Chasht Ki Namaz Ki Dua | चाश्त की नमाज की दुआ

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज हम आप लोगो के लेकर आए चाश्त नमाज का वक्त, रकात, नियत सिखने को मिलेगा जिसकी मदद से आप पता लगा सकते है की यह नमाज़ कितने बजे पढ़ना चाहिए और इस नमाज़ में कितने रकात होते है इसके साथ नियत कैसे करते है सब कुछ सिखने को मिलने वाला है.

यहाँ पर आपको सबसे पहले यह जानने को मिलेगा की इस्लाम में पांच वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ है लेकिन ये चास्त की नमाज़ क्यों पढ़ना है.

क्या कोई सख्स चाश्त की नमाज का तरीका सीख कर जन्नत में सोने का महल बनवाना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पर सिखने के लिए आए है

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तरीका सिखने से पहले आपको बता देता हूँ की इस नमाज़ की फज़िलाते और फायदे बहुत ज्यादा जिसको हदीस की रौशनी में आगे बताने वाला हूँ, बस आप सभी से request करता हूँ की इस पोस्ट को शुरू से आखिर तक जरुर पढ़े.

चाश्त की नमाज क्या है

चाश्त की नमाज एक नफिल नमाज़ है जैसे बहुत सारे नफिल नमाज़ होते

इस्लाम में पांच नमाज़ के अलावा बहुत ऐसे भी नफिल नमाज़ है जिसको अल्लाह ता’अला ने हदीसो में इसकी बहुत फ़ज़ीलत फ़रमाया है उसी में से यह एक चाश्त की नमाज है, जो तिर्मिज़ी हदीस No 473 और Sunan e Ibne Maja Hadees No 1380 में बताया गया है.

नबी सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम ने इस नमाज़ की फ़ज़ीलत हदीसों में बताया है की “जो सख्स चास्त की 12 रकात पढ़ता है अल्लाह ता’अला उस सख्स के लिए जन्नत में एक सोने का महल तैयार करेगा.

सोने की महल से मतलब यह है की इस नमाज़ को अल्लाह ता’अला बहुत ज्यादा पसंद करता है, क्युकी यह दुनिया के ऐतबार से सोने का महल बहुत कीमती होता है इसलिए यह दुनिया में बहुत बड़ा तोहफा माना जाता है लेकिन यह अल्लाह ता’अला के यहाँ बहुत छोटा है अल्लाह ता’अला उस से भी बड़ी चीज़ दे सकते है.

चाश्त की नमाज का वक्त

फज्र की नमाज पढ़ने के बाद जब सूरज निकलता है तो उसके करीबन 20 मिनट बाद से इशराक की नमाज़ शुरू होता है और यह वही समय होता है जब आप सूरज में अपनी नंगी आँखे से देख सकते है यानि सूरज से आंखे मिला सकते है.

जब सूरज में थोड़ी गर्मी आ जाए उस वक़्त आप सूरज से आंखे नहीं मिला सकते है यानि खुले आँखों से देखने में कठिनाई होती है तो समझ जाए की यह वक़्त चास्त की नमाज़ को शुरू हो गया है.

चाश्त की नमाज़ का वक़्त जवाल के समय से पहले खत्म हो जाता है यानि अगर टाइम की बात कही जाए तो 10 AM से 12 PM तक होता है.

चाश्त की नमाज की रकात

चाश्त का वक़्त जानने के बाद बहुत से लोगो को मालूम ही नहीं होता है की कितनी रकात होती है और कितना पढ़ना बेहतर है.

चाश्त की नमाज़ 2 रकात से शुरू होती है और 12 रकात तक होती है क्युकी ये नफिली नमाज़ है इस पर कोई भी पाबन्दी नहीं है इस लिए किसी सख्स के पास ज्यादा समय नहीं है तो सिर्फ 2 रकात भी पढ़ ले गा तो उसको सवाब मिल जायेगा.

लेकिन बेहतर और अफज़ल मुस्लिम शरीफ हदीस No 719 के अनुसार 4 रकात या 8 रकात होती है यानि किसी के पास ज्यादा वक़्त नहीं है तो उसे चाहिए की कम से कम 4 रकात या 8 रकात पढ़े.

एक बात का ध्यान देना होगा की यह नमाज़ 2 – 2 रकात करके पढ़ना होगा जैसे फजर की 2 रकात सुन्नत या जोहर की 2 रकात नफिल.

चाश्त की नमाज की नियत

नियत दिल की इबादत का नमाज़ यानि किसी भी नमाज की नियत दिल में करना चाहिए जुबान से करना जरुरी नहीं है लेकिन कोई चाश्त की नमाज की नियत करना चाहता है तो कुछ यु कहे.

“नियत करता हूं मैं 2 रकात नमाज चास्त की नफल वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर”

चाश्त की नमाज पढ़ने का तरीका

कोई भी नमाज़ अदा करने के लिए पाक साफ़ होना जरुरी है इसके लिए आपको बा वजू रहना जरुरी है यानि वजू करने के बाद ही यह पढेंगे.

इस नमाज़ को पढने के लिए जरुरी नहीं है की आपको मस्जिद जाना होगा आप अपने घर या दुकान या फिर कोई भी जगह लेकिन सर्त ये है की वह जगह पाक व साफ़ होना चाहिए.

क्या चाश्त की नमाज पढ़ने के लिए कोई अलग तरीका है नहीं बलके वही तरीका जो हमेशा से पढ़ते आ रहे है यानि आप लोग जोहर के बाद वाली नफिल जिस तरह से पढ़ते है वैसे ही इसको भी पढ़ सकते है.

यह नमाज़ पढ़ने के लिए सबसे पहले वजू करके क़िबला रुख खड़े हो जाए तो नियत करे जिसका तरीका ठीक ऊपर सिखा है नियत करने के बाद सना और ताउज पढ़े फिर अलहम्दो शरीफ फिर कोई सूरत मिलाए.

इसके बाद रुकू सजदा के जरिये एक रकात मुकम्मल हुई ठीक इसी तरह से दूसरी रकात भी मुकम्मल करे इसके लिए आपको 2 रकात नफिल नमाज का तरीका सीखना होगा.

चाश्त की नमाज की फ़ज़ीलत

आप सब जानना चाहते है की रोज नमाज़ पढ़ते है 5 वक़्त उसका तो फ़ज़ीलत मालूम है लेकिन चास्त की नमाज़ की फ़ज़ीलत और फायदे क्या है इस नमाज़ को क्यों पढ़ा जाता है बहुत कम लोगो को मालूम है.

लेकिन आज के बाद जिन जिन लोगो ने यह पोस्ट पढ़ा है तो उनको फ़ज़ीलत और फायदे के बारे में जरुर जानकारी मिल जायेगा.

जो सख्स चाश्त की दो रकाअत नमाज़ अदा करता रहेगा उस के गुनाह माफ़ कर दिये जाते हैं अगर्चे समुन्दर की झाग के बराबर क्यों न हो।

जो शख्स 2 रकात चास्त की नमाज अदा करता है तो उसकी गिनती गफलत करने वालों में नहीं होती।

जो शख्स चास्त की 12 रकात पाबन्दी से अदा करता है तो उसके लिए अल्लाह ता’अला ने उस शख्स के लिए जन्नत में सोने का महल बनाता है।

दोस्तों आप ये मत समझना की बस इस नमाज़ को पढने से 3 फायदे ही होंगे इसके अलावा बहुत सारे फायदे है लेकिन यहाँ कुछ ही बताया गया है.

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चाश्त की नमाज़ में कौन कौन सूरतें पढ़ना मुस्तहब है?

अगर किसी सख्स को “Wash shamsi wa Zuha” और “Wazzuha wallaili iza saja” सुरह याद है तो ये दोनों सुरह पढ़े लेकिन इनमे से कोई भी याद नहीं तो आपको जो भी सुरह याद है वो पढ़ ले.

चाश्त की नमाज सुन्नत है या नफिल?

फजर से ईशा तक की नमाज़ के अलावा जितने भी नमाज़ है जो मोहम्मद सल्लल्लाहु ता’अला अलैहे वसल्लम से साबित तो वह नफिल नमाज़े है इस हिसाब से चास्त की नमाज़ भी एक निफल नमाज़ है.

चाश्त की नमाज़ में कितनी रकत होती है

चाश्त की नमाज़ 2 रकात से शुरू होकर 12 रकात पर खत्म होती है यानि दिन भर की पांच वक़्त की नमाज़ जैसा नहीं की हर वक़्त में रकात फिक्स होती है. ये नफिल है इस लिए 2 और 12 के बीच में पढ़ सकता है.

क्या चाश्त की नमाज़ 4 – 4 रकात करके पढेंगे

नहीं आपको पहले भी बताया हूँ की 2 – 2 रकात करके पढ़ना होगा चाहे 4 रकात पढ़े या 12 रकात पढ़ रहे है.

इस पोस्ट में आपको सिखने को मिला है की चास्त की नमाज़ वक़्त क्या है जिसकी मदद आप उसी वक़्त में पढेंगे जिस वक़्त इसका टाइम होता है.

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