Dil ki Ghabrahat ki Dua | दिल की घबराहट की दुआ हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, आज के पैगाम में घबराहट और बेचैनी के मुताल्लिक दुआ बताने वाला हूँ।जिसमे दिल की घबराहट की दुआ और बेचैनी की दुआ की दुआ सामिल है।

क्या आपका दिल बहुत ज्यादा घबराता है या फिर बहुत ज्यादा डरता है तो आप बिलकुल भी परेशान ना हो हम आपके लिए दिल की तमाम परेशानी दूर करने और दिल को सुकून देने वाली घबराहट की दुआ लेकर आए है।

घबराहट और बेचैनी के मुताल्लिक एक नही बल्कि तीन दुआ बताने वाला हूँ जो कुरान व हदीस से साबित होगा। अब चले दुआ को सीखते है।

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दिल की घबराहट की दुआ

जो भाई-बहन अपने दिल की घबराहट से परेशान है और डॉक्टर के इलाज के बाद भी कोई फायदा नहीं हो रहा है। तो उनके लिए हम बहुत ही आसान कुरान की छोटी सी दुआ लेकर आए है।

जिसको पढ़ने से इनशाल्लाह बहुत ही फायदा और सुकून मिलेगा। सबसे पहले हम जान लेते है के वो कौन-सी मुबारक सूरह है जिसमे दिल घबराने की दुआ मौजूद है। वो सूरह अल रा’अद है जो हमारे कुरान मजीद के 13वे पारह मे है और 28वी आयत पर मौजूद है।

घबराहट की दुआ अरबी में

أَلَا بِذِكْرِ ٱللَّهِ تَطْمَئِنُّ ٱلْقُلُوبُ

घबराहट की दुआ हिंदी में

अला बिजिक्रिल-लाही ततमा-इन्नुल कुलूब

घबराहट की दुआ अंग्रेजी में

Alaa bizikril laahi tatma’innul Quloob

घबराहट की दुआ का तर्जुमा

तर्जुमा: अल्लाह के जिक्र से दिलों को इत्मीनान मिलता है।

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घबराहट की दुआ पढ़ने का तरीका

नाज़रीन इस दुआ को पढ़ने का तरीका बहुत ही आसान है आप हर नमाज़ के बाद इस दुआ को 11 मर्तबा अपना सीधा हाथ क़ल्ब (दिल) पर रखकर पढ़े।  लेकिन इस दुआ को हर नमाज़ को पुरी करने के बाद और अपनी जगह से उठे बगैर ही पढ़ना है।

इसीलिए अल्लाह के नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की मेरी आँखों की ठंडक नमाज़ रखी गयी है।

दूसरा तरीका ये है के आप या तो फ़जर की नमाज़ के बाद या ईशा की नमाज़ के बाद एक मुकर्रर वक़्त बनाकर नमाज़ मुकम्मल करने के बाद इस दुआ को 1000 हजार मर्तबा पढ़े और आगे पीछे 11-11 मर्तबा दुरूदे इब्राहीम भी पढ़ ले।

अगर आप इस दुआ को कामिल यकीन के साथ पढ़ेंगे तो इनशाल्लाह कभी मायूस नहीं होंगे | क्यूंकि अल्लाह के कलाम मे बहुत बड़ी ताकत है, इस दुआ से इनशाल्लाह आपके दिल को बहुत सुकून मिलेगा।

डर और घबराहट की दुआ

एक शख्स ने हुज़ूर (ﷺ) से डर और वहेशत की शिकायत की तो आप (ﷺ) ने फ़रमाया यह पढ़ो

فَتَعَالَى اللَّهُ الْمَلِكُ الْحَقُّ ۖ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْكَرِيمِ

फ़ताआला अल्लाहु अलमालिकु अलहक़्क़ु ला इलाहा इल्ला हुवा रब्बू अलअर्शी अलक़रीमी

तर्जमा: उस मुकद्द्स बादशाह की पाकी बयान करता हूँ जो फरिश्तों और रूह का रब है उसकी इज़्ज़त व ज़बरूत से ज़मीन व आसमान रौशन हैं।

नाज़रीन हमारी कोई भी दुआ या कोई भी अमल तब कुबूल होगा जब हम अल्लाह के फर्माबरदार बंदे बनेंगे, यानि अल्लाह की नापसंद चीजों से परहेज करेंगे या जो काम हमारे नबी सल्लल्लाहु अलाही वसल्लम ने नापसंद फरमाया हो उससे बचेंगे।

मुझे उम्मीद है आप सभी हज़रात को हमारी यह लेख बेहद पसंद आया होगा जिसमे दिल की घबराहट और बेचैनी को दूर करने और सुकून पाने की दुआ बताया गया है।

इसी तरह का इस्लामिक दुआ और जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारी इस दीनी काम में मदद करे और इसी तरह के पोस्ट को अपने दोस्तों तक भी पहुंचाए। खुदा हाफिज!!

 

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