Dushman Se Bachne Ki Dua | दुश्मन से बचने की दुआ

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो क्या आपके दुश्मनो ने आपका जीना दुशवार कर रखा है? क्या आप उनसे निजात पाना चाहते हैं और खुद को उनके गलत इरादों से बचना चाहते हैं? अगर आपको लगता है कि आपकी जिंदगी में गलत काम करने के कोशिश कर रहा है या आपको नुक्सान पहचान चाहता है तो आप दुश्मन से बचने की दुआ पढ़े। क्या दुआ के सहारे आप अपनी सारी परेशानियां से निजात पा सकते हैं। अगर आपकी जिंदगी में कुछ ऐसे लोग हैं जो आपसे जलते हैं और हमेशा आपको नीचे गिराने में रहते हैं तो इंशाल्लाह दुश्मन से निजात पाने की दुआ आपके लिए कारगार रहेगी।

अगर आप लोगो के नशा इराको से बचना चाहते हैं और चाहते हैं कि परेशानियां में अल्लाह आपकी मदद करे तो आप दुश्मनों से बचने की दुआ पढ़े। जब इंसान अपनी जिंदगी में सफल हो जाता है या रिज्क में बढोतरी होने लगती है तो साथ ही दुश्मनो में भी इजाफा हो जाता है। अगर आपकी जिंदगी में भी ऐसे ही लोग हैं जो आपके खिलाफ हमेशा साजिश करते रहते हैं और आपको कामयाब नहीं होने देते तो दुश्मन से बचने की दुआ हिंदी पढ़े।

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अल्लाह बहुत रहीम और करीम है, इसलिए अगर आप दुश्मन से बचने की दुआ को सही तरीके से पढ़ेंगे तो इंशाल्लाह वो आपकी और आपके परिवार की हिफाजत करेगा। कुछ लोग अपना बदला लेने के लिए इस हद तक गिर जाते हैं कि वो आपके परिवार और बच्चों को भी परेशान करने लगते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आप उन्हें में सबसे से बचा पाए तो ये कारगार वजीफा आपकी मदद करेगा। इसके पहले इस्तमाल से ही आप देखेंगे कि आपकी परेशानियां धीरे-धीरे कुम हो जाएंगी और जो लोग आपको नुक्सन पहचान चाहते हैं वे भी खुद बा खुद आपकी जिंदगी से चले जाएंगे।

जिन लोगों को डर है कि लोग उनके कारोबार, शादी, या फिर हंसी खेलती जिंदगी को काला जादू का सहारा ले के बरबाद करना चाहते हैं वे भी दुश्मन से निजात पाने की दुआ को पढ़ सकते हैं। अक्सर लोगो के पास जब कोई हटियार नहीं होता तो वे काला जादू का सहारा लेके दूसरे की जिंदगी बरबाद करने में लग जाते हैं। अगर आपको लगता है कि अचानक से आपकी जिंदगी में परेशानियां बढ़ गई हैं, रोज लड़ाई होती है और घर बार में भी रिज्क की कामी हो रही है तो हो सकता है कि ये काला जादू का नतीजा हो।

दुश्मन से निजात पाने की दुआ

ताज़ा वज़ू करें और साफ़ कपड़े पहनने।

अब आप तीन दफा दुरूद ए पाक पढ़े।

इस के बाद, “”बिस्मिल्लाह हिलाज़े ला युज़ुरु मा इस्मेहे शिउन फ़िलार्ज़ वाला फिस्सामे वा होस समी उल अलीम” 300 बार पढ़े और अपने मन में दुश्मन का तसवौर बनाया।

अब आप अल्लाह से दुआ करें कि वो आपकी और आपके परिवार की हिफाजत करे। इस दुआ को आपको 11 दिन तक पढ़ना है।

दुआ और वज़ीफ़ा अपने मज़बूत इरादे के साथ किए जाने वाले अमल है, जो हमारे लिए अल्लाह से मदद माँगने का तरीका है। ये सभी परिवार और आपकी हिफाज़त के लिए भी फ़ायदेमंद हो सकता है। लेकिन याद रखिए कि दुआओं का असर अल्लाह के हुक्म के मुताबिक होता है, और हमें हमेशा उसकी रजा और खुशी के साथ अमल करना चाहिए।

अगर आप दुश्मन से बचने की दुआ के तरीके या वज़ीफ़ा के बारे में जानना चाहते हैं, तो मैं आपको कुछ मुफ़ीद तारिक़ बता सकता हूँ। याद रखिए, ये दुआएं और वजीफा सिर्फ अल्लाह की रजा के लिए और बिला शरारत पर किए जाना चाहिए।

अपनी तकवा और ईमान को मजबूत कीजिए। दुश्मन से बचने के लिए सबसे पहले अपने ईमान और तकवा को सुधरें। नेकी और इबादत में इजाफा करें।

अल्लाह से मदद मांगे के लिए दुआ कीजिए। अपने दुश्मनों से बचने के लिए दुआ करते वक्त, अपनी नियत साफ रखिए और अपने दुश्मनों के लिए भी अच्छे से दुआ कीजिए।

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कुरान की आयत को तिलावत कीजिए। कुछ विशिष्ट आयतें, जैसे की आयत अल-कुरसी (सूरह बकराह, 2:255) और सूरह अल-फ़लक (सूरह अल-फ़लक, 113) और सूरह अन-नास (सूरह अन-नास, 114) को पढ़ने से दुश्मनो से हिफ़ाज़त मिली है।

अस्तग़फ़र की कसरत किजिए। अस्तग़फ़र करने से अल्लाह की रहमत और नुसरत मिल सकती है। इससे आपके दुश्मनों के शार से बचने की मदद हो सकती है।

सलाह और नमाज को कयाम रखिए। सलाह इबादत का एक बहुत अहम हिस्सा है और इससे हम अल्लाह की रजा हासिल कर सकते हैं। नमाज में अपने दुश्मनों के लिए दुआ करें।

अपने दुश्मनों के लिए दुआ करें। इस्लाम हमें हमेशा दोस्ती और मोहब्बत की तल्किन करता है। अपने दुश्मनों के लिए दुआ करना, उनको सुधरने और बदले लेने की बजाते, उनको हिदायत की दुआ करना, आपको शायद असर दिखा सकता है।

दुश्मनों से बचने की दुआ और वज़ीफ़ा में सबसे ज़रूरी है कि हम उसके ईमान के साथ और खुलूस के साथ पढ़ें। अल्लाह हमारी दुआओं को सुनता है, लेकिन उनकी तकवा और हिदायत के हुक्म पर ही असर होता है। हमेशा अल्लाह से मदद मांगे अपने दिल की गहराईयों से दुआ कीजिए और अपने आमल को सुधरें।

उम्मीद करते है की दुश्मन से बचने की दुआ इस आर्टिकल के जरिये पता चल गया होगा। और इस आर्टिकल को हर सोशल मीडिया पर सवाब की नियत से शेयर करे, अल्लाह हाफिज।

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