Dil Ke Sukoon Ki Dua | दिल के सुकून की दुआ

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो अगर आप भी चाहते हैं दिल को सुकून देने वाली दुआ लेकर आए हैं जिसको पढ़ कर आपके दिल को सुकून हासिल हो जाएगी|

इंसान के हालात ऐसे हो जाते हैं कि वह अकेला पड़ जाता है।सोचने समझने की काबिलियत खत्म हो जाती है।और वो खुद को अकेला महसूस करने लगता है।और इस गफलत भरी हालत में उसका दिल धीरे धीरे सुकून  खोने लगता है।और वह सोचता है कि कहां जाऊं, क्या करूं, किससे मिलू ,किस इंसान को अपना दर्द सुनाओ।कि वह मेरे दुख मुसीबत परेशानी को समझ सके।

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लेकिन बाज़ हालात ऐसे हो जाते हैं।कि इन सब के बारे में सोचने के बाद भी हम को किसी भी तरह से सुकून हासिल नहीं होता है।हमारा दिल वैसे ही हालत में परेशान और तरह-तरह की बातों से गमजदा रहता है। लेकिन हमारे रब ने हमारे लिए हर तरह की सहूलियत अता की है।जिसको हम अजमा कर क़ुरआने करीम की मदद से अपनी परेशानियों से बाहर निकल सकते हैं।और एक हदीस में हमारे प्यारे आका नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला वसल्लम ने फरमाया है

कि, जो शख्स सुकूनहासिल करने के लिए 3 बार इस शुरह को पूरेयकीन के साथ क़ुरआने करीम की यह आयत सूरह अंबिया के आयत जिसे आयते करीमा भी कहा जाता है।

ला इलाहा इल्ला अंत सुभानका इनि कुंतु मिनाज जालिमिन

La Ilaha Illa Anta Subhanaka Inni Kuntu Minaz Zalimin

لا إلها إلا أنتا سوبهاناكا إيني كونتو ميناز زاليمين

जो भी इस आयते करीमा को कसरत से पढ़ लेगा।अल्लाह रब्बुल इज्जत उसके दिल से हर दुख तकलीफ उदासीको दूर कर देगा।और उसके दिल को सुकून हासिल होगा।जब भी आपका दिल उदास हो आप भी ऊंची आवाज में इस आयते करीमा को तेज़ आवाज से पढ़ें।ताकि इसकी आवाज कानों तक जाए।

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इतना ही नहीं नाज़रीन इस आयत ए करीमा को पढ़ने की और भी बहुत सारे फायदे है जिसके चन्द फायदे को हम यहाँ आज ब्यान कर रहे है।

इस आयत यानी आयत ए करीमा को रेगुलर पढ़ते रहने से रिज़्क़ में इज़ाफ़ा यानी बरकत होती है |

आयत ए करीमा के विरद से आपके सभी मुसकाळात के हल निकल आएगा।

इस आयत यानी आयत ए करीमा को पढ़ने से अमली और जेहनी दोनों में सुकिनिया महसूस होगा

अच्छे जॉब करने के लिए इस आयत यानी आयत ए करीमा का हमेशा विरद करना चाहिए |

हजरत यूनुस अलैहि अस्सलाम की दुआ है ये दुआ उस वक़्त बारगाहे रिसालत में की जिस वक़्त आप को दरिया में एक बहुत बड़ी मछली ने निगल लिया आप चालीस योम तक मछली के पेट में रहे

और वही से यानी के मछली के पेट के अंदर से ही आप ने ये दुआ मांगी तो उस दुआ की बरकत से परवरदिगार आलम ने मछली के पेट से सही सलामत हालत में बहार निकाला और आपको गमो फिक्र से निजात फरमाएं

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