अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु हमारे मुसलमान भाइयों और बहनो क्या आप रब्बाना अतीना फ़िद दुनिया दुआ पढ़ते है? और अगर पढ़ते है तो रब्बना आतिना दुआ का मतलब जानते है?
अगर आप रब्बना आतिना फिद्दुन्या हसनातौं दुआ को अच्छे से जानना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। हमने आपके लिए नीचे 40 रब्बना दुआ मौजूद करायी है आप इनको आसानी के साथ पढ़ कर इन दुआओं का हिंदी तर्जुमा भी जान सकते हैं।
दुआ को हज़रत मुहम्मद सल्लाह अलैहे वसल्लम ने इबादत का मग्ज बताया है।
रब्बना दुआ क्या है?
रब्बना दुआ को कुरानिक दुआ भी कहा जाता है ये कुरान शरीफ में 40 बार रब्बना से शुरू होता है, इसीलिए इसे रब्बाना दुआस कहते है।
रब्बाना अतीना फ़िद दुनिया हसनातून दुआ हिंदी में
रब्बना आतिना फिद्दुन्या हसनातौं व फिल आखिरती हसनतौं वकिना अजाबन नार।
अरबी में: –
رَبَّنَآ ءَاتِنَا فِى ٱلدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِى ٱلْءَاخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ ٱلنَّارِ
अंग्रेज़ी में:-
Rabbana atina fid dunyaa hasanatanw wa fil aakhirati hasanatanw wa qinaa azaaban Naar
तर्जुमा: –
“ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।”
रब्बाना दुआ हिंदी में-1
रब्बाना तकब्बल मिन्ना इन्नाका अंतस समीउल अलीम
رَبَّنَا تَقَبَّلْ مِنَّا إِنَّكَ أَنْتَ السَّمِيعُ العَلِيمُ
Rabbana taqabbal minnaa innaka Antas Samee’ul Aleem
तर्जुमा: – ऐ हमारे रब हमारी (ये खिदमत) क़ुबूल कर बेशक़ तू ही (दुआ) का सुनने वाला है (और उसका) जानने वाला है।
रब्बाना वजलना दुआ हिंदी में-2
रब्बाना वज’अलना मुस्लिमैनी लका वा मिन ज़ुरीयतिना उम्मतम मुस्लिमतल लका व अरीना मनासिकाना वा तुब अलैना इन्नाका अंतत तव्वाबुर रहीम
رَبَّنَا وَاجْعَلْنَا مُسْلِمَيْنِ لَكَ وَمِن ذُرِّيَّتِنَا أُمَّةً مُّسْلِمَةً لَّكَ وَأَرِنَا مَنَاسِكَنَا وَتُبْ عَلَيْنَآ إِنَّكَ أَنتَ التَّوَّابُ الرَّحِيمُ
Rabbana waj’alnaa muslimaini laka wa min zurriyyatinaaa ummatam muslimatal laka wa arinaa manaasikanaa wa tub ‘alainaa innaka antat Tawwaabur Raheem
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब्ब हमें अपना फरमाबरदार बना दे और हमारी औलाद में से भी एक जम’आत को अपना फरमाबरदार बना और हमें हमारे हज के तारीके बता दे और हमारी तौबाह क़ुबूल फरमा बेशक़ तू बड़ा तौबाह क़ुबूल करने वाला निहायत रहम वाला है।”
रब्बाना अतीना दुआ हिंदी में-3
रब्बना आतैना फिद्दुन्या हसनातौं व फिल आखिरती हसनतौं वकिना अजाबन नार।
رَبَّنَآ ءَاتِنَا فِى ٱلدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِى ٱلْءَاخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ ٱلنَّارِ
Rabbana atina fid dunyaa hasanatanw wa fil aakhirati hasanatanw wa qinaa azaaban Naar
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।
रब्बाना अफ्रिघ अलैना दुआ हिंदी में-4
रब्बाना अफरिघ ‘अलैना सबरऊँ व सब्बित अकदा’मना वनसुरना’ अलल क़व्मिल काफिरीन
رَبَّنَا أَفْرِغْ عَلَيْنَا صَبْراً وَثَبِّتْ أَقْدَامَنَا وَانصُرْنَا عَلَى القَوْمِ الكَافِرِينَ
Rabbana afrigh ‘alainaa sabranw wa sabbit aqdaamanaa wansurnaa ‘alal qawmil kaafireen
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब! हमपर धैर्य उडेल दे और हमारे क़दम जमा दे और इनकार करनेवाले लोगों पर हमें विजय प्रदान कर।”
रब्बाना ला तूआख़िज़ना दुआ हिंदी में-5
रब्बाना ला तू’आख़िज़ना इन नसीना औ अख़ताना
رَبَّنَا لَا تُؤَاخِذْنَآ إِن نَّسِينَآ أَوْ أَخْطَأْنَا
Rabbana laa tu’aakhiznaaa in naseenaaa aw akhtaanaa
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब अगर हम भूल जाये या ग़लती करें तो हमें न पकड़।”
रब्बाना वा ला तहमिल-अलैना दुआ हिंदी में-6
रब्बाना व ला तहमिल-‘अलैना इसरन कमा हमलतहू’ अल-लज़ीना मिन क़ब्लिना
بَّنَا وَلَا تَحْمِلْ عَلَيْنَآ إِصْرًا كَمَا حَمَلْتَهُۥ عَلَى ٱلَّذِينَ مِن قَبْلِنَا
Rabbana wa laa tahmil-‘alainaaa isran kamaa hamaltahoo ‘alal-lazeena min qablinaa
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब और हम पर भारी बोझ न रख जैसा तूने हम से पहले लोगो पर रखा था।”
रब्बाना वा ला तुहम्मिलना दुआ हिंदी में-7
रब्बाना व ला तुहममिलना मा ला ताकता लना बिह; व’फू ‘अन्ना वगफिर लना वरहमना; अंता मौलाना फंसुर्ना ‘अलल कव्मिल काफिरीन
رَبَّنَا وَلَا تُحَمِّلْنَا مَا لَا طَاقَةَ لَنَا بِهِۦ ۖ وَٱعْفُ عَنَّا وَٱغْفِرْ لَنَا وَٱرْحَمْنَآ ۚ أَنتَ مَوْلَىٰنَا فَٱنصُرْنَا عَلَى ٱلْقَوْمِ ٱلْكَٰفِرِينَ
Rabbana wa laa tuhammilnaa maa laa taaqata lanaa bih; wa’fu ‘annaa waghfir lanaa warhamnaa; Anta mawlaanaa fansurnaa ‘alal qawmil kaafireen
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब और हमसे वह बोझ न उठवा जिसकी हमें ताक़त नहीं और हमें मु’आफ़ कर दे और हमें बख़्श दे और हम पर रहम कर तू ही हमारा कारसाज़ है काफिरों के मुक़ाबले में तू हमारी मदद कर।”
रब्बाना ला तुजिग क़ुलूबना दुआ हिंदी में-8
रब्बाना ला तुजिग क़ुलूबना ब’दा इज़ हदैतना वा हब लना मिल लादुंका रहमा; इन्नाका अंतल वहाब
رَبَّنَا لاَ تُزِغْ قُلُوبَنَا بَعْدَ إِذْ ھَدَیْتَنَا وَھَبْ لَنَا مِن لَّدُنكَ رَحْمَةً إِنَّكَ أَنتَ الْوَھَّابُ
Rabbana laa tuzigh quloobanaa ba’da iz hadaitanaa wa hab lanaa mil ladunka rahmah; innaka antal Wahhaab
तर्जुमा: – “ऐ हमारे पालने वाले हमारे दिल को हिदायत करने के बाद डॉवाडोल न कर और अपनी बारगाह से हमें रहमत अता फ़रमा इसमें तो शक ही नहीं कि तू बड़ा देने वाला है।”
रब्बाना इनका जामी ‘उन-नासिल दुआ हिंदी में-9
रब्बाना इन्नका जामी ‘उन-नासिल यौमिल लारैबफीह; इन्नल लाहा ला युखलीफुल मी’आद
رَبَّنَآ إِنَّكَ جَامِعُ ٱلنَّاسِ لِيَوْمٍ لَّا رَيْبَ فِيهِ ۚ إِنَّ ٱللَّهَ لَا يُخْلِفُ ٱلْمِيعَادَ
Rabbanaaa innaka jaami ‘un-naasil Yawmil laa raibafeeh; innal laaha laa yukhliful mee’aad
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब! तू एक दिन सब लोगों को इकट्ठा करने वाला है जिसमें कोई शक़ नहीं बेशक़ अल्लाह अपने वादे के खिलाफ नहीं करता।”
रब्बाना इन्नाना आमन्ना दुआ हिंदी में-10
रब्बना इन्नना आमन्ना फगफिर लना ज़ुनूबना व क़िना ‘अज़ाबन नार
رَبَّنَآ إِنَّنَآ ءَامَنَّا فَٱغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَقِنَا عَذَابَ ٱلنَّارِ
Rabbanaaa innanaaa aamannaa faghfir lanaa zunoobanaa wa qinaa ‘azaaban Naar
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब हम ईमान लाए है सो हमें हमारे गुनाह बख़्श दे और हमें दोज़ख के अज़ाब से बचा ले।”
रब्बाना आमन्ना बिमा दुआ हिंदी में-11
रब्बना आमन्ना बिमा अंजल्ता वत्बा’नर रसूला फकतुबना मा’अश शाहीदीन
رَبَّنَآ ءَامَنَّا بِمَآ أَنزَلْتَ وَٱتَّبَعْنَا ٱلرَّسُولَ فَٱكْتُبْنَا مَعَ ٱلشَّٰھِدِی
Rabbanaaa aamannaa bimaaa anzalta wattaba’nar Rasoola faktubnaa ma’ash shaahideen
तर्जुमा: – “ऐ हमारे रब हम इस चीज़ पर ईमान लाए जो तूने नाज़िल की और हम रसूल के ता’बेदार हुए सो तू हमें गवाही देने वालो में लिख ले।”
रब्बाना फिर लाना जुनूबाना दुआ हिंदी में-12
रब्बानग फ़िर लना ज़ुनूबना व इसराफ़ना फ़ी अमिरना व सब्बित अकदामना वनसुरना ‘अलल कौमिल काफ़िरीन
رَبَّنَا ٱغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَإِسْرَافَنَا فِىٓ أَمْرِنَا وَثَبِّتْ أَقْدَامَنَا وَٱنصُرْنَا عَلَى ٱلْقَوْمِ ٱلْكَٰفِرِينَ
Rabbanagh fir lanaa zunoobanaa wa israafanaa feee amirnaa wa sabbit aqdaamanaa wansurnaa ‘alal qawmil kaafireen
तर्जुमा: – “ऐ हमारे पालने वाले हमारे गुनाह और अपने कामों में हमारी ज्यादतियॉ माफ़ कर और दुश्मनों के मुक़ाबले में हमको साबित क़दम रख और काफ़िरों के गिरोह पर हमको फ़तेह दे|”
रब्बाना माँ खलक़ता हाज़ा दुआ हिंदी में-13
रब्बना मा खलक़ता हाज़ा बातिलन शुभानका फ़क़ीना अज़ाबन नार
رَبَّنَا مَا خَلَقْتَ هَٰذَا بَٰطِلًا سُبْحَٰنَكَ فَقِنَا عَذَابَ ٱلنَّارِ
Rabbanaa maa khalaqta haaza baatilan Subhaanaka faqinaa ‘azaaban Naar
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! तू ने इन को यूँ ही पैदा नहीं किया, तेरी ज़ात पाक है, बस तू हमें दोज़ख़ के अज़ाब से बचा ले”
रब्बाना इनका मन तुड़खिलिन दुआ हिंदी में-14
रब्बाना इन्नाका मन तुदखिलिन नारा फक़द अख़ज़ई तहू व मा लिज्मिज़ालिमीना मिन अंसार
رَبَّنَآ إِنَّكَ مَن تُدْخِلِ ٱلنَّارَ فَقَدْ أَخْزَيْتَهُۥ ۖ وَمَا لِلظَّٰلِمِينَ مِنْ أَنصَارٍ
Rabbanaaa innaka man tudkhilin Naara faqad akhzai tahoo wa maa lizzaalimeena min ansaar
तर्जुमा: – “ऐ हमारे पालने वाले जिसको तूने दोज़ख़ में डाला तो यक़ीनन उसे रूसवा कर डाला और जुल्म करने वाले का कोई मददगार नहीं”
रब्बाना इन्नाना समीना दुआ हिंदी में-15
रब्बाना इन्नना समीना मुनादीअई युनादी लिल ईमानी अन आमिनू बि रब्बिकुम फा आमन्ना
رَّبَّنَآ إِنَّنَا سَمِعْنَا مُنَادِيًا يُنَادِى لِلْإِيمَٰنِ أَنْ ءَامِنُوا۟ بِرَبِّكُمْ فَـَٔامَنَّا
Rabbanaaa innanaa sami’naa munaadiyai yunaadee lil eemaani an aaminoo bi Rabbikum fa aamannaa
तर्जुमा: – “ऐ हमारे पालने वाले (जब) हमने एक आवाज़ लगाने वाले (पैग़म्बर) को सुना कि वह (ईमान के वास्ते यूं पुकारता था) कि अपने परवरदिगार पर ईमान लाओ तो हम ईमान लाए”
रब्बाना फागफिर लाना दुआ हिंदी में-16
रब्बाना फगफिर लना जुनूबना व कफ्फिर ‘अन्ना सई आतिना व तवफ्फना मा’अल अबरार
رَبَّنَا فَاغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَكَفِّرْ عَنَّا سَیِّئَاتِنَا وَتَوَفَّنَا مَعَ الأبْرَارِ
Rabbanaa faghfir lanaa zunoobanaa wa kaffir ‘annaa saiyi aatina wa tawaffanaa ma’al abraar
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! तू हमारे गुनाहों को बख्श दे और हमारी बुराइयों को धो दे और नेक लोगों के साथ हमें मौत दे”
रब्बाना वा आना मां दुआ हिंदी में-17
रब्बना व आतिना मा व’ अत्तना’अला रुसुलिका व ला तुखज़िना यौमल क़ियामह; इन्नाका ला तुखलीफुल मी’आद
رَبَّنَا وَءَاتِنَا مَا وَعَدتَّنَا عَلَىٰ رُسُلِكَ وَلَا تُخْزِنَا يَوْمَ ٱلْقِيَٰمَةِ ۗ إِنَّكَ لَا تُخْلِفُ ٱلْمِيعَادَ
Rabbanaa wa aatinaa maa wa’attanaa ‘alaa Rusulika wa laa tukhzinaa Yawmal Qiyaamah; innaka laa tukhliful mee’aad
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! अपने रसूलों की मार्फत जो कुछ हमसे वायदा किया है हमें दे और हमें क़यामत के दिन रूसवा न कर तू तो वायदा ख़िलाफ़ी करता ही नहीं”
रब्बाना आमन्ना दुआ हिंदी में-18
रब्बना आमन्ना फकतुबना मा’अश शाहीदीन
رَبَّنَآ ءَامَنَّا فَٱكْتُبْنَا مَعَ ٱلشَّٰهِدِينَ
Rabbanaaa aamannaa faktubnaa ma’ash shaahideen
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! हम तो ईमान ला चुके तो (रसूल की) तसदीक़ करने वालों के साथ हमें भी लिख रख”
रब्बाना अंजिल ‘अलैना दुआ हिंदी में-19
रब्बना अंज़िल ‘अलैना मा’इदतम मिनस समाई’ तकूनू लना ‘ईदल लि अव्वलिना व आखिरिना व आयतम मिनका वरज़ुकना व अंता खैरूर राज़ीकीन
رَبَّنَآ أَنزِلْ عَلَيْنَا مَآئِدَةً مِّنَ ٱلسَّمَآءِ تَكُونُ لَنَا عِيدًا لِّأَوَّلِنَا وَءَاخِرِنَا وَءَايَةً مِّنكَ ۖ وَٱرْزُقْنَا وَأَنتَ خَيْرُ ٱلرَّٰزِقِينَ
Rabbanaaa anzil ‘alainaa maaa’idatam minas samaaa’i takoonu lanaa ‘eedal li awwalinaa wa aakhirinaa wa Aayatam minka warzuqnaa wa Anta khairur raaziqeen
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! हम पर आसमान से एक ख्वान (नेअमत) नाज़िल फरमा कि वह दिन हम लोगों के लिए हमारे अगलों के लिए और हमारे पिछलों के लिए ईद का करार पाए (और हमारे हक़ में) तेरी तरफ से एक बड़ी निशानी हो और तू हमें रोज़ी दे और तू सब रोज़ी देने वालो से बेहतर है”
रब्बाना ज़लमना अनफ़ुसाना दुआ हिंदी में-20
रब्बना ज़लमना अनफ़ुसना व इल्लम तगफिर लना व’तरहमना लनाकूनन्ना मिनल खासीरीन
رَبَّنَا ظَلَمْنَآ أَنفُسَنَا وَإِن لَّمْ تَغْفِرْ لَنَا وَتَرْحَمْنَا لَنَكُونَنَّ مِنَ ٱلْخَٰسِرِينَ
Rabbanaa zalamnaaa anfusanaa wa illam taghfir lanaa wa tarhamnaa lanakoonanna minal khaasireen
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! हम ने अपने ऊपर बड़ा ज़ुल्म किया और अगर तू ने हमारी मगफिरत न की और हम पर रहम न फ़रमाया तो यक़ीनन हम बड़े घाटे में आ जाएंगे”
रब्बाना ला ताजलना दुआ हिंदी में-21
रब्बना ला तज,अल्ना मा’अल क़ौमिज़ ज़ालिमीन
رَبَّنَا لاَ تَجْعَلْنَا مَعَ الْقَوْمِ الظَّالِمِینَ
Rabbanaa laa taj’alnaa ma’al qawmiz zaalimeen
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! हमें ज़ालिम लोगों का साथी न बनाना”
रब्बाना बनान वा दुआ हिंदी में-22
रब्बनफ़-तह बैनना व बैना कौमिना बिल हक्की व अन्ता खैरुल फ़ातिहीन
رَبَّنَا افْتَحْ بَیْنَنَا وَبَیْنَ قَوْمِنَا بِالْحَقِّ وَأَنتَ خَیْرُ الْفَاتِحِینَ
Rabbanaf-tah bainana wa baina qawmina bil haqqi wa anta Khairul Fatiheen
तर्जुमा: – “ऐ हमारे परवरदिगार तू ही हमारे और हमारी क़ौम के दरमियान ठीक ठीक फैसला कर दे और तू सबसे बेहतर फ़ैसला करने वाला है”
रब्बाना अफरीघ ‘अलैना दुआ हिंदी में-23
रब्बना अफरिघ’अलैना सबरौं व तावफ्फना मुस्लिमीन
رَبَّنَآ أَفْرِغْ عَلَيْنَا صَبْرًا وَتَوَفَّنَا مُسْلِمِينَ
Rabbanaaa afrigh ‘alainaa sabranw wa tawaffanaa muslimeen
तर्जुमा: – “ऐ हमारे परवरदिगार हम पर सब्र (का मेंह बरसा) और हमने अपनी फरमाबरदारी की हालत में दुनिया से उठा ले”
रब्बाना ला ताजलना दुआ हिंदी में-24
रब्बना ला तज’अल्ना फितनातल लिल-कौमिज-जालिमीन व नज्जिना बि-रहमतिका मिनल कव्मिल काफिरीन
رَبَّنَا لاَ تَجْعَلْنَا فِتْنَةً لِّلْقَوْمِ الظَّالِمِینَ ; وَنَجِّنَا بِرَحْمَتِكَ مِنَ الْقَوْمِ الْكَافِرِینَ
Rabbana la taj’alna fitnatal lil-qawmidh-Dhalimeen wa najjina bi-Rahmatika minal qawmil kafireen
तर्जुमा: – “ऐ हमारे पालने वाले तू हमें ज़ालिम लोगों का (ज़रिया) इम्तिहान न बना और अपनी रहमत से हमें इन काफ़िर लोगों (के नीचे) से नजात दे”
रब्बाना इन्नाका तलमू दुआ हिंदी में-25
रब्बना इन्नका ता’लमू मा नुखफ़ी व मा नु’लिन; व मा यखफा ‘अलल लाहि मिन शै’इन फिल अरदी व ला फिस समा
رَبَّنَآ إِنَّكَ تَعْلَمُ مَا نُخْفِى وَمَا نُعْلِنُ ۗ وَمَا يَخْفَىٰ عَلَى ٱللَّهِ مِن شَىْءٍۢ فِى ٱلْأَرْضِ وَلَا فِى ٱلسَّمَآءِ
Rabbanaaa innaka ta’lamu maa nukhfee wa maa nu’lin; wa maa yakhfaa ‘alal laahi min shai’in fil ardi wa laa fis samaaa
तर्जुमा: – “ए हमारे रब! जो कुछ हम छिपाते हैं और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं तू (सबसे) खूब वाक़िफ है और अल्लाह से तो कोई चीज़ छिपी नहीं (न) ज़मीन में और न आसमान में”
रब्बीज ‘अलनी मुकीमास सलाती दुआ हिंदी में-26
रब्बिज ‘अलनी मुकीमस सलाती व मिन ज़ुर्रियती रब्बना व तकब्बल दुआ
رَبِّ اجْعَلْنِي مُقِيمَ الصَّلَاةِ وَمِنْ ذُرِّيَّتِي ۚ رَبَّنَا وَتَقَبَّلْ دُعَآءِ
Rabbij ‘alnee muqeemas Salaati wa min zurriyyatee Rabbanaa wa taqabbal du’aaa
तर्जुमा: – “ए हमारे रब! जो कुछ हम छिपाते हैं और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं तू (सबसे) खूब वाक़िफ है और अल्लाह से तो कोई चीज़ छिपी नहीं (न) ज़मीन में और न आसमान में”
रब्बनघ फिर ली वा दुआ हिंदी में-27
रब्बनग फ़िर ली वलि वालीदैया वा लिल्मु’मिनीना यौ-म यक़ूमुल हिसाब
رَبَّنَا اغْفِرْ لِي وَلِوَالِدَيَّ وَلِلْمُؤْمِنِینَ یَوْمَ یَقُومُ الْحِسَابُ
Rabbanagh fir lee wa liwaalidaiya wa lilmu’mineena Yawma yaqoomul hisaab
तर्जुमा: – “ए हमारे रब! जिस दिन (आमाल का) हिसाब होने लगे मुझको और मेरे माँ बाप को और सारे ईमानदारों को तू बख्श दे”
रब्बाना आतीना मिल दुआ हिंदी में-28
रब्बना आतिना मिल लदुनका रहमतंव व हैयी’ लना मिन अमरिना रशदा
رَبَّنَآ ءَتِنَا مِنْ لَدُنْكَ رَحْمَةً وَهَيِّئْ لَنَا مِنْ أَمْرِنَا رَشَدًا
Rabbanaaa aatinaa mil ladunka rahmatanw wa haiyi’ lanaa min amrinaa rashadaa
तर्जुमा: – “ए हमारे रब! हमें अपनी बारगाह से रहमत अता फरमा-और हमारे वास्ते हमारे काम में कामयाबी इनायत कर”
रब्बाना इन्ना दुआ हिंदी में-29
रब्बना इन्नना नखाफू अये यफरुता ‘अलैना औ अये यत्घा’
رَبَّنَآ إِنَّنَا نَخَافُ أَن يَفْرُطَ عَلَيْنَآ أَوْ أَن يَطْغَى
Rabbanaaa innanaa nakhaafu ai yafruta ‘alainaaa aw ai yatghaa
तर्जुमा: – “ए हमारे रब! हम डरते हैं कि कहीं वह हम पर ज्यादती (न) कर बैठे या ज्यादा सरकशी कर ले”
रब्बाना आमन्ना दुआ हिंदी में-30
रब्बना आमन्ना फगफिर लना वरहमना व अंता खैरूर राहिमीन
رَبَّنَآ ءَمَنَّا فَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا وَأَنتَ خَیْرُ الرَّاحِمِینَ
Rabbanaaa aamannaa faghfir lanaa warhamnaa wa Anta khairur raahimeen
तर्जुमा: – “ए हमारे रब! हम ईमान लाए तो तू हमको बख्श दे और हम पर रहम कर तू तो तमाम रहम करने वालों से बेहतर है”
रब्बनस-रिफ ‘अन्ना दुआ हिंदी में-31
रब्बनस-रिफ ‘अन्ना’ अजाबा जहननमा इन्ना ‘अजाबहा काना घरामा इन्नहा सा’अत मुस्ता-कर्रौं व मुकामा
رَبَّنَا اصْرِفْ عَنَّا عَذَابَ جَهَنَّمَ إِنَّ عَذَابَهَا كَانَ غَرَامًا إِنَّهَا سَآءَتْ مُسْتَقَرًّا وَمُقَامًا
Rabbanas-rif ‘anna ‘adhaba jahannama inna ‘adhabaha kana gharama innaha sa’at musta-qarranw wa muqama
तर्जुमा: – “ए हमारे रब! हम से जहन्नुम का अज़ाब फेरे रहना क्योंकि उसका अज़ाब बहुत (सख्त और पाएदार होगा) बेशक वह बहुत बुरा ठिकाना और बुरा मक़ाम है”
रब्बाना हब लाना दुआ हिंदी में-32
रब्बना हब लना मिन अज़वाजिना वा ज़ुर्रियातिना क़ुर्रता अ’युनिऊं वज’अलना लिल्मुत्तकीना इमामा
رَبَّنَا ھَبْ لَنَا مِنْ أَزْوَاجِنَا وَذُرِّیَّاتِنَا قُرَّةَ أَعْیُنٍ وَاجْعَلْنَا لِلْمُتَّقِینَ إِمَامًا
Rabbanaa hab lanaa min azwaajinaa wa zurriyaatinaa qurrata a’yuninw waj ‘alnaa lilmuttaqeena Imaamaa
तर्जुमा: – “ए हमारे रब! हमें हमारी बीबियों और औलादों की तरफ से ऑंखों की ठन्डक अता फरमा और हमको परहेज़गारों का पेशवा बना”
रब्बाना ला गफुरुन दुआ हिंदी में-33
रब्बना ल गफुरुन शकूर
رَبَّنَا لَغَفُورٌ شَكُورٌ
Rabbana la Ghafurun shakur
तर्जुमा: – “बेशक हमारा परवरदिगार बड़ा बख्शने वाला (और) क़दरदान है” [35:34]
रब्बाना वसीता कुल्ला शायर दुआ हिंदी में-34
रब्बना व’सिता कुल्ला शै’इर रहमतौं वा ‘इलमन फगफिर लिल्लज़ीना ताबू वतबा’ऊ सबीलका व किहिम ‘अज़ाबल जहीम
رَبَّنَا وَسِعْتَ كُلَّ شَيْءٍ رَّحْمَةً وَعِلْمًا فَاغْفِرْ لِلَّذِینَ تَابُوا وَاتَّبَعُوا سَبِیلَكَ وَقِھِمْ عَذَابَ الْجَحِیمِ
Rabbanaa wasi’ta kulla shai’ir rahmatanw wa ‘ilman faghfir lillazeena taaboo wattaba’oo sabeelaka wa qihim ‘azaabal Jaheem
तर्जुमा: – “परवरदिगार तेरी रहमत और तेरा इल्म हर चीज़ पर अहाता किए हुए हैं, तो जिन लोगों ने (सच्चे) दिल से तौबा कर ली और तेरे रास्ते पर चले उनको बख्श दे और उनको जहन्नुम के अज़ाब से बचा ले”
रब्बाना वा अदखिलहम दुआ हिंदी में-35
रब्बना व अदखिलहम जन्नती ‘अदनिनिल-लती व’अत्ताहुम व मन सलाहा मिन आबाइहिम व अज़्वाजीहिम व जुररियातिहिम इन्नका अंतल ‘अज़ीज़ुल-हकीम, वक़िहिमुस सय्यी’अत व मन तकिस-सय्यि’अति यौमा’इजिन फकद रहिमताहू व जालिका हुवल फौजुल-अज़ीम
رَبَّنَا وَأَدْخِلْھُمْ جَنَّاتِ عَدْنٍ الَّتِي وَعَدتَّھُم وَمَن صَلَحَ مِنْ آبَائِھِمْ وَأَزْوَاجِھِمْ وَذُرِّیَّاتِھِمْ إِنَّكَ أَنتَ الْعَزِیزُ الْحَكِیمُ وَقِھِمُ السَّیِّئَاتِ وَمَن تَقِ السَّیِّئَاتِ یَوْمَئِذٍ فَقَدْ رَحِمْتَھُ وَذَلِكَ ھُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیمُ
Rabbana wa adhkhilhum Jannati ‘adninil-lati wa’attahum wa man salaha min aba’ihim wa azwajihim wa dhuriyyatihim innaka antal ‘Azizul-Hakim, waqihimus sayyi’at wa man taqis-sayyi’ati yawma’idhin faqad rahimatahu wa dhalika huwal fawzul-‘Adheem
तर्जुमा: – “ऐ हमारे पालने वाले इन को सदाबहार बाग़ों में जिनका तूने उन से वायदा किया है दाख़िल कर और उनके बाप दादाओं और उनकी बीवीयों और उनकी औलाद में से जो लोग नेक हो उनको (भी बख्श दें) बेशक तू ही ज़बरदस्त (और) हिकमत वाला है।”
“और उनको हर किस्म की बुराइयों से महफूज़ रख और जिसको तूने उस दिन ( कयामत ) के अज़ाबों से बचा लिया उस पर तूने बड़ा रहम किया और यही तो बड़ी कामयाबी है”
रब्बनघ फिर लाना वा दुआ हिंदी में-36
रब्बनग फिर लना व ली इखवानी नल लज़ीना सबकूना बिल ईमानी व ला तज’अल फ़ी क़ुलूबिना गिल्लालिल लज़ीना आमनू
رَبَّنَا اغْفِرْ لَنَا وَلِإِخْوَانِنَا الَّذِينَ سَبَقُونَا بِالْإِيمَانِ وَلَا تَجْعَلْ فِي قُلُوبِنَا غِلًّا لِّلَّذِينَ اٰمَنُوا
Rabbanagh fir lanaa wa li ikhwaani nal lazeena sabqoonaa bil eemaani wa laa taj’al fee quloobinaa ghillalil lazeena aamanoo
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! हमें भी बख्श दीजिये और हमारे भाइयों को भी, जो हम से पहले ईमान लाये, और हमारे दिलों में मुसलमानों के बारे में कोई कीना न रहने दीजिये यक़ीनन आप ही शफीक और महेरबान हैं”
रब्बन्ना इनका दुआ हिंदी में-37
रब्बना इन्नका रऊफुर रहीम
رَبَّنَآ إِنَّكَ رَؤُوفٌ رَّحِیمٌ
Rabbannaaa innaka Ra’oofur Raheem
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! बेशक तू बड़ा शफीक़ निहायत रहम वाला है”
रब्बाना ‘अलाइका दुआ हिंदी में-38
रब्बना ‘अलैका तवक्कलना व इलैका अनाबना व इलैकल मसीर
رَّبَّنَا عَلَیْكَ تَوَكَّلْنَا وَإِلَیْكَ أَنَبْنَا وَإِلَیْكَ الْمَصِیرُ
Rabbanaa ‘alaika tawakkalnaa wa ilaika anabnaa wa ilaikal maseer
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! हमने तुझी पर भरोसा कर लिया है और तेरी ही तरफ हम रूजू करते हैं”
रब्बाना ला ताजलना दुआ हिंदी में-39
रब्बना ला तज’अलना फितनतल लिलज़ीना कफरू वघफिर लना रब्बना इन्नका अंतल अज़ीज़ुल हकीम
رَبَّنَا لَا تَجْعَلْنَا فِتْنَةً لِّلَّذِینَ كَفَرُوا وَاغْفِرْ لَنَا رَبَّنَآ إِنَّكَ أَنتَ الْعَزِیزُ الْحَكِیمُ
Rabbana laa taj’alnaa fitnatal lillazeena kafaroo waghfir lanaa rabbanaaa innaka antal azeezul hakeem
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! तू हम लोगों को काफ़िरों की आज़माइश (का ज़रिया) न क़रार दे और परवरदिगार तू हमें बख्श दे बेशक तू ग़ालिब (और) हिकमत वाला है”
अब्बाना आत्मिम लाना दुआ हिंदी में-40
रब्बना अत्मिम लना नूरना वघफिर लना इन्नका ला कुल्ली शै’इन कदीर
رَبَّنَآ أَتْمِمْ لَنَا نُورَنَا وَاغْفِرْ لَنَآ ۖ إِنَّكَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِیرٌ
Rabbanaaa atmim lanaa nooranaa waghfir lana innaka ‘alaa kulli shai’in qadeer
तर्जुमा: – “ए हमारे रब ! हमारे लिए हमारा नूर पूरा कर और हमें बख्य दे बेशक तू हर चीज़ पर कादिर है”
रब्बना दुआ को कब पढ़ा जाए?
रब्बना दुआ पढ़ने के लिए कोई भी हदीस में समय नहीं बताया गया है, इससे ये साबित होता है की आप जब चाहें ये सभी दुआ को पढ़ सकते है। लेकिन कोशिश करे के हर नमाज़ के बाद इन दुआ को पढ़े।
रब्बना आतिना फिद्दुन्या हसनातौं दुआ फायदे
इस दुआ यानी rabbana atina fid dunya को पढ़ने के अनगिनत फायदे हैं। इस दुआ में सिर्फ दुनिया ही नहीं आख़िरत के लिए भी कहा जाता है और जहन्नम के आग से निजात मांगी जाती है।
इस दुआ को पढ़ने के कुछ और भी फायदे है जैसे –
- एक अच्छी बीवी या शौहर ।
- नेक औलाद।
- कारोबार करियर या नौकरी में कामयाबी ।
- जाती और खानदानी सेहत।
- जहन तेज़ करने के लिए।
- एख़लाक़ में अच्छाई।
- फायदेमंद इल्म होना ।
- अच्छी जेहनियत ताकत और हिम्मत होना।
मुफ़्ती सफी उस्मानी साहब की तफ़्सीर के मुताबिक
मुख़्तसर लफ्ज़ो में कहा जाये तो ये दुआ सभी छोटी दुआओ का मज़्मुआ है हत्ता की ये दुआ इंसान की दुनियावी और गैर दुनियावी मकसद की पूरी जंजीर है। दुनिया में सुकून और आख़िरत में सुकून के साथ ही साथ इसमें आग की मुसीबत से बचने की तरफ भी इसारा है।
यही वजह थी की हुज़ूर पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इन लफ्ज़ो के साथ बहुत ही दुआ किया करते थे।
रब्बाना आतिना फिद दुनिया 12 वर्ड्स की बहुत ही छोटी सी दुआ है जो की हर मुस्लमान बहुत ही आसानी से पढ़ सकता है और याद कर सकता है।
यहाँ पर हमने कोशिश की है की बहुत ही आसान लफ्ज़ो में आपको इस सूरह को और इस सूरह के फायदे को बता सके। फिर भी अगर हमसे कही कोई गलती हो गयी हो या फिर कोई बात समझ में न आयी हो तो आप हमसे राब्ता कर सकते है।
हमसे राब्ता करने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर कमेंट कर सकते है। इसी के साथ ही आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और रिस्तेदारो के साथ शेयर कर सकते है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस दुआ को पढ़ सके और इसके फायदे को जान सके।
अल्लाह ताला हर मुस्लमान को दुनिया और आख़िरत में आला मुकाम दे।