अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन सलातुल तस्बीह एक नफिल नमाज़ है, ये पांच वक्तों की नमाज़ में शामिल नहीं है। सलातुल तस्बीह की बड़ी फ़ज़ीलत है। हदीस में है कि हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने हजरत अब्बास रजि को तालीम फरमाई कि ऐ चचा, इसको (Salatul Tasbih को) पढ़ने से अगले पिछले तमाम गुनाह माफ हो जाते हैं। इसे हर रोज़ पढ़ा करो, अगर न हो सके तो हफ़ते में एक बार या महीने में एक द़फा और अगर ये भी न हो सके तो जिंदगी में एक बार ज़रूर पढ़ो।
सलातुत तस्बीह
”सुब्हानअल्लाहे वलहम्दोलिल्लाहे वलाइलाहाइल्लल्लाहो वल्लाहोअकबर”
سُبْحَانَ اللّٰہِ، وَالْحَمْدُ لِلّٰہِ، وَلَا إِلٰہَ إِلاَّ اللّٰہُ، وَاللّٰہُ أَکْبَرُ
सलातुत तस्बीह की नीयत
सबसे पहले सलातुत तस्बीह की नियत करें (चार रकअत एक सलाम से)
नीयत की मैंने 4 रकअत सलातुत तस्बीह, वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़।
सलातुत तस्बीह का तरीक़ा
नियत के बाद सना (सुब्हानाकल्लाहुम्मा…) और फिर 15 मरतबा तस्बीह पढ़ें।
फिर आउजोबिल्लाहे मिनश्शैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाहीर्रहमानिर्रहिम
सूरे फ़ातिहा (अल्हम्दोलिल्लाहे रब्बिल आलमीन….)
सूरे मिलाइये (कुरआन की कम से कम तीन आयतें या कोई सूरे)
सूरे मिलाने के बाद 10 मरतबा फिर
रुकूअ् में 10 मरतबा (सुब्हानरब्बिलअज़ीम के बाद) पढ़ें। फिर
(रुकूअ् से खड़े होकर) क़याम में 10 मरतबा (समिअल्लाहोलेमनहमेदा रब्बनालकलहम्द के बाद) पढ़ें। फिर
सज्दे में 10 मरतबा (सुब्हान रब्बिल आला के बाद) पढ़ें। फिर
(सज्दे के दरमियान) जल्सा में 10 मरतबा पढ़ें। फिर
दूसरे सज्दे में 10 मरतबा (सुब्हान रब्बिल आला के बाद) पढ़ें।
इस तरह पहली रकअत में 75 मरतबा पढ़ें और अगली रकअत के लिए खड़े हो जाएं।
दूसरी रकअ्त में भी इसी तरह 75 मरतबा पढ़ें। यानी
पहला — खड़े होते ही 15 बार
दूसरा — सूरे मिलाने के बाद 10 बार
तीसरा — रुकूअ् में 10 बार
चौथा — क़याम में 10 बार
पांचवा — सजदे में 10 बार
छठवा — जलसा में 10 बार
सातवां — दूसरे सजदे में 10 बार।
दूसरी रकात में कअ्दा में बैठकर अत्तहियात पढ़ें और फिर तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं। इसी तरह
तीसरी रकअ्त में 75 मरतबा और
चौथी रकअ्त में 75 मरतबा तस्बीह पढ़ें।
आखिर में चौथी रकात में कअदा में बैठकर अत्तहियात, दरूद इब्राहिम और दुआ पढ़कर नमाज़ मुकम्मल करें।
इस तरह चार रकअत में 75+75+75+75= कुल 300 मरतबा तस्बीह पढ़ी जाएगी।
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप सभी को सलातुत तस्बीह की नमाज पढ़ने आ गया होगा इसके अलावा कोई और सवाल है तो निचे कमेंट जरुर करे.