Taraweeh Namaz ka tarika step by step (2021)

namaz e taraweeh step by step in hindi

अस्सलामो अलैकुम मेरे अजीज भाइयों और बहनो आज के पोस्ट में हम इंशा अल्लाह (taraweeh namaz) का मुकम्मल तरीका बताएँगे जैसा की हम सब जानते है अभी कोरोना के वजह से मस्जिदों में इबादत करने में बहुत दिक्कत हो रहा है

इसी लिए आज का हमारे पोस्ट का मकसद है की सभी हमारे दिनी भाइयों और बहनो को (taraweeh namaz) मुकम्मल आनी चाहिए ताकि अपने घरों में भी नमाज़ पढ़ सकें |

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हमारा आप से गुजारिस है की आज के इस पोस्ट को पूरा पढ़ें क्योंकि हमने इस पोस्ट में (taraweeh namaz) के तरीका को स्टेप बाई स्टेप बताया है ताकि आपको इसे समझने में जरा भी दिक्कत ना हो |

और कितने रकअत पढ़ने के बाद आपको दुआ मांगना चाहिए और taraweeh namaz की नियत हिंदी में |

नमाज़ ए तरावीह में कितनी रकअत होती है

तो सबसे पहले हम ये बता दे की तरावीह की नमाज़ taraweeh namaz दो तरह से पढ़ी 1 पहला जिसमे मस्जिदों में पूरा एक ख़तम क़ुरान शरीफ पढ़ा जाता है और 2 दूसरा जिसमे सिर्फ क़ुरान शरीफ के सूरह पढ़ा जाता है इसे सूरह तरावीह भी कहा जाता है |

अब हम जानते है की तरावीह में कुल कितनी रकअत होती है और कितनी रकअत में हमें दुआ मांगना चाहिए तो (taraweeh namaz) में कुल 20 रकअत होता है जिसे 2×2 रकअत पढ़ा जाता है और हर चार 4 रकअत मुकम्मल होने के बाद तरावीह की तश्बीह पढ़ें |

Taraweeh Namaz – की नियत (अकेले के लिए ये नियत) 

नियत की मैंने 2 रकअत नमाज़ सुन्नत तरावीह की वास्ते अल्लाह ताआला के ( मौजूदा वक्त ) रुख मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अक्बर कह कर अपने दोनों हांथों को बाँध लें

अगर आप इमाम के साथ पढ़ रहे है तो आप सिर्फ सना पढ़े | और अगर आप अकेले पढ़ रहे है तो आम नमाजो के तरह पढ़े

  1. सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि  सना सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
  2. दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें |
  3. अब सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें |
  4. अब आप क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें |

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें |

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे दोनो सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ|

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें|

इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें |

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें |

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे दोनो सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है | फिर

  1. सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुवे अपने शहादत के ऊँगली को उठायें |
  2. उसके बाद एक मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ें |
  3. उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें |

और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें |

जैसे आप दो रकअत मुकम्मल किये वैसे ही दो रकअत पढ़े जब आपका चार रकअत मुकम्मल हो जाये तो आप दोनों हाथो को उठा कर तरावीह की तस्बीह पढ़े यानी के तरावीह की दुआ पढ़ें

तरावीह के चार रकअत पूरा होने के बाद ये दुआ पढ़ें (tarweeh tasbih)

    (بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ)

سُبۡحَانَ ذِی  الۡمُلۡکِ وَالۡمَلَکُوۡتِ 

 سُبۡحَانَ ذِی الۡعِزَّۃِ وَالۡعَظَمَۃِ وَالۡھَیۡبَۃِ

ؕ وَالۡقُدۡرَۃِ وَالۡکِبۡرِیَآءِ وَالۡجَبَرُوۡتِ

ؕسُبۡحَانَ الۡمَلِکِ الۡحَیِّ الَّذِیۡ لَا یَنَامُ وَلَایَمُوۡتُ

ؕ سُبُّوۡحٌ قُدُّوۡسٌ رَبُّنَا وَ رَبُّ الۡمَلٰٓئِکَۃِ وَرُّوۡحِ 

ؕاَللَّھُمَّ اَجِرۡنَا مِنَ النَّارِ  یَا مُجِیۡرُ یَا مُجِیۡرُ یَا مُجِیۡرُ

इसी तरह आप हर चार रकअत के बाद तरावीह की दुआ मांगे और 20 रकअत के तरावीह की नमाज़ में 5 मर्तबा तरावीह की दुआ पढ़ें |

Namaz e taraweeh

Taraweeh namaz – का वक़्त कब सुरु होता है और कबतक रहता है

तरावीह की नमाज़ taraweeh namaz का वक़्त ईशा नमाज़ के फ़र्ज़ों के बाद से तुलू-ए-फ़ज्र तक रहता है

तरावीह की नमाज़ वित्र नमाज़ से पहले और बाद में भी पढ़ा जा सकता है

मुशाफिर, मरीज ,और औरतों के लिए तरावीह का हुक्म

तरावीह मर्द और औरत दोनों के लिए सुन्नत ए मोअक्केदा है इस लिए ख्वातीन को अपने घरों में अनफ़्रादि तौर पर तरावीह नमाज़ पढ़ने का एहतेमाम करना चाहिए मुशाफिर और मरीज़ को अगर तरावीह पढ़ने में किसी किसिम की तकलीफ और परिशानी न होतो पढ़ना अफजल है |

रमजान में तिलावत ए कुरआन का एहतेमाम

अल्लाह पाक ने कुरआन करीम को रमज़ान के पाक महीने में नाजिल फ़रमाया है रमजान का महीना जिसमे कुरान शरीफ नाजिल हुआ लिहाजा हमें दीगर महीनो के मुकाबले रमज़ानुल मुबारक के महीने में खूब कशरत से क़ुरान की तिलावत क़ुरान का एहतेमाम करनी चाहिए

हमारे पियारे आका सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम रमज़ानुल मुबारक की हर रात में जिब्रील ए अमीन अलैहि सलातो अस्सलाम के साथ क़ुरान पाक दौर फरमाते थे हमारे बुजुर्गाने दिन इसी पाक महीने में नमाज़ ए तरावीह में और उसके अलावा भी खूब कसरत के साथ क़ुरान करीम की तिलावत फरमाते तरग़ीब व तहरीस के लिए बुज़ुर्गान ए दिन के सौके तिलावत के चंद औकात पेश ए खिदमत है

(1) इमाम ए आजम इस रमजान के पाक महीने में 62 ख़तम कुरआन पाक करते थे |

(2) इमाम ए शाफी इस रमजान के पाक महीने में 62 ख़तम कुरआन पाक करते थे |

हजरत सैयद रबी अलैहि रहमतुल्लाह अलैह अम्बिया फरमाते है के हजरत सैयदना इमाम शाफी अलैहि रहमतुल्लाहिलकाफ़ी माहे रमजान में 60 ख़तम कुरआन पाक किया करते थे और ये सब ख़तम वो नमाज़ में किया करते थे

हालत ए क़याम में 10 दिनों में क़ुरान शरीफ ख़तम

हजरत सैयदना अबू असहाब रहमतुल्लाह तआला अलैह ब्यान करते है की हजरत हजरत सैयदना अबू रजा रहमतुल्लाह तआला अलैह रमजानुल मुबारक में हमारे साथ हालत ए क़याम में 10 दिनों में कुरान मजीद ख़तम करते थे |

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