Namaz Ke Baad Ki Dua Tarjuma | नमाज़ के बाद की दुआ तर्जुमा हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो आज हम आपके लिए लेकर आये है नमाज़ के बाद की दुआ जानना चाहता है की कोई भी नमाज़ के बाद कौन सी दुआ मांगी जाती है तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हो।

अगर कोई शख्स इस पोस्ट को इत्मिनान के साथ पढ़ेगा तो नमाज की दुआ के मुताल्लिक सभी सवालो का जवाब मिल जायेगा और उसी के साथ उसको अलग अलग नमाज़ में अलग अलग दुआ मांगने का तरीका भी मालूम चल जायेगा।

कोई भी नमाज़ हो सबसे पहले सलाम फेरने के बाद नमाज के बाद की तस्बीह पढ़ी जाती है फिर तस्बीह के बाद दुआ पढ़ा जाता है जो यहाँ पर सिखने वाले हो।

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नमाज के बाद पढने वाली दुआ

यहाँ पर अलग अलग भाषा में दुआ इस लिए बता रहा हूँ की कुछ लोग को अरबिक पढ़ने नहीं आता है वैसे लोग हिंदी या इंग्लिश में लफ्ज़ को देख कर आसानी से याद कर सकते है।

हर लोगो को चाहिए की जो भी अरबिक भाषा या हिंदी में दुआ सीखेंगे तो उस दुआ में पढ़ने से अल्लाह सुबान व ता’अला पढ़ने वाले को क्या देने वाले है और इस दुआ में क्या बताया गया है इसको मालूम करने के इसके तर्जुमा जानना बहुत जरुरी होता है।

यह फ़र्ज़ नमाज़ के बाद की दुआ भी है यानि जितने भी दुआ बताने जा रहा हूँ इसको किसी भी नमाज़ के बाद पढ़ सकते है चाहे फ़र्ज़ या वाजिब हो या सुन्नत व नफिल हो।

सबसे पहला नमाज के बाद की दुआ हिंदी में रब्बना अतिना है जिसको हर दुआ में पढ़ना चाहिए क्युकी इस दुआ में आपको दुनिया और आखिरत में कामयाबी की दुआ है।

रब्बाना अतिना फिद दुनिया हिंदी में

रब्बाना आतिना फिद दुनिया हसानतौं वाफिल आखिरति हसानतौं वक़िना आजाबन्नार

तर्जुमा हिंदी में

“ऐ हमारे रब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख के अज़ाब से बचा.”

रब्बाना अतिना फिद दुनिया अंग्रेजी में

Rabbanaaa aatina fid dunyaa hasanatanw wa fil aakhirati hasanatanw wa qinaa azaaban Naar

रब्बाना अतिना फिद दुनिया अरबी में

ربنا اتینا فد دنیا حسنات وافضل اخراتی حسنات وکینہ ازبنار

अल्लाहुम्मा अंतस सलाम दुआ हिंदी में

अल्लाहुम्मा अंतस सलाम व मिन्कास सलाम व इलयाका याराजीउस सलाम फाहायिन रब्बाना बिस सलाम व अदाखिलाना दरका दरस सलाम तबरक्ता रब्बाना व तालायत या ढाल जलाली वाल इकराम

तर्जुमा:- ए अल्लाह तू सलामती वाला है, और तेरी तरफ ही सलामती है, तू बा-बरकत है, ए बुजुर्गी और इज्जत वाले।

नमाज़ के बाद की दुआ ला इलाहा इल्लल्लाहु वदहु

दुआ:- ला इलाह इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीक लहु, लहुल मुल्कु वलहुल हम्दु वहुव अला कुल्लि शैइन क़दीर

तर्जुमा:- अल्लाह के इलावा कोई सच्चा माबूद नहीं वह अकेला हे, उसका कोई साथी नहीं, उसी के लिए बादशाहत है, और उस के लिये तमाम तारीफ़ें हैं, और वह हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है

ये दुआ बहुत ही बा बरकत वाली है क्युकी इसमें अल्लाह सुबान व ता’अला की तारीफ और बादशाहत बयान की गयी है जिसको हमेशा नमाज़ में पढ़ना चाहिए।

नमाज के बाद की दुआ (दरूद शरीफ)

हिन्दी मे दुआ:- इन्नल्ला हा व मलाइका तहू युसल्लू न अलन्न नबियी या अय्यू हल्ल लज़ीना आमनू सल्लू अलयहि व सल्लिमू तसलीमा।

तर्जुमा:- बेशक अल्लाह तआला और उसके फ़रिश्ते दरूद भेजते है नबी सल्ल० पर , ऐ ईमान वालों तुम उन पर दरूद और खूब सलाम भेजो

फ़ज़ीलत:- इस दरूद की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत है नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फरमाया कि “क़यामत के दिन मेरे सबसे करीब वो शख्स होगा जिसने सबसे ज्यादा मुझ पर दरूद भेजा होगा“।

एक और हदीस मे आया है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फरमाया असली बख़ील (कंजूस) वो शख्स है जिसके सामने मेरा जिक्र हो और उसने मुझ पर दरूद न भेजा हो।

हर नमाज के बाद की दुआ

ये दुआ फ़र्ज़ के अलावा सुन्नत और नफिल नमाज़ में भी पढ़ सकते है उसके साथ ये सबसे छोटा दुआ है जिसको याद करने और पढ़ने में बहुत आसान होता है।

दुआ:- अल्लाहुम्म बारिक ली फिल मौति वफि मा बअु-दल मौति।

तर्जुमा:- ऐ अल्लाह बरकत दे बिच मेरे मौत के और मौत के बाद भी।

हर सुन्नत नमाज़ के बाद की दुआ

दोस्तों अगर सुन्नत नमाज़ में खास दुआ पढ़ना चाहते है तो ये दुआ पढ़ ले लेकिन इसका ये मतलब हरगिज़ नहीं है की सुन्नत में ऊपर बताया गया दुआ नहीं पढ़ सकता बलके सुन्नत की नमाज में कोई भी दुआ पढ़ सकते है।

दुआ:- अल्लाहुम्म अअिन्ना अला जिकुरि-क वशुकरि-क वहुसनि अिबा दति-क।

तर्जुमा:- ऐ अल्लाह हम पर जरुरी है, की हम तेरा जिक्र करें और तेरा शुक्र अदा करें और तेरी अच्छे से इबादत करें।

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नमाज के बाद की दुआ शहादत का दर्जा पाने के लिए

दुआ:- अल्लाहुम्मा बारिक ली फिल मौति व फीमा बादल मौत।

तर्जुमा:- ऐ अल्लाह मुझे मौत मे बरकत अता फरमा और मौत के बाद जो होना है उस मे भी बरकत अता फरमा।

फ़ज़ीलत:- हज़रत आईशा राज़ी अल्लाहु अन्हो ने हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम से फरमाया की “क्या कोई शख्स बगैर शहादत के भी शहीदों के साथ हो सकता है? तो नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फरमाया के जो शख्स दिन रात मे 20 मर्तबा मौत को याद करे वो हो सकता है।

नमाज के बाद की दुआ (कंजूसी की दुआ)

हिंदी में दुआ:- अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ुबिका मिनल जुबनि, व अऊज़ु बिका अन अरद्दा इला अर्ज़लिल उमुरि, व अऊज़ु बिका मिन फ़ितनतित दुन्या, व अऊज़ुबिका मिन अज़ाबिल क़बरि. (बुख़ारी 2822)

तर्जुमा:- ए अल्लाह में बुज़दिली और कंजूसी से तेरी पनाह चाहता हूं और में ज़िल्लत (बुढ़ापे) की ज़िंदगी की तरफ़ लौटाए जाने से तेरी पनाह चाहता हूं और दुन्या के फ़ितने से तेरी पनाह मांगता हूं और अज़ाबे क़ब्र से तेरी पनाह मांगता हूं।

नमाज़ के बाद की दुआ आयतुल कुर्सी

हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत और बरकत है सभी लोगो को अयातुल कुर्सी याद करना चाहिए.

क्युकी फ़र्ज़ नमाज़ के बाद अयातुल कुर्सी पढ़ने में पढ़ने वाले हो जन्नत नसीब होगा.

नमाज के बाद कौन कौन सी दुआ पढ़ी जाती है?

किसी भी नमाज़ के बाद कौन सी दुआ पढ़े इसका असान जवाब है की आपको जो दुआ याद है उसको पढ़े लेकिन अगर कोई भी दुआ याद नहीं है तो याद करने की कोशिश करे वैसे ऊपर 10 दुआ बताया गया है जिसको याद करके दुआ पढ़े.

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