Namaz Kin Cheezon Se Toot Jati Hai | नमाज किन चीजों से टूट जाती है

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन हर एक मुस्लमान को मालूम होना चाहिए की नमाज किन चीजों से टूट जाती है क्युकी इसके बिना जानकारी होने से आपकी नमाज़ कबूल नहीं होती है।

आज कल के बहुत सारे मुस्लमान ऐसे भी है जो दुसरे से देख कर सीखते है इसमें कोई बुरा नहीं है दुसरे से सीखना लेकिन परेशानी तब होती है वो शख्स भी गलत पढता है जिससे आप सीख रहे है।

पुराने ज़माने से कुछ ऐसे भी रीती रिवाज चलते आ रहे है जिसको काफी मुस्लमान समझते है की ये कुरान और हदीस से साबित है लेकिन अफ़सोस की बात है की वह बस एक गलत्फेमियां होती है।

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इसी लिए आज की पोस्ट में आपको सिखने को मिलने वाला है की वह कौन सा काम है जो नमाज़ के दौरान करने से आपकी नमाज़ टूट जाती है और आपको पता भी नहीं लगता।

इसके साथ कुछ ऐसे भी गलत्फेमियां है जो हदीसो से साबित है उसको करने से नमाज़ नहीं टूटती लेकिन हम लोग समझते है की उसको करने से टूट जाती है।

मुफसीदत नमाज क्या है

नमाज़ के भाषा में इसे मुफसीदत नमाज कहते है जिनका मलतब है की वह काम और बाते जिनकी वजह से नमाज़ टूट जाती है सजदा शाहव करने से भी नमाज़ दुरुस्त नहीं होती और फिर से दोबारा नमाज़ पढ़ना लाजमी होता है।

नमाज किन चीजों से टूट जाती है

नमाज़ के अन्दर जितनी भी वह चीज़े है जिनसे नमाज़ टूट जाती है उन सभी को एक साथ यहाँ पर बताने जा रहा हूँ जिसको आप ध्यान पढ़ना और सीखना।

नमाज़ जिन चीज़ों से टूट जाती है उसके बारे में यहाँ पर लिखा हुआ है

  1. नमाज़ के अन्दर बात करने से नमाज़ टूट जाती है चाहे थोड़ा बोले या कम बोले चाहे ख़ुशी से बोले या गम से बोले फिर नमाज़ टूट जाती है।
  2. नमाज़ के हालत में सलाम का जवाब देना या किसी को नमाज़ के दौरान आप सलाम करे ये सभी आदत नमाज़ को तोड़ देती है।
  3. किसी को छींक आने पर जवाब में नमाज़ी ने “यरहमुकल्लाह” या जवाब की नीयत से “अलहम्दुलिल्लाह” कहा तो नमाज़ फ़ासिद हो गई।
  4. ख़ुशी की खबर सुन कर “अलहम्दुलिल्लाह” कहना यानि किसी ने आप से कहा की आप एग्जाम में पास हो गया और आप ने नमाज़ पढ़ते पढ़ते “अलहम्दुलिल्लाह” कहा तो नमाज़ टूट जाएगी।
  5. आख़िरी रकअत में जानबूझ कर बातचीत करने से नमाज़ उसी वक़्त टूट गयी।
  6. नमाज़ पूरी होने से पहले भूल कर सलाम फेर दिया तो कोई हर्ज नहीं और जानबूझ कर सलाम फेरा तो नमाज़ टूट जाती है।
  7. अगर कोई शख्स नमाज़ पढ़ रहा है तो उसमे इतनी आवाज़ हो कम से कम वह ख़ुद सुन सके अगर कोई रुकावट न हो, जैसे कोई शोर ग़ुल वग़ैरा और अगर इतनी आवाज़ भी न हो तो नमाज़ टूट जाती है।
  8. नमाज़ में छींक आई और किसी दूसरे ने “यरहमुकल्लाह” कहा और उसने जवाब में कहा आमीन नमाज़ फ़ासिद यानि खत्म हो गई।
  9. बुरी ख़बर सुनकर “इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलेही राजिऊन” पढ़ना या किसी बात के जवाब में क़ुरआन के किसी लफ़्ज़ से किसी को जवाब देना इन सभी बातो से नमाज़ टूट जाती है।
  10. साँप, बिच्छू को नमाज़ में मारना उस वक़्त जाइज़ है कि सामने से गुज़रे और तकलीफ़ देने का ख़ौफ़ हो और अगर तकलीफ़ पहुँचाने का अंदेशा न हो तो मकरूह है।
  11. किसी नमाज़ी को किसी जानवर ने एक दम तीन क़दम के बराबर आगे या पीछे या दाये या बाए खींच लिया या ढकेल दिया तो नमाज़ टूट गई।
  12. भीड़ की वजह से तीन बार “सुब्हानल्लाह” कहने के बराबर वक़्त तक औरतों की सफ़ में चला गया या इमाम से आगे हो गया नमाज़ टूट गई।
  13. सत्र यानि वह जगह जिसको छुपाने का हुक्म है उसको खुलने से नमाज़ टूट जाती है और जानबूझ कर सत्र खोलना बिल्कुल नमाज़ को फ़ासिद कर देता है चाहे फ़ौरन ढक ले उसमें वक़्त का कोई लिहाज़ नहीं।
  14. नापाक जगह पर बग़ैर कोई पाक चीज़ बिछाए हुए सजदा किया नमाज़ फ़ासिद हो गई।
  15. जिस्म या कपड़े में इतनी नापाकी लग गई हो जिससे नमाज़ नहीं होती और उसी में पूरा रुक्न अदा कर लिया या तीन बार “सुब्हानल्लाह” कहने के बराबर वक़्त गुज़र गया तो नमाज़ टूट गई।
  16. दाँतों के अंदर खाने की कोई चीज़ फँसी थी उसको निगल लिया तो अगर वह चने से कम हो तो नमाज़ नहीं टूटी लेकिन मकरूह हो गई और चने बराबर है तो फ़ासिद हो गई।
  17. इमाम का पढ़ना पसन्द आया और उसकी अच्छी आवाज़ पर रोने लगा और अरे या नअम (हाँ) ज़बान से निकाला नमाज़ जाती रही।
  18. नमाज़ के अन्दर वह जिस जिससे वजू टूट जाता है यानि नमाज़ के वक़्त हवा निकल गया तो इससे नमाज़ टूट जाती है।

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