लैलतुल क़द्र दुआ लैलतुल क़द्र रात की फ़ज़ीलत

मेरे प्यारे इस्लामिक भाइयो और बहनो अस्सलामो अलैकुम आज हम इस पोस्ट में बात करेंगें लैलतुल कद्र नमाज़ का तरीका laylatul qadr namaz tarika और लैलतुल कद्र दुआ laylatul qadr dua की फ़ज़ीलत क्या है इसको भी आप जरूर जाने और इस पर अमल जरूर करें |

लैलतुल कद्र (Laylatul Qadr) एक इस्लामी त्योहार है जो रमज़ान महीने के अंतिम दस दिनों में मनाया जाता है। इस त्योहार की रात को बहुत अहम माना जाता है क्योंकि इस रात को अल्लाह ने कुरान मजीद में “शबे-क़द्र” नाम से उल्लेख किया है। शबे-क़द्र का अर्थ होता है “शक्ति की रात” या “नज़राने वाली रात”।

मुसलमानों के लिए यह रात बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इस रात का इबादत करना बहुत फ़जीलत वाला काम माना जाता है। इस रात को अल्लाह ने इतना महत्व दिया है कि इस रात की इबादत लक्ष्य के साथ-साथ बेशक दूसरे रमज़ान के दिनों की तुलना में बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है।

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इस रात को लैलतुल कद्र के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह रात अल्लाह के बहुत करीब होने की बड़ी संभावना होती है और इस रात की इबादत से अल्लाह को बहुत प्रसन्नता मिलती है। इस रात को अल्लाह के अनेक गुणों और दयालुता का जश्न मनाया जाता है।

लैलतुल कद्र दुआ का अर्थ होता है “अंधेरे की रात” और इस रात में कुछ विशेष मायने रखता है क्योंकि इस रात में कुरान की पहली आयत नाज़िल हुई थी। इस रात में दुआ करना बेहद फ़ायदेमंद होता है।

लैलतुल कद्र की रात बेहद महत्वपूर्ण होती है और इस रात में इबादत करने के बहुत सारे तरीके हैं।

कुछ उन अमलों को आप निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं:

  1. नमाज पढ़ें: इस रात में नमाज पढ़ना बेहद फ़ायदेमंद होता है। आप इस रात में तहज्जुद नमाज अवश्य पढ़ें जो आमतौर पर इबादत की सबसे बड़ी नमाज होती है।
  2. कुरान पढ़ें: कुरान पढ़ना भी इस रात में बेहद अच्छा माना जाता है। आप इस रात में कुरान के तिलावत कर सकते हैं और उससे बरकत प्राप्त कर सकते हैं।
  3. दुआ करें: लैलतुल कद्र की रात में दुआ करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। आप अल्लाह से माफ़ी मांग सकते हैं और उससे अपने गुनाहों के माफ़ होने के लिए दुआ कर सकते हैं।
  4. जिक्र करें: इस रात में अल्लाह की याद में जिक्र करना बेहद फ़ायदेमंद होता है। आप अल्लाह की तारीफ़ और स्तुति कर सकते हैं और उससे अपने से दूर होने के साथ ही बरकत प्राप्त कर सकते हैं।

लैलतुल कद्र की नमाज पढ़ने के लिए निम्नलिखित तरीका अपनाएं:

  1. तहज्जुद नमाज की तरफ रुखु करें। तहज्जुद नमाज चार रकात की होती है।
  2. सूरह अल-फातिहा पढ़ें।
  3. किसी भी सूरह को पढ़ें, जो आपको याद हो। यदि आप चाहें तो अल-काफिरून और अल-इखलास जैसी छोटी सूरतें भी पढ़ सकते हैं।
  4. रुकू के लिए तकबीर कहें। रुकू में जाने के लिए सीधे हाथ बढ़ाएँ और अपने नीचे की जांघों को पकड़ें। तब अल्लाह के बारे में फिर से सोचें और तकबीर कहें, “الله أكبر” (“अल्लाह बहुत बड़ा है”)।
  5. इसके बाद, खड़े हों और सजदे के लिए तकबीर कहें। सजदे में जाने के लिए आपको अपने हाथों को सीधा रखना होता है और फिर अपनी आंखें और आगे की जांघें फैलानी होती हैं। फिर तकबीर कहें, “الله أكبر”।
  6. उठें और दुसरे सजदे के लिए तकबीर कहें। सजदे के दौरान आपको वही करना होगा, जो आप पहले सजदे में करते हैं।

लैलतुल क़द्र की तारीख क्या है?

लैलतुल क़द्र की तारीख हर साल अलग-अलग होती है। इस रात की तारीख का तय करना काफी मुश्किल होता है क्योंकि इस रात की तारीख के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है।

इसलिए, लैलतुल क़द्र की तारीख के बारे में सटीक जानकारी नहीं होती है। लेकिन इसे अधिकतर उलेमा रमज़ान के अंतिम तीनों अशर के दिनों में से किसी एक दिन को मानते हैं। इसलिए, अधिकतर मुसलमान लैलतुल क़द्र को रमज़ान के 21वें, 23वें, 25वें, 27वें या 29वें रोज़ मानते हैं।

लेकिन इस रात की तारीख के बारे में सटीक जानकारी नहीं होने के बावजूद, मुसलमान इस रात को ध्यान देते हुए उस महीने के अंतिम दस दिनों में इबादत और जिहाद के ज्यादा समय देते हैं।

दुआएं या मिन्नतें करें

लैलतुल क़द्र की रात में दुआएं या मिन्नतें करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस रात में दुआओं को पूरी किया जाने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। अल्लाह ने इस रात को बेहद महत्वपूर्ण बनाया है और उन लोगों को अपने नज़दीक बुलाया है जो दिल से इबादत करते हैं और उनकी दुआओं को स्वीकार करते हैं। इसलिए, लैलतुल क़द्र की रात में अपनी मनपसंद दुआएं करें और अपने दिल की ख़ुशी के लिए अल्लाह से मिन्नतें मांगें।

मस्जिद में दुआ में शामिल हुआ करें

लैलतुल क़द्र की रात में मस्जिद में दुआ में शामिल होना बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस रात में मस्जिदों में लोगों को इबादत के लिए बुलाया जाता है और इसलिए लोग इबादत करने और दुआ करने के लिए मस्जिदों में जाते हैं। आप भी मस्जिद में जाकर दुआ में शामिल हो सकते हैं।

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लैलतुल कद्र दुआ हिंदी में

“अल्लाहुम्मा इन्नका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफ्वा फफु अन्नी”

लैलतुल कद्र दुआ मतलब

“हे अल्लाह, तू बख्शने वाला है और तू माफ करने को पसंद करता है, इसलिए मुझे माफ फरमा।” यह दुआ लेते समय दिल से इमान और ईमानदारी से दुआ करने का प्रयास करें ताकि आप अल्लाह की राह पर चलते हुए उससे खुशी और बरकत प्राप्त कर सकें।

लैलतुल कद्र दुआ अंग्रेज़ी में

“Allahumma innaka afuwwun tuhibbul afwa fafu anni”

लैलतुल कद्र दुआ मतलब

“O Allah, You are Forgiving and You love to forgive, so forgive me.” While taking this Dua, try to pray with faith and sincerity from your heart so that you can get happiness and blessings from Allah while walking on the path.

लैलतुल कद्र दुआ अरबी में

“اللّٰہُمَّ اِنَّکَ عَفُوْنَ تُحِبُّ الْعَفُوْا فَفُو عَنِی”

लैलतुल कद्र दुआ मतलब

“اے اللہ تو معاف کرنے والا ہے اور معاف کرنے کو پسند کرتا ہے، پس مجھے معاف کردو۔” اس دعا کو لیتے وقت اپنے دل سے ایمان اور خلوص کے ساتھ دعا کرنے کی کوشش کریں تاکہ راستے پر چلتے ہوئے آپ کو اللہ کی خوشیاں اور برکتیں مل سکیں۔

सदक़ा या फ़ित्र करना

लैलतुल क़द्र की रात में सदक़ा या फ़ित्र करना भी बहुत अच्छा होता है। इस रात में सदक़ा देने या फ़ित्र करने से आप अल्लाह की राह में एक निस्स्वार्थ कदम उठाते हैं जो आपके लिए बहुत बड़ा सवाब बनता है। आप किसी भी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को सदक़ा या फ़ित्र दे सकते हैं या फिर मस्जिदों और मदरसो में भी सदक़ा दे सकते हैं।

एतिकाफ करे

लैलतुल क़द्र की रात में एतिकाफ करना बहुत बड़ा इबादती अवसर होता है। एतिकाफ एक इबादत होती है जिसमें एक व्यक्ति मस्जिद में एकांतवास में रहता है और अल्लाह की इबादत करता है। इस रात में अधिकतर मस्जिदों में एतिकाफ कराया जाता है। इस तरह से, आप भी अपने आस-पास की मस्जिद में एतिकाफ कर सकते हैं और इस रात में अपनी इबादत को और गहरा बना सकते हैं।

दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करना बिल्कुल न भूलें। अल्लाह हर मुसलमान की हिफाजत करे

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