Surah Nasr Ka Khas Qurani Wazifa In Hindi | हर हाजत की दुआ हिंदी में

सुरह नस्र Surah Nasr हिंदी तर्जुमा के साथ, Surah Nasr In Hindi, हमने पिछले आर्टिकल्स में आपको Surah ikhlas ki Fazilat के बारे में ब्यान क्या था और आज हम सूरह नस्र के बारे में इन्शाह अल्लाह ब्यान करेंगे जिसे हर मुस्लमान भाई बहने और बुजुर्गो को जानना चाहिए तो चलिए सुरु करते है अल्लाह के नाम से

Surah Nasr

Surah Nasr Ka Khas Qurani Wazifa

बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहमा

In Hindi

इजा जा-अ नसरुल्लाही वल-फ़तहु (1)
व-रऐ-तन्ना-स यद खुलू-न फि दी-निल्लाहि अफवाजा (2)
फसब्बिह बिहम्दी रब्बि-का वस-तगफिरहु इन्नहु का-ना तव्वाबा (3)

तर्ज़ुमा : जब अल्लाह तआला की मदद आ आती है और फतह हासिल हो गई और ऐ नबी (स.अ.व .) तुम ने देख लिया की लोग फौज दर फौज अल्लाह के दीन मे दाखिल हो रहे है तुम आप परवर दीगर की तरफ के साथ तस्बीह करो और उससे मग़फ़िरत मांगो बेशक बड़ा माफ़ करेने वाला है | 

सूरह अस्र की पहली आयत इजा जा-अ नसरुल्लाही के लफ्ज़ नस्र को इस आयत का नाम करार दे दिया गया इस सूरत को कशरत व मोहब्बत से पढ़ने से आपके लिए हर मैदान में कामयाबी के दरवाजे खोल दिए जाएंगे इन्शाह अल्लाह

You also read:- Darood e taj

बीमार पेरशान बेरोज़गार हो तो 7 मर्तबा ( अव्वल वा आखिर 1 3 7 दरूद शरीफ पढ़े ) रोज़ना पढ़ने से इंसा अल्लाह तआला कामयाबी मिली गी |

क़र्ज़ से निजायत के लिए 41 मर्तबा (अव्वल वा आखिर 11 11 बार दरूद शरीफ पढ़े )

रोज़ाना कसरत  और मोहब्बत से पढ़ेंगे तो इन्शाह अल्लाह हर  मोहताजी से महफूज़ रहेंगे

जायज़ मकसद के लिए 71 मर्तबा (अव्वल वा आखिर 11 11 बार दरूद शरीफ पढ़े )

surah al nasrIn Arabic

Surah nasr

सूरह अल नस्र की फ़ज़ीलत 

दोस्तों हजरत अब्दुल्लाह बिन्न अब्बास रजि अ तआला अन्हा का बयान है की ये क़ुरान मजीद की आखिरी सूरत हैं यानी ये हुआ की इस सूरत के बाद मुक़म्मल सूरत हुजेरे पाक (s.a.w) पर नाजिल नहीं हुइ |

और मसनदे अहमद में है की जब ये सूरत ए मुबारका नाजिल हुइ तो हुजूर नबीये करीम (saw) ने फ़रमाया की मुझे मेरी वफ़ात की खबर दे दी गयी |

उम्मुल मोमेनीन हजरत उम्मे हबीबा रजि अ अन्हा फरमाती है की जब ये सुरते मुबारका नाजिल हुइ तो हुजूर अकरम Saw ने फ़रमाया की इस साल मेरा इंतेक़ाल होने वाला है ये बात सुनकर हजरत फातिमा रजि अ तआला अन्हु रोने लगी और इस पर आप saw ने फ़रमाया की ए फातिमा मेरे खानदान में तुम सबसे पहले आकर मुझसे मिलोगी ये बात सुनकर हजरत फातिमा रजि अ तआला अन्हु मुस्कुराने लगीं |

जो शख्स सूरह की तिलावत करेगा वो उस शख्स की मानिंद है जो फतह मक्का में पैगंम्बर स अ ने हमराह था मजनूल बयान में इसका हवाला मौजूद है और अल्लाह तआला ने पांच नमाज़े फ़र्ज़ की तंदुरुस्त हों या बीमार खड़े होकर बैठ कर लेट कर या फिर इशारों से नमाज़ लाजमी पढ़ें | 

सूरह नस्र की फ़ज़ीलत

एक हदीस में है की सूरह इजा जा-अ नसरुल्लाही वल-फ़तहु को नवाकिल नमाज़ या वाजिब नमाज़ में पढ़ेगा अल्लाह उसके तमाम दुश्मनों पर फतह या करेगा और वो क़यामत में इस हालत में वादिदे महशर होगा की उसके हाँथ में एक अहद नामा होगा जो बात करेगा अल्लाह ने उसे उसके क़ब्र के अंदर से वाहिद भेजा है और जहन्नम के आग से महफूज़ है |

अगर आप में से कोई सरकारी जॉब की तैयारी कर रहे है तो हमारे द्वारा दी गयी लिंक पर क्लिक करें shadianudan.com और अपने तैयारी को और भी बेहतर बनायें |

नीचे दिए गए लिंक को भी ज़रूर पढ़े |

कैसी लगी आपको ये इस्लामिक इनफार्मेशन आप हमें comment करके जरूर बताएं और इसे शेयर करना बिल्कुल न भूलें अल्लाह हर मुसलमान की जान ओ माल की हिफाजत फरमा |

Leave a Comment