तहज्जुद में सबसे पहले नियत करने के बाद‌‌ अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ कर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ ने के बाद सूरह फातिहा फिर सूरह इखलास पढ़ना चाहिए।

इसके बाद बाकी नमाज पढ़ने की तरह ही रूकुअ सजदा करने के बाद अत्तहियात फिर दुरूदे इब्राहिम और दुआए मसुरा पढ़ना चाहिए।

हर दो रकात के बाद आप चाहें तो इस दुआ यानी तहज्जुद की दुआ पढ़ सकते हैं या फिर अपने मन मुताबिक तहज्जुद की नमाज पढ़ने के बाद आख़िर में भी पढ़ सकते हैं।

आप आख़िर में अपना ख्वाहिशात के मुताबिक भी ज़रूर दुआ करें जिससे आप अपने इच्छा पुरा कर सकें इंशाअल्लाह आप की दुआ ज़रूर कुबूल होगी।

अगर आप दुआ मांगने का सही मुकम्मल और दुरूस्त तरीका भी जानना चाहते हैं तो यहां पर दुआ मांगने का सही तरीका पे क्लिक करके जान लें।

तहज्जुद का सही वक्त क्या है?

तहज्जुद का सबसे ख़ास और सही वक्त नमाज ए फजर से पहले है।

तहज्जुद की नमाज पढ़ने से क्या फायदा होता है?

तहज्जुद की नमाज पढ़ने की सबसे अच्छी फ़ायदा जहन्नम से निजात होती है।

तहज्जुद की नमाज में कौन सी दुआ पढ़ी जाती है?

तहज्जुद की नमाज में तहज्जुद की दुआ और अन्य दुआ भी पढ़ी जाती है।

तहज्जुद की नमाज की दुआ पढ़ने के क्या फायदे हैं?

तहज्जुद की नमाज की दुआ पढ़ने से दुआओं की कुबुलियत होती है।

आप को यह पैगाम अच्छा लगा हो यानी इस पैग़ाम से जो भी थोड़ी बहुत इल्म हासिल हुई हो तो अपने इल्म को भी फैलाएं और इस पैगाम को भी जिसे आपके साथ साथ हम दौलते नेकी से मालामाल हो जाएं क्योंकी गुनाहों से तो मालामाल पहले से ही हैं शुक्रिया।

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