60 Masnoon Dua in Hindi | मसनून दुआ तर्जुमा साथ हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन आज हम आपके लिए लेकर आए है मसनून दुआ हिंदी में, जिसमे हम आपको ज्यादा से ज्यादा दुआएं मुखतसर तौर पर बताएंगे , ताकि आप उन्हे फौरन याद कर सके और इन दुआओ से फायदा उठा सके ।

दोस्तों क्या आप मसनून दुआ किसे कहते है और इसके पढ़ने की फ़ज़ीलत क्या है जानते है ? अगर आपको थोड़ी सी भी परेशानी है तो पहले हम आपको इसी के बारे मे बता देते है , क्यूंकी किसी टॉपिक को पूरा पढ़ने से पहले उसके टाइटल का मालूम होना बहुत जरूरी है ।

मसनून दुआ उन दुआओ को कहते है जो सुन्नत से साबित हो और उनके पढ़ने की फ़ज़ीलत मुखतलिफ़ है यानि अलग-अलग दुआओ की अलग-अलग फ़ज़ीलत है । लेकिन एक जरूरी बात ये है की जब भी आप कोई मसनून दुआ पढे तो उसका हवाला भी जान ले तभी आप उस दुआ से फायदा उठा सकते है ।

आइए देखते है कि कौन सी दुआ हमे सुबह से लेकर शाम तक पढ़नी चाहिए । यहाँ हम आपको 60 + मसनून दुआ हिंदी में  तर्जुमे के साथ बताएंगे । हमारी कोशिश है की हम बहुत छोटी-छोटी मसनून दुआ आपकी खिदमत मे पेश करे ।

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नाज़रीन हर इंसान अल्लाह ही का बंदा है और जिन असबाब (सामान) से इंसान राहत और आराम पाता है , वो भी अल्लाह ही की मखलूक है । इसलिए हमारा फर्ज बनता है के वो तमाम राहत और सुकून अल्लाह की तरफ से समझें और उनके मिलने पर अल्लाह ही का शुक्र अदा करे । हर वक़्त और हर मौके पर अल्लाह को ही याद करे ।

हमे यकीन करना चाहिए के हमारे नबी मुहम्मद सल्ल ० ने दुनिया और आखिरत की कोई भी भलाई ऐसी नहीं छोड़ी जो अल्लाह से ना मांग ली हो , इसलिए हमे भी उन मसनून दुआ हिंदी में को याद करके हसबे मौके और मुकाम पर पढ़ना चाहिए ।

जिसके पढ़ने से हमे फायदा तो होगा ही साथ मे हमे नबी का तरीका भी हासिल हो जाएगा , जो हमारी दुनिया और आखिरत की कामयाबी का जरिया बनेगा । नाज़रीन वैसे तो मसनून दुआ अरेबिक मे पढ़ना ज्यादा बेहतर है , लेकिन हमारे बहुत से भाई-बहन ऐसे है जिन्हे उर्दू नहीं आती तो आप मसनून दुआ हिंदी में भी पढ़ सकते है , सवाब उतना ही मिलता है।

नाज़रीन यहाँ हम आपको जितनी भी मसनून दुआ हिंदी में बता रहे है , वो तमाम दुआए हदीस से साबित है , इसलिए आप बगैर किसी परेशानी के इन्हे पढ़ सकते है ।

1 – सुबह के वक़्त की दुआ

अल्लाहुम्मा बिका असबहना वा बिका अमसैना वा बिका नह्या वा बिका नमूतु वा इलैकल मसीर

तर्जुमा : ऐ अल्लाह तेरी कुदरत से हम सुबह के वक्त में दाखिल हुए और तेरी कुदरत से हम शाम के वक्त में दाखिल हुए और तेरी कुदरत से हम जीते मरते हैं और तेरी तरफ लौटना है ।

2 – सूरज के निकलने पर ये दुआ पढे

अल्हम्दुलिल्ला हिल लज़ी अका लना यौमना हाज़ा वलम युहलिकुना बिजुनूबिना

तर्जुमा : सब तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं जिसने आज के दिन हमें माफ रखा और गुनाहों के सबब हमें हलाक ना फरमाया।

3 – शाम के वक़्त की दुआ

अल्लाहुम्मा बिका अमसैना वा बिका असबहना व बिका नह्या व बिका नमूतु वा इलैकन नुशूर

तर्जुमा : ए अल्लाह हम तेरी कुदरत से शाम के वक्त में दाखिल हुए और तेरी कुदरत से सुबह के वक्त में दाखिल हुए और तेरी कुदरत से जीते और मरते हैं और मरे पीछे जी उठ कर तेरी ही तरफ जाना है ।

4 – मग़रिब की अज़ान सुनने पर ये दुआ पढे

अल्लाहुम्मा इन्ना हाजा इक़बालु लैलिका वा इदबारू नहारिका वा अस्वातु दुआतिका फग़ फिर ली

तर्जुमा : ऐ अल्लाह यह तेरी रात आने और तेरे दिन के जाने का वक्त है और तेरे पुकारने वालों की आवाजें हैं सो तू मुझे बख्श दे ।

5 – सोने की दुआ

अल्लाहुम्मा बिस्मिका अमूतु व अह्या

तर्जुमा : ऐ अल्लाह तेरा नाम लेकर मैं मरता और जीता हूं ।

या यह दुआ पढ़े

अल्लाहुम्मा क़िनी अज़ाबका यौमा तज्मा-उ इबादका

तर्जुमा : ऐ अल्लाह तू मुझे अपने अज़ाब से बचा जिस रोज तो अपने बंदो को जमा करेगा ।

6 – सो कर उठने की दुआ

अल्हम्दुलिल्ला हिल-लज़ी अहयाना बअदा मा अमातना व इलैहिन् नुशूर

तर्जुमा : सब तारीफे खुदा के लिए हैं जिसने हमें मार कर जिंदगी बख्शी और हमको इसी की तरफ उठकर जाना है ।

7 – बैतुल खला या टॉइलेट जाने की दुआ

अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ुबिका मिनल खुबुसि वल खबाइस

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मैं तेरी ही पनाह चाहता हूं खबीस जिनों से ।

8 – बैतुल खला या टॉइलेट से निकलने की दुआ       

गुफरानका अल्हम्दुलिल्ला हिल लज़ी अज़हबा अन्निल अज़ा व अफ़ानी

तर्जुमा : सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं जिसने मुझसे ऐज़ा देने वाली चीजें दूर की और मुझे चैन दिया ।

9 – वज़ू के दरमियान की दुआ  

अल्लाहुम्मग़ फिर ली ज़म्बी व-वस्सि ली फीदारी व बारिक ली फी रिज़क़ी

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मेरे गुनाह बख्श दे और मेरे कब्र के घर को वसी फरमा और मेरे रिज्क़ में बरकत दे

11 – वज़ू के बाद की दुआ

अशहदुअल्ला इलाहा इल्लाहु वहदहू ला शरीका लहू वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू वा रसूलुह

तर्जुमा : मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं वह तन्हा है उसका कोई शरीक नहीं और मैं गवाही देता हूं कि मोहम्मद अल्लाह के बंदे और उसके रसूल है ।

फिर ये दुआ पढ़े

अल्लाहुम्मज अलनी मिनत तव्वबीना वज अल्नी मिनल मुता ताहिरीन

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मुझे बहुत तौबा करने वालों में और बहुत पाक रहने वालों में शामिल फरमा ।

12 – मस्जिद मे दाखिल होने की दुआ

अल्लाहुम्म-फ्तह ली अब वाबा रहमतिक

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाजे खोल दे ।

13 – मस्जिद से निकलने की दुआ

रब्बिग फिर्ली जुनूबी वफ तहली अब्वाबा फजलिका

तर्जुमा : ऐ मेरे रब मेरे गुनाहों को बख्श दे और मेरे लिए अपने फजल के दरवाजे खोल दे ।

14 – अजान की आवाज सुनने पर ये दुआ पढे

रज़ीतु बिल्लाही रब्बौ वबी मोहम्मदिर् रसूलौ व बिल इस्लामी दीना

तर्जुमा : मैं अल्लाह को रब मानने पर और मोहम्मद को रसूल मानने पर और इस्लाम को दीन मानने पर राजी हूं ।

15 – अजान के बाद की दुआ

अल्लाहुम्मा रब्बा हाजिहिद दावतित ताम्मती वस सलातिल काइमती आती मुहम्मदनिल वसीलता वल फजीलता वब असहु मकामम महमू-दनिल लज़ी वा अत्तहू इन्नका ला तुखलीफुल मी-आद

तर्जुमा : ऐ अल्लाह इस पूरी पुकार के रब और कायम होने वाली नमाज के रब मोहम्मद सल्ल० का वसीला अता फरमा जो जन्नत का एक दर्जा है ओर उनको फजीलत अता फरमाए और उनको मकाम महमूद पर पहुंचा जिसका तूने इनसे वादा फरमाया है बेशक तू वादा खिलाफी नहीं फरमाता ।

16 – नमाज वित्र के बाद की दुआ

सुबहानल मलिकिल कुद्दूस

तर्जुमा : पाकी बयान करता हूं बादशाह की यानी अल्लाह की जो पाक है ।

17 – फजर और मगरिब की नमाज़ के बाद की दुआ

अल्लाहुम्मा अजिरनी मिनन नार

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मुझे दोजख से महफूज रखना ।

18 – घर में दाखिल होने की दुआ

अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका खैरल मौलजी वा खैरल मखरजी बिस्मिल्लाही वलजना बिस्मिल्लाहि खरजना वा अलल लाही रब्बना तवक्कलना

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मैं तुझसे अच्छा दाखिल होना और अच्छा बाहर जाना मांगता हूं हम अल्लाह का नाम लेकर दाखिल हुए और अल्लाह ताला का नाम लेकर निकले और हमने अल्लाह पर भरोसा किया जो हमारा रब है ।

19 – घर से निकलने की दुआ

बिस्मिल्लाही तवक्कलतू अलल-लाही ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह

तर्जुमा : मैं अल्लाह का नाम लेकर निकला मैंने अल्लाह पर भरोसा किया गुनाहों से बचाना और नेकियों की कुव्वत देना अल्लाह ही की तरफ से है ।

20 – बाजार में दाखिल होने की दुआ

ला इलाहा इल्लल-लाहु वह-दहू ला शरीका लहू लहुल मुलकु वला हुल हमदु युह-यी वयु मीतु वहुवा हययुल ला यमूतु बियादिहिल खैर वहुवा अला कुल्ली शै-इन क़दीर

अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं वह तनहा है उसका कोई शरीक नहीं उसके लिए मुल्क है और उसी के लिए हम्द है वही जिंदा करता है और मारता है और वह खुद जिंदा है उसे मौत ना आएगी उसके हाथ में भलाई है और वह हर चीज पर कादिर है ।

21 – खाना खाने की दुआ

बिस्मिल्लाही वाला बरकतिल्लाह

तर्जुमा : मैंने अल्लाह के नाम से और अल्लाह की बरकत पर खाना शुरु किया ।

बिस्मिल्ला पढ़ना भूल जाए तो

बिस्मिल्लाही अव्वा लहू वा आखिराहू

तर्जुमा : मैंने इसके अव्वल और आखिर में अल्लाह का नाम लिया ।

22 – खाना खाने के बाद की दुआ

अल्हम्दु लिल्ला हिल्लजी अत आमना वसा काना वजा अलना मिनल मुस्लिमीन

तर्जुमा : सब तारीफें खुदा के लिए हैं जिसमें हमें खिलाया और पिलाया और मुसलमान बनाया ।

या फिर ये दुआ पढे

अल्हम्दुलिल्लाहिल्लजी हुवा अशबाना वा अरवाना व-अन-अमा अलैना वा अफजला

तर्जुमा : सब तारीफे अल्लाह ही के लिए हैं जिसने हमारा पेट भरा और हमें शेराब किया और हमें इनाम दिया और बहुत दिया ।

23 – दस्तरखान उठाने की दुआ

अल हमदुलिल्लाही हमदन कसी रन तय्यबन मुबारकन फीही ग़ैरा मुकफिय्-यौ वला मुवद्दा इव वला मुसतग़नन अनहु रब्बना

तर्जुमा : सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं ऐसी तारीफ जो बहुत हो और पाकीजा हो और बा बरकत हो हमारे रब हम इस खाने को काफी समझकर यह बिल्कुल रुखसत करके या इससे गैर मोहताज हो कर नहीं उठा रहे  है ।

24 – दूध पीने के बाद की दुआ

अल्लाहुम्मा बारिक लना फीहि वाजिदना मिन्हु

तर्जुमा : ऐ अल्लाह तू इसमें हमें बरकत दे और हमको और ज्यादा दें ।

25 – दावत खाने की दुआ

अल्लाहुम्मा अत इम मन अत-अमनी वसक़ी मन सक़ानी

तर्जुमा : ऐ अल्लाह जिसने मुझे खिलाया तू उसे खिला और जिसने मुझे पिलाया तू उसे पिला ।

26 – आब-जमजम का पानी पीने की दुआ

अल्लाहम्मा इन्नी अस अलुका इलमन नाफीऔ वरिजकौ वासी औ वशिफ़ाअम मिन कुल्ली दा

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मैं तुझ से नफा देने वाले इल्म और कुशादा रिज्क का सवाल करता हूं और हर मर्ज से शिफायाब होने का सवाल करता हूं ।

27 – कपड़ा पहने दुआ

अल्हम्दु लिल्ला हिल्लजी कसानी हाज़ा वरा-ज़क्नीही मिन गैरी हौलिम मिन्नी वला कुव्वाह

तर्जुमा : सब तारीफ अल्लाह के लिए है जिसने यह कपड़ा मुझे पहनाया और नसीब किया बगैर मेरी कोशिश और कुव्वत के।

28 – नया कपड़ा पहनने की दुआ

अल्हम्दुलिल्ला हिल्लजी कसानी मा उवारी बिही औरती वा अता जम्मलु बिही फी हयाती

तर्जुमा : सब तारीफ अल्लाह के लिए जिसने मुझे कपड़ा पहनाया है जिससे मैं अपनी शर्म की चीजे छुपाता हूं और अपनी जिंदगी में इसके जरिए खूबसूरती हासिल करता हूं ।

29 – चाँद पर नजर पड़े तो यह दुआ पढ़े

आऊजू बिल्लाही मिन शर्री हाजा

तर्जुमा : मैं अल्लाह की पनाह चाहता हूं इसके शर से ।

30 – नया चाँद देखने की दुआ

अल्लाहुम्मा अहिल्लहु अलाइना बिल युमनी वल ईमानी वस सलामती वल इस्लामी वतौ फीकि लिमा तुहिब्बू वतर्जा रब्बी वा रब्बुकल्लाह

तर्जुमा : ऐ अल्लाह इस चांद को हमारे ऊपर बरकत और इमान और सलामती और इस्लाम के साथ और उन अमाल की तौफीक के साथ निकला हुआ रख जो तुझे पसंद है ए चांद मेरा और तेरा रब अल्लाह है

31 – किसी को रुखसत करने की दुआ

अस्तौ दिउल्लाहा दीनका वा अमानतका वा खवातीमा अमालिक

तर्जुमा : अल्लाह के सुपरिद करता हूं तेरा दिन और तेरी अमानत दारी की सिफ्त और तेरे अमल का अंजाम ।

32 – सफर के इरादे की दुआ

अल्लाहुम्मा बिका असूलु वा बिका अहूलू वा बिका असीरु

तर्जुमा : ऐ अल्लाह मैं तेरी मदद से दुश्मनों पर हमला करता हूं और तेरी ही मदद से उनके दफा करने की तदबीर करता हूं और तेरी ही मदद से चलता हूं ।

33 – सवारी पर सवार होने की दुआ

सुबहानका इन्नी जलम-तू नफसी फगफिर्ली फ़ा-इन्नहु ला यगफिरुज जुनूबा इल्ला अंता

तर्जुमा : ऐ खुदा तू पाक है बेशक मैंने अपने नफ्स पर जुल्म किया तु मुझे बख्श दे क्योंकि सिर्फ तू ही गुनाह बख्शता है ।

34 – सहर या बस्ती में दाखिल होने की दुआ

अल्लाहुम्मा बारिक लना फीहा

तर्जुमा : अल्लाह हमें इसमें बरकत दे ।

या यह दुआ पढ़े

अल्लाहुम्मर जुकना जनाहा वा हय्यीना इला अहलिहा वा हब्बिब सालीही अहलिना इलैना

तर्जुमा : ऐ अल्लाह तू हमें इसके मेवे नसीब फरमा और यहां के बाशिंदों के दिलों में हमारी मोहब्बत और यहां के नेक लोगों की मोहब्बत हमारे दिलों में पैदा फरमा ।

35 – सफर मे रवाना और सफर से वापसी की दुआ

अल्लाहम्मा इन्ना नस्अलुका फि सफ़ा-रिना हाजल बिर्रा वत्तकवा वामिनल अमली मा तर्जा अल्लाहुम्मा हव्विन अलैना सफरना हाज़ा वा अत्वी लना बु-दहू अल्लाहुम्मा अन्तस साहिबु फिस सफरी वल खलीकतु फिल अहली अल्लाहुम्मा इन्नी आउजूबिका मिन वसाइस सफारी वा काबतिल मन-जरी वा सू-इल मुंकलाबी फिल माली वल अहलि वा आउजुबिका मिनल हौरी बादल कौरी वा दावतिल मजलूम

तर्जुमा : ऐ अल्लाह हम तुझसे इस सफर में नेकी और परहेजगारी का सवाल करते हैं और उन आमाल का सवाल करते हैं जिनसे आप राजी हो अल्लाह हमारे इस सफर को हम पर आसान फरमा दे और इसका रास्ता जल्दी-जल्दी तय करादे अल्लाह तू सफर में हमारा साथी है और हमारे पीछे घरबार का कारसाज है । ऐ अल्लाह मैं तेरी पनाह चाहता हूं सफर की मुशक्कत और घर बार में बुरी वापसी से और बुरी हालत के देखने से और बनने के बाद बिगड़ने से और मजलूम की बद्दुआ से ।

36 – किसी को हंसता देखें तो यह दुआ पढ़े

अज हकल्लाहु सिन्नाका

तर्जुमा : खुदा तुझे हंसाता रहे ।

37 – दुश्मन के खौफ की दुआ

अल्लाहुम्मा इन्ना नजअलुका फी नूहूरिहिम वा नौजूबिका मिन शूरूरिहीम

तर्जुमा : ऐ अल्लाह हम तुझे इन दुश्मनों के सीनों में तसर्रुफ करने वाला बनाते हैं और इनकी शरारतो से तेरी पनाह चाहते हैं ।

38 – अगर किसी को दुश्मन घेर लें तो यह दुआ पढ़े

अल्लाहुम्म-स-तुर औ रातिना वा आमिर-राउ आतिना

तर्जुमा : ऐ अल्लाह हमारी आबरू की हिफाजत फरमा और खौफ हटाकर हमें अमन से रख ।

39 – मजलिस से उठने से पहले की दुआ 

सुबहानकल्लहुम्मा वा बिहम्दिका अशहदु अल्ला इलाहा इल्ला अन्ता अस्तग्फिरुका वा अतुबू इलैक

तर्जुमा : ऐ अल्लाह तू पाक है और मैं तेरी हम्द बयान करता हूं मैं गवाही देता हूं कि तेरे सिवा कोई माबूद नहीं मैं तुझ से माफी चाहता हूं और तेरे सामने तौबा करता हूं ।

40 – कोई काम शुरू करने की दुआ

बिस्मिल्लाह

तर्जुमा : शुरू अल्लाह के नाम से ।

41 – छींक आने पर ये दुआ पढे

अलहमदुलिल्लाह

तर्जुमा : शुक्र अल्लाह के लिए ।

अगर किसी की छींक की आवाज सुनो तो ये कहो

यर-हमुकल्लाह

तर्जुमा : अल्लाह तुम पर रहम करे ।

42 – सदक़ा देने की दुआ

फी सबी-लिल्लाह

तर्जुमा : अल्लाह तआला की राह मे ।

43 – किसी काम के इरादे की दुआ

इनशाल्लाह

तर्जुमा : अगर अल्लाह ने चाहा ।

44 – अच्छी खबर सुनने की दुआ / कलमा

सुबहान-अल्लाह

तर्जुमा : अल्लाह तआला पाक है ।

45 – किसी को तकलीफ होने पर ये पढे

या-अल्लाह

तर्जुमा : ऐ मेरे अल्लाह ।

46 – किसी की तारीफ करने का कलमा

मा शा-अल्लाह

तर्जुमा : जो अल्लाह ने चाहा ।

47 – सो कर उठने की दूसरी दुआ

ला इलाहा इल्लल लाह

तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई मआबूद नहीं ।

48 – अल्लाह का शुक्र अदा करने की दुआ

अलहमदु लिल्लाहि बि-इज्ज़ती वा जलालिही ततिमुस सालिहात

तर्जुमा : अल्लाह की जात पाक का बहुत शुक्र है जिस की इज्जत व अजमत के सदके मे अच्छे काम पूरे होते है ।

49 – किसी का शुक्र अदा करना हो तो ये कलमा कहे

जज़ा-कल्लाह

तर्जुमा : अल्लाह तुम्हें बदला दे ।

50 – किसी को रुखसत करने का कलमा

फी अमानिल्लाह

तर्जुमा : अल्लाह की हिफाजत मे ।

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51 – कोई नागवारी हो तो ये दुआ पढे

नआउजुबिल्लाह

तर्जुमा : अल्लाह तआला की पनाह दरकार है ।

52 – गलती पर अफसोस की दुआ

असतग़फिरूल्लाह

तर्जुमा : अल्लाह से माफी चाहता हु ।

53 – मौत की खबर सुनने की दुआ

इन्ना लिल्लाहि वा इन्ना इलैहि राजी-ऊन

तर्जुमा : हम अल्लाह के लिए है और अल्लाह की तरफ लौटकर जाना है ।

जरूरी बात : नाज़रीन इस दुआ को सख्त मुसीबत के वक़्त भी पढ़ा जाता है ।

54 – जब कोई परेशानी हो तो ये दुआ पढे

हसबुनल्लाहु वा निमल वकील

तर्जुमा : अल्लाह हमे काफी है और वो बेहतरीन कारसाज है ।

या ये दुआ पढे

या हययु या कय्यूमु बि रहमतिका असतग़ीस

तर्जुमा : ऐ जिंदह और क़ायम रखने वाले मै तेरी रहमत के वास्ते से फर्याद करता हु ।

या ये दुआ पढे

ला इलाहा इल्ला अंता सुबहाना-का इन्नी कुनतु मिनज़ ज़ालिमीन

तर्जुमा : ऐ अल्लाह तेरे सिवा कोई मआबूद नहीं , तु पाक है बेशक मै गुनाह करके अपनी जान पर ज़ुल्म करने वालों मे से हु ।

इसके अलावा ला हउला वला कुववता इल्ला बिल्लाह भी 99 परेशानी की दवा है और सबसे कम मर्तबा रंज का है ।

55 – माली तरक्की के लिए दुआ

अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहममदिन अबदिका वा रसूलिका वा अलल मुमिनीना वल मुमिनाती वा अलल मुस्लिमीना वल मुसलिमात

तर्जुमा : ऐ अल्लाह रहमत नाज़िल फरमा मुहम्मद सल्ल ० पर जो तेरे बंदे और रसूल है और तमाम मुमिनीन व मुमिनात व मुस्लिमीन व मुसलिमात पर भी रहमत नाज़िल फरमा ।

56 – बारिश की दुआ

अल्लाहुम्मा सईबन नाफीअन

तर्जुमा : ऐ अल्लाह इसको बहुत बरसने वाला और नफा बख्श बना ।

57 – बादल कड़कने और गरजने की आवाज सुने तो ये दुआ पढे

अल्लाहुम्मा ला तक़तुलना बि-गज़ाबिका वला तूहलीकुना बि-अज़ाबिका वा आफ़िना क़बला ज़ालिक

तर्जुमा : ऐ अल्लाह हम को अपने गजब से क़तल ना फरमा और अपने अज़ाब से हमे हलाक ना कर और इससे पहले हमे चैन दे ।

जरूरी बात : अगर आंधी के साथ अंधेरा भी हो जाये तो सूरा फलक और सूरह नास भी पढे ।

58 – किसी मुसलमान से मुलाकात होने की दुआ/ कलमा

अससलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह

तर्जुमा : तुम पर सलामती हो और अल्लाह की रहमत हो ।

59 – कर्ज की अदाईगी के लिए दुआ 

अल्लाहुमक-फ़िनी बि-हलालिका अन हरामिका वा अग़निनी बि-फ़जलिका अम्मन सिवाक

तर्जुमा : ऐ अल्लाह हराम से बचाते हुए अपने हलाल के जरिए तु मेरी किफायत फरमा और अपने फजल के जरिए तु मुझे अपने ग़ैर से बे-नियाज़ फरमा दे ।

60 – मरीज की अयादत की दुआ

ला बासा तहूरुन इनशाल्लाह

तर्जुमा : कुछ हर्ज नहीं इनशाल्लाह ये बीमारी तुमको गुनाहों से पाक करेगी ।

और 7 मर्तबा उसके शिफायाब होने की यू दुआ करे ,

अस-अलुल-लाहल अज़ीम रबबल अरशिल अज़ीम अईं यशफीयक

तर्जुमा : मै अल्लाह से सवाल करता हु जो बड़ा है और बड़े अर्श का रब है के तुझे शिफ़ा देवे ।

आज आपने मसनून दुआ हिंदी में जानी है । जिन्हे पढ़कर आप अपनी दुनिया और आखिरात को बना सकते है । उम्मीद करते है की आपको हमारी पोस्ट पसंद आई हो । इसी तरह का इस्लामिक दुआ और जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमारी इस दीनी काम में मदद करे और इसी तरह के पोस्ट को अपने दोस्तों तक भी पहुंचाए। खुदा हाफिज!!

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