Andhi Ki Dua | आंधी की दुआ हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज हम आप लोगो के लिए लेकर आए आंधी की दुआ जिसको पढ़कर आप लोग इसे बचा सकते हैं

आईशा रदी अल्लाहु अन्हा से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम जब आँधी या तेज़ हवा देखते तो फरमाते

अल्लाहुम्मा इन्नी असअलुका मीन खैरिहा वा खैरी मा फीहा वा खैरी मा उरसिलत बीहि वा आऊज़ुबिका मीन शर्रीहा वा शर्री मा फीहा वा शर्री मा उरसिलत बीहि

या अल्लाह मैं तुझसे इस के खैर (भलाई) का सवाल करता हूँ और उस खैर का जो इसमें है और उस खैर का भी सवाल करता हू जो इसके साथ भेजी गयी है, और या अल्लाह मैं तुझसे इसकी बुराई से पनाह चाहता हूँ , और उस बुराई से जो इसमें है और उस बुराई से भी जो उसके साथ भेजी गयी है

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‏ اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ مِنْ خَيْرِهَا وَخَيْرِ مَا فِيهَا وَخَيْرِ مَا أُرْسِلَتْ بِهِ

وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّهَا وَشَرِّ مَا فِيهَا وَشَرِّ مَا أُرْسِلَتْ بِهِ

ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आंधी और तूफान के समय में आपको क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

  1. आंधी-तूफान जैसी स्थितियों से बचने का सबसे बेहतर विकल्प है कि आप इस दौरान कितना ही जरूरी काम हो घर से बाहर न निकलें। दरवाजें और खिड़कियों को बंद रखें।
  2. अगर किसी के पास पक्का मकान नहीं हैं, तो उन्हें तेज आंधी-तूफान के दौरान कच्चे घर में नहीं रहना चाहिए। किसी सुरक्षित स्थान में शरण लें, ताकि किसी तरह का नुकसान न हो।
  3. आंधी और तूफान आने की आशंका से पहले ही खाना बना कर रख लें। साथ ही टॉर्च, माचिस आदि जरूरी वस्तुएं अपने साथ रखें।
  4. अपने पालतू पशुओं का भी ध्यान रखें। अगर वे खुली जगह में किसी पेड़ या पोल आदि के नीचे बंधे हैं तो उन्हें आंधी-तूफान आने से पहले ही सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
  5. इस समय फसलें तैयार हो गई है। ऐसे में अगर आपका अनाज खुले में पड़ा हुआ है तो उसे घर में अंदर रख दें या उसे किसी तिरपाल से पूरी तरह अच्छे से ढक दें।
  6. आंधी-तूफान के दौरान नहाना हो तो ठहरे हुए पानी से ही नहाएं। शावर से न नहाएं, क्योंकि शावर के जरिए बिजली भी पहुंच सकती है।
  7. आंधी-तूफान के दौरान बच्चों का खास ध्यान रखें। अगर वे घर से बाहर खेल रहे हैं तो उन्हें घर के अंदर ले आएं और जिद करने पर भी बाहर न जाने दें। इसके अलावा किसी शादी या कार्यक्रम में आंधी-तूफान के दौरान टैंट में भी ना रहें।
  8. अगर आंधी-तूफान के दौरान रास्ते में हैं और बिजली कड़क रही हो तो किसी पेड़ या बिजली के खंबे के नीचे न खड़े हों। इस स्थिति में पेड़ के सहारे छुपना अपनी जान को जोखिम में डालने के बराबर होता है।
  9. आंधी-तूफान आ रहा है और आप कार से सफर कर रहे हैं तो ज्यादा धूल—मिट्टी उड़ने की स्थिति में सड़क किनारे किसी सुरक्षित जगह पर रुक जाएं। ध्यान रखें किसी पेड़ या पोल के नीच न रुकें और कार से बाहर न निकलें।
  10. आंधी-तूफान के दौरान ऑफिस से बाहर न निकलें। कुछ समय आंधी-तूफान के रुकने का इंतजार कर लें। अगर आप आंधी-तूफान के दौरान बाहर निकलेंगे तो रास्ते में आपके ऊपर कुछ गिर सकता है और आप चोटिल हो सकते हैं। यहां तक की आपकी जान को भी खतरा हो सकता है।

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गर्मियों में चलने वाली आँधियाँ आमतौर पर तापमान के बढ़ने की वजह से हवा का दवाव कम होने के कारण आती हैं। इस हवा के दवाव को संतुलित करने के लिए ठंडी जगह से ज्यादा दवाव वाली हवा तेजी से गर्म जगह की तरफ बढ़ने लगती है, जो अपने साथ धूल भी लेकर आती है जो आगे जाकर आँधी का रूप ले लेती है।

मेरा मकसद इस्लामिक जानकारी फैलाना है और आपका मदद करना और आपकी फ़र्ज़ बनता है की इस पोस्ट को दुसरे लोगो तक पहुँचाना। खुदा हाफिज!!

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