Exam Me First Aane Ki Dua | इम्तिहान में कामयाबी की दुआ

अस्सलामुअलैकुम नज़रीन आज हम लेकर आए आपके लिए (exam me first aane ki dua) परीक्षा में सबसे पहले आने की दुआ हिंदी में जिस करके आप परीक्षा में पास हो सकते हैं

कुछ बच्चे ऐसे होते हैं कि पढ़ने लिखने में उनका दिल नहीं लगता। उनके माँ बाप की यही हार्दिक इच्छा होती है कि वे अपने बच्चों को अच्छी तरह पढ़ाए और उन्हें लिखा पढ़ा कर अच्छी पर लगा दें लेकिन जब वे यह देखते हैं कि उनकी औलाद का पढ़ने में दिल नहीं लगता तो उनकी इच्छाएं पानी की तरह बाह जाती हैं और वे अधिक परेशान होने लगते हैं

अधिकांश बच्चे कक्षा में कमजोर रहते हैं। जिसके कारण उन्हें इस बात का विश्वास हो जाता है की वे परीक्षा में किसी तरह भी पास न होंगे। ऐसे लड़कों व लड़कियों को नाकाम नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें खुदा पर भरोसा रखना चाहिए क्योंकि वह उनके दिमाग को अच्छा कर सकता है।

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किसी भी तरह का एग्जाम हो चाहे स्कूल परीक्षा कॉलेज के इम्तिहान या कॉम्पिटिशन एग्जाम ! इम्तिहान में कामयाबी (imtihan mein kamyabi) के लिए या परीक्षा में सफलता के लिए अव्वल तो हमें दिल लगाकार पढ़ाई ही करनी होती है ! और उसके साथ हम यकींन के साथ अल्लाह तआला से दुआ भी करे ! तो इंशा अल्लाह हमें कामयाबी जरूर मिलती है !

मगर कई बार कड़ी मेह्नत करने के बाद भी हमारा पेपर बिगड़ जाता है और फिर फ़ैल होने का डर हमें सताता है तो घबराने की कोई जरुरत नहीं इंशा अल्लाह ये अमल करेंगे तो कामयाबी जरूर मिलेगी

इस पोस्ट में हम तीन वज़ीफ़े बताएँगे

  1. हाफ़िज़ा मजबूत करने का वज़ीफ़ा
  2. पढ़ने में दिल लगाने का वज़ीफ़ा
  3. इम्तिहान में कामयाबी का वज़ीफ़ा

इम्तिहान में कामयाबी की दुआ

ईशा की नमाज़ के बाद पहले और बाद में ग्यारह – ग्यारह ( 11 x  11 ) मर्तबा दरूद शरीफ के साथ तीन सौ  (300)  मर्तबा *अल मलिक़ुल क़ुद्दूसु – अलमलिक़ुल क़ुद्दूसु *

पढ़ कर दिल की गहराई के साथ पाक परवर दिगार खुदाई त आला  अल्लाह अज़्ज़-वज़ल से दुआ कीजिये !

यह अमल करने की मुद्दत इम्तिहान या परीक्षा या exam का नतीजा आने तक करते रहना है ! मतलब रिज़ल्ट आने तक करते रहना है !

पढ़कर अल्लाह से रो रोकर दुआ किजिए इंशा अल्लाह काम्यबी जरूर मिलेगी

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पढ़ने में दिल ना लगना

कई बच्चे ऐसे होते है की माँ बाप कह कर थक जाते है ! मगर उनका पढ़ने में दिल ही नहीं लगता ! उन्हें जबरदस्ती पढ़ने बैठा भी दिया जाए तो भी वह इधर उधर ही देखते रहते है ! पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते ! तो ऐसे माँ बाप को चाहिए की वो अपने बच्चो के लिए ये अमल करे !

जब बच्चा रात को गहरी नींद में सो जाए तो उसके सरहाने बैठ कर

बिस्मिल्लाह * व लकद यस्सरनल क़ुरआना लिज़िकरि फहल मिम्मु  ददक्किर*

इतनी आवाज़ में पढ़े की बच्चे की नींद खराब ना हो ! इलाज की मुद्दत एक महीना है !

अव्वल और आखिर में तीन तीन बार दरूद शरीफ जरूर पढ़े

हाफ़िज़ा कमज़ोर होना

हाफ़िज़ा कमज़ोर होना मतलब बार-बार याद करने पर भी याद ना हो पाना ! कई बच्चे या बढो में ये दिक्कत होती है की वो भरपूर पढ़ाई करते है मगर फिर भी बार बार पढ़ने पर भी उन्हें पढ़ी हुई बाते याद नहीं हो पाती या याद होने के कुछ देर बाद या कुछ दिन बाद ही वो भूल  जाते है तो ऐसे मरीज़ के लिए ये अमल करे इंशाअल्लाह बहुत फायदा होगा

फज़र की नमाज़ की बाद तीन बार अव्वल आखिर दरूद शरीफ पढ़े ! फिर तीन बार

*रब्बि यस्सिर वला तु आस्सिर *

पढ़कर पानी पर दम करें ! और दम किया हुआ पानी नहार मुँह यानी सुबह सुबह उठते ही पीले या जिसका हाफ़िज़ा कमज़ोर हो उसे पिलादे ! इंशाअल्लाह बहुत फायदा होगा ! इस अमल की मुद्दत 22 दिन है ! लेडीज़ के लिए गुंजाईश है

नाज़रीन मुझे उम्मीद है की आप सभी बहुत पसंद आया होगा। अगर इसी तरह का इस्लामिक दुआ सीखना चाहते है तो इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया में शेयर करे।

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