Shaitan Ko Bhagane Ki Dua | शैतान को भगाने की दुआ

अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन शैतान को भगाने की दुआ शैतान का मतलब चली आ रही मान्यता के अनुसार जिन्नत या भूत से है। जबकि यह रोजमर्रे की जिंदगी में जबरन घुस आई निगेटिव सोच-विचार, अफवाह और भ्रम के अलावा और कुछ नहीं है।

हालंकि इसका असर तेजी से होता है और इंसानी हालत देखते ही देखते बिगड़ जाती है। कामकाज के प्रति उत्साह में कमी आ जाती है और रूहानी ताकत कमजोर हो जाती है। इसलिए हर मुस्लिम को हिदायत दी गई है कि वह शैतानी मरदूद से बचने के लिए अल्लाह ताला से पनाह मांगे और अपनी हर मुमकिन कोशिश करे कि वह उसकी चपेट में आने से बचकर रहे।

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खासकर खवातिनों को कहा गया है कि वह किसी भी तरह की गफलत में नहीं पड़े और अल्लाह के बताए हुुए सारे सुन्नह और फर्ज को करे। शैतानी विश्वास से खुद को दूर रखे और इस तरह की निगेटिव बातों में आने से रोके।

फिर भी किसी बुरे दौर में इसके प्रभाव में आ जाने की स्थिति में शैतान को भगाने की कुरआनी दुआ पढ़ना चाहिए। इस दुआ को पढ़ने के बाद शैतान कभी भी आपके अच्छे विचारों में खलल नहीं डाल पाएगा और आप उसके बहकावे में आने से बचे रहेंगे।

यह भी नहीं भूलें कि आप भले ही शैतान के बारे में नहीं सोचें, लेकिन उसकी नजर हर पल आपके ऊपर बनी रहती है। जैसे ही मौका मिलता है वह आपको बहका सकता है अगर आप चाहते हैं कि शैतान के बरगलाने से बचकर रहें तो और वह आपको बहकावे में नहीं ले पाए तो शैतान को भगाने का वजीफा पढ़ें।

इसके पढ़ते ही शैतान आपके आस-पास भी नहीं फटकेगा। यही नहीं वह खुद आपसे पनाह मांगेगा। वजीफा को दिन में जितनी बार हो सके पढ़ें।

वा कुर रब्बी औजु बिका मिन

हा मा जा तिश श्यातीन,

वा औजु बी का रब्बा अय याह जुरुन।

सुराह मुमिनून की इस आयत को जब भी शैतानी साये का एहसास हो तब एक बार में कम से कम 21 बार जरूर पढ़़ें और इसके पहले और अंत में दुरूदे शरीफ सात बार पढ़ें।

शैतान को भगाने की ताकत हर इंसान में होती है, क्योंकि अल्लाह ने इंसान को सबसे बड़ा, योग्य और ताकतवर बनाया है। फिर भी यदि किसी भी तरह की ऊपरी साया का नकारात्मक प्रभाव आ जाए तो इंसना इस्लाम में बताए गए कुरआनी दुआ की आयतें से अपनी रक्षा कर सकता है।

कई बार इंसान रेल, बस या दूसरी अपने वाहन से यात्रा के दौरान अनजान-सुनसान जगहों पर अचानक घबड़ाहट और भय महसूस होती है। दिमाग में कई तरह के बेकार की बाते आने लगती है, जो दिमाग से निकल नहीं पाती है। इस हालत में रोज रात को सोने से पहले अली अलहामदु शरीफ, अलिफ लाम मीम, आयतल कुरसी और नीचे दिए गए दुआ को पढ़ें।

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम, हुवल्ला

आलिमुल्लजीला ला इलाहा इल्लाह

आलिमुल गैवे वरस हादते

हुवर रहमानुर्रहिम।

यदि कोई व्यक्ति शैतान या भूत-प्रेत बाधाओं से ग्रस्त हो, तो उसे उपरोक्त आयत शरीफ को रोजाना एक सौ ग्यारह बार नियमित रूप से पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में उसे भूत-प्रेत अथवा शैतान बाधा से छुटकारा मिल जाता है।

इसी तरह से यदि किसी स्थान, मकान या इमारत में जिन्न आदि हो और उनसे लोगो को परेशानी हो, तो उस स्थान पर जोर जोर से ‘अजान‘ दें। ऐसा करते ही जिन्नात वहां से तुरंत भाग जायेंगे और फिर वे कभी नहीं आएंगे।

शैतानी हवा से बचाव इंसान चाहे तो शैतानी ताकत से अपनी हिफाजत इस प्रकार से कर सकता हैः-

इंसान चाहे वह औरत हो या मर्द, उसे हमेशा पाक-साफ बने रहना चाहिए। यानी कि जब भी गुसल की जरूरत हो फौरन गुसल कर लें। कारण नापाक इंसान पर जिन्नत बहुत जल्द हावी हो जाता है।

शैतान आदमी से अधिक औरतों और बच्चों को अपनी चपेट में लेता है। एक तरह से वह मर्द की तरह औरत का आशिकमिजाज होता है। कई बार जिन्नत तो कुंवारी लड़कियों के साथ यौनाचार भी करता है। इसलिए औरतों को हिदायत दी गई है कि वह खुशबू लगाकर, बाल खुले रखकर या बेपरदा घर से बाहर नहीं निकले। इस हालत में औरत को देखकर जिन्नत यानी शैतान बहुत जल्द उसके पीछे लग जाता है।

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बच्चों और मवेशियों या पालतु जानवरों को सूर्यास्त से पहले ही अपने घर के अंदर ले लें।

जब कभी भी शौचालय जाना हो या दुआ पढ़ना हो तो एक दुआ अवश्य पढ़ें। इसके साथ ही शौचालय में हमेशा पहले उल्टा यानी बायां बायं रखकर जाएं ओर जब बाहर निकलें तो दायां पैर पहले निकलें फिर बोलें- गुफ्रा नाका, अल्हामुदु लिल्ला हिल लाजी अजहब अन्नील अजा वा अफानी। यह नहीं भूलें कि शैतान गंदे जगहों पर ही रहता है। वह दुआ है- अल्ला हुम्मा इन्नी औजु बिका मिनाल खुबुसी वाल खाबाइस।

घर के बाहर खुले में कभी पेशाब नहीं करें। अगर जरूरत हुई तो किसी जिन्नत की वाले पेड़ की जड़ में नहीं करें। सूखे पत्तों पर भी पेशाब नहीं करें और नही किसी बिल में या ढलान वाली जगह पर तो बिल्कुल भी पेशाब नहीं करें। यही नहीं ऐसा करने से पहले तीन बार बोल दें कि अगर कोई भी साहब हो तो हट जाए, मैं पेशाब कर रहा हूं।

जब कभी देर रात को सफर करें और किसी सुनसान इलाके में जाना हो तो अल्लमदु शरीफ, अलिफ लाम मीम? आयतल कुसरी और चारो कुल पढ़कर अपने दम कर लें। उसके बाद अपने चारो तरफ नजर फेरकर देख लें।

जभी बीवी के साथ सोना हो और सहवास की करें तो एक दुआ अवश्य पढ़ें। वह है- अल्ला हुम्मा जन्निब नाश शय तन्ना वा जान्न बिश श्यातन्ना मा रजाक तानी नसिबा। अगर किसी वजह से दुआ नहीं पढ़ पाएं तो हो सकता है कि कोई जिन्नत भी आपके साथ आपकी बीवी से सेक्स करले और आपको पता भी नहीं चले।

थूकने में सतर्कत बरतते हुए कभी भी खिड़कियों से बाहर नहीं थूकें, बल्कि इसके लिए वाश वेसिन का उपयोग करें।

कुड़ा-कचरा घर से बाहर उछाल कर कभी नहीं फेंकें। उसे कूड़ेदान में डालें। ऐसा करते वक्त शैतान की नजर हमपर बनी रहती है। यह भी हो सकता है गलती से हम उसपर भी कूड़ा फेंक दें।

मेरा मकसद इस्लामिक जानकारी फैलाना है और आपका मदद करना और आपकी फ़र्ज़ बनता है की इस पोस्ट को दुसरे लोगो तक पहुँचाना। खुदा हाफिज!!

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