अस्सलामु अलैकुम नाजरीन क्या आपको रोज़ा रखने की दुआ roza rakhne ki dua याद है अगर नहीं याद है तो हमारे इस पोस्ट को धयान से पढ़िए रमजान ramzan का महीना इस्लाम में क्या मायने रखता है
ये हमें आपको बताने की जरुरत नहीं है इसका इल्म हर मुसलमान को है हर महीनो से अफजल रमजान का महीना माना गया है और है भी रमजान का महीना अल्लाह तबारक व तआला ने ख़ास अपने बन्दों के लिए बनाया है रमजान का महीना बहुत ही बरकत व फजीलत वाला महीना है |
रमजानुल मुबारक ramzan ul mubarak में हर मुल्क के मुसलमान रोजा roza रखते है रमजान की इब्तेदा रमजान का चाँद देखने से होती है रमजान का चाँद दिख जाने पर अगले दिन से रोज़ा रखा जाता है|
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रोज़ा रखने के लिए नाजरीन आपको रोज़ा रखने की दुआ याद होना चाहिए बिना इस नियत को पढ़े आपका रोज़ा नहीं होगा इस लिए हमने आपके लिए रोज़ा रखने की दुआ
roza rakhne ki dua और रोज़ा खोलने की दुआ roza kholne ki dua हिंदी अरबी और इंग्लिश में दे दिया है ताकि आपको किसी तरह की परिशानी न हो |
रोज़ा रखने की दुआ (roza rakhne ki dua) नियत हिंदी अरबी और इंग्लिश में
(Roza rakhne ki dua in arabic)
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتَ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ
(Roza rakhne ki dua in hindi)
व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान
(Roza rakhne ki dua in english)
Wa bisawmi ghadinn nawaiytu min shahri ramada
रमजान की फ़ज़ीलत – mahe ramzan ki fazilat in hindi
रमजान का महीना इस लिए भी पाक महीना है क्यों की इसी पाक महीने में यानी रमजान में क़ुरआन शरीफ नाजिल हुआ है माहे रमजान में नेकियों का अज्र बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है
लिहाज़ा कोशिश कर के ज़्यादा से ज़्यादा नेकियां इस महीने में जमा कर लेनी चाहियें। चुनान्चे ह़ज़रते सय्यिदुना इब्राहीम नख़्इ़र् फ़रमाते हैं रमज़ान के महीने में एक दिन का रोज़ा रखना एक हज़ार दिन के रोज़ों से अफ़्ज़ल माना जाता है|
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और रमज़ान के महीने में एक मरतबा तस्बीह़ करना (यानी कहना) इस माह के इ़लावा एक हज़ार मरतबा तस्बीह़ करने (यानी ) कहने से अफ़्ज़ल है और रमज़ान के महीने में एक रक्अ़त पढ़ना गै़रे रमज़ान की एक हज़ार रक्अ़तों से अफ़्ज़ल होता है। (अद्दुर्रुल (Mansur Jild 1 S-faha: 454)
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रोज़ा खोलने की दुआ हिंदी अरबिक और इंग्लिश में (roza kholne ki dua)
in arbic
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
اَللّٰهُمَّ اِنَّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ
in hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु व-बिका आमन्तु, व-अलयका तवक्कालतू व- अला रिज़क़िका अफतरतू
in english
Allahumma inni laka sumtu wa bika aamantu wa alayka tawakkaltu wa ala rizq-ika-aftartu
किन किन चींजों से रोज़ा टूट जाता है
(1) जान बुझ कर खाने से रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है|
(2) मुस्त जनि से यानि मस्टर बेशन करने से रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है|
(3) नाक में दवा डालने से रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है |
(4) सिगरेट बीड़ी हुक्का पिने से रोजा टूट जाता है roza break हो जाता है |
(5) पानी से कुल्ला करने पर अगर पानी गले के निचे चला जाए तो रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है
(6) जान बूझकर wometing उलटी करना इससे रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है |
(7) किसी खातून को हैज और निफ़ास के आजाने से रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है |
(8) रोजे के हालत में सरम गाह में कोई दवा रखना इससे भी रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है|
(9) डावइ का भाप लेने से रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है |
(10) inhaler दमे के बीमारी वाले शख्स जो इन्हेलर लेते है उससे रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है
(11) हम्म बिसतरी करने से रोज़ा टूट जाता है roza break हो जाता है (और कफ़्फ़ारा भी वाजिब हो जाएगा )
क्या क्या करने से रोज़ा नहीं टूट ता है
(1) गलती से कुछ खा ले या पानी पि ले इससे रोज़ा नहीं टूट ता है roza break नहीं होता है |
(2) रोज़े के हालत में जो मुंह में थूक आते है उसे अंदर घोंट लेने से भी रोज़ा नहीं टूट ता है roza break नहीं होता है |
(3) अगर रोज़े के हालत में उलटी wometing अपने आप हो जाए तो रोज़ा नहीं टूट ता roza break नहीं होता है |
(4) कान में या आँख में दवा डालने से भी रोज़ा नहीं टूट ता है roza break नहीं होता है |
(5) विक्स या फिर अतर के खुसबू को सूंघने से भी रोज़ा नहीं टूट ता है roza break नहीं होता है |
इबादत वाले महीना रमजान में क्या करें
माहे रमजान में जितना ज्यादा से ज्यादा अल्लाह तबारक व तआला की इबादत करें आम महीनो के मुताबिक रमजान के महीनो में ज्यादा रहमत व बरकत बरसती है जितना ज्यादा से ज्यादा गरीबो की मदद करें और रोज़ेदारो को इफ्तार व रोज़ा करवाओ और रोज़ा खोलने से पहले मिस्वाक करें |
अल्लाह ने किन लोगो को रोज़े में छूट दिया है
- अगर कोई शख्स बहुत बीमार हो चाहे फिर वो मर्द हो या औरत दवा खाना उसकी मज़बूरी हो अगर दवा न खाये तो उसके बीमारी में इजाफा हो सकता है तो वो रोज़ा छोड़ सकता है अल्लाह ने उनके लिए रोज़े में छूट दिया है
- प्रेग्नेंट औरत (ledies) को रोज़ा में छूट दिया गया है |
- जो औरत ledies माँ अपने बच्चो को दूध पिलाती है उसके लिए भी रोज़े में छूट दिया गया है |
- बूढ़े बुजुर और नादान बच्चो पर भी अल्लाह तबारक व तआला ने रोज़े में छूट दिया है |
रोज़ा अगर क़ज़ा हो जाए तो कब रोज़ा रखें(roza rakhne ki dua)
किसी ख्वातीन या मर्द हजरात के रमजान के रोज़ा क़ज़ा हो गए हो तो उसे कैसे मुकम्मल करें सबसे पहले ये जान ले की रमजान के रोज़े सभी पर फ़र्ज़ है इसी लिए जो रोज़ा क़ज़ा हो गया हो उसे बाद में नफिल रोज़ा यानि के और रोज़ा से पहले रमजान के रोज़े को रखें मुकम्मल करें
क़ज़ा रोज़े को कब तक आप रख सकते है ये भी हम आपको बता दे रहे है क़ज़ा हुवे रोज़े को जितना जल्द से जल्द कवर करें पूरा करें कम से कम अगले साल आने वाले रमजान से पहले आपको क़ज़ा रोज़ा को पूरा मुकम्मल करना ही चाहिए |
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