Ishraq ki Namaz Padhne ka Tarika | इशराक की नमाज पढ़ने का तरीका

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो क्या आप सभी को इशराक की नमाज का तरीका सीखना चाहते है तो आप सही जगह पर आ गए है क्युकी यहाँ पर आपको इशराक की नमाज़ का वक़्त, नियत, रकात और तरीका सिखने को मिलेगा.

दोस्तों 20 Minute में एक हज और एक उमरे का सवाब हासिल कर सकते है यानि कोई सख्स 20 मिनट में ये अमल करता है तो वह रोजाना एक हज और एक उमरे का सवाब हासिल कर सकता है उसके लिए इशराक की नमाज़ पढ़ना होगा.

ये नमाज़ एक नफिल है और इसे मर्द और औरत दोनों पढ़ सकता है जिसका तरीका नियत रकात और वक़्त निचे बताया गया है जिसको शुरू से आखिर तक जरुर पढ़े.

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इशराक की नमाज़ क्या है?

जो सख्स सूरज निकलने के 20 मिनट बाद जो नफिल नमाज़ पढ़ना है उसे इशराक की नमाज़ कहते है और ये 2 रकात से लेकर 8 रकात तक होती है.

इसी तरह Chasht ki Namaz होती है इसका वक़्त जब सूरज में ज्यादा तपिस आ जाता है तो चास्त का वक़्त शुरू हो जाता है और इसी तरह जवाल के बाद कोई नफिल नमाज़ पढ़ता है तो वह Awabeen ki Namaz कहलायगा.

इन तीनो नामजो को सलातुल जोहा कहा जाता है लोग इसे अलग अलग वक़्त पर अलग अलग नाम से पुकारते है.

इशराक की नमाज का समय

इशराक की नमाज़ का वक़्त सूरज निकलने के 20 मिनट बाद से शुरू हो जाता है इसे अच्छे से समझे आप जब फजर की नमाज़ पढ़ लेंगे फिर फजर का वक़्त खत्म हो जाएगा क्युकी सूरज निकल गया फिर 20 मिनट गुजर जाने के बाद ये नमाज़ का वक़्त शुरू हो जाता है.

ये सवाल भी आ सकता है सर्दी के दिनों में जब सूरज नहीं निकलता है उस समय वक़्त कैसे मालूम किया जाए तो इसका 2 उपाय है पहला की आपके मोहल्ले की मस्जिद में डिजिटल क्लॉक लगा होता और उसमे सूरज निकलने और सूरज डूबने का वक़्त दिया होता है.

दूसरा गूगल से मालूम कर सकते है गूगल को ओपन करके लिखना है “today sunrise in Patna” इसमें आप जहाँ पर रहते है वह के सिटी का नाम लिखेंगे तो वहां का सूरज निकलने का समय बता देगा.

इस दोनों उपाय के अलावा आज कल एप्लीकेशन भी आ गए गूगल प्ले स्टोर में जाना है और “Prayer Time” सर्च करके कोई भी app डाउनलोड करे तो उससे भी सूरज निकलने का वक़्त मालूम हो जाएगा.

इशराक की नमाज़ कितनी रकात होती है

इशराक की नमाज़ 2 रकात से लेकर 8 रकात तक होती है आपको कम से कम 4 रकात पढ़ना चाहिए क्युकी नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम 8 रकात पढ़ा करते थे.

ये नमाज़े 2 रकात करके पढ़ना है यानि एक नियत और एक सलाम से 2 रकात पढ़ना है इसी तरह से 8 रकात में 4 सलाम होगा.

इशराक की नमाज़ की नियत कैसे करे

“नियत करता हूं मैं 2 रकात नमाज इशराक की नफल वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”

बस यही नियत करके नमाज़ पढ़ लेना है

इशराक की नमाज़ का तारिका सिखे

इशराक की नमाज़ का तारिका कोई खास तरीका नहीं है बल्कि जिस तरह से हम लोग दिन भर में पांच वक़्त फजर से ईशा तक पढ़ते है हुबहू वही तरीका से ये भी नमाज़ पढ़ा जाता है.

इसमें नहीं खास रकात है और नहीं खास सूरज मुकरर किया गया है बाकि नफिल नमाजो की तरह जैसे सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ते है.

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इशराक की नमाज़ पढ़ने का फायदा

हजरत अनस रजी अल्लाहु अन्हो फरमाते है रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया “जिस शख्स ने फज्र की नमाज़ जमात के साथ पढ़ा फिर मस्जिद में बैठ कर सूरज के निकलने तक अल्लाह को याद करता रहा उसके बाद उसने 2 रकात नमाज़ पढ़ ले तो उसको एक हज और उमर का सवाब मिलेगा

हजरत अबू दर्दा और हजरत अबू ज़र रजी अल्लाहु अन्हो रसूलुल्लाह (S.A.W) से रिवायत करते है की आप ने फ़रमाया “अल्लाह ता’अला फरमाता है की ये आदम की औलाद दिन के शुरूआत में 4 रकात पढ़ लिया कर मै दिन के आखिर तक तेरा ज़िम्मेदार हूँ”

दोस्तों इस दोनों हदीसो से मालूम हो जाता है की इसका बहुत ज्यादा Namaz ki Fazilat और फायदे है इसी लिए हम लोगो चाहिए की इशराक की भी नमाज़ पांच वक्तो के अलावा पढ़ा जाए.

आप सभी हज़रात से गुजारिश है की इतनी बड़ी फ़ज़ीलत वाली नमाज़ को अपने पास महदूद ना करे बलके अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ शेयर करे.

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