Namaz Ke Baad Ki Tasbeeh Dua| नमाज़ के बाद की तस्बीह दुआ हिंदी में

अस्सलाम अलैकुम नाजरीन क्या आप भी जानना चाहते है की हर फ़र्ज़ या किसी भी नमाज के बाद की तस्बीह क्या है जिसको पढ़ कर सवाब हासिल कर सके तो आप बिलकुल सही जगह आये हो.

दोस्तों इस तस्बीह को पढ़ना बहुत बड़ी फ़ज़ीलत और बरकत है इसको नहीं छोड़ना चाहिए वैसे भी इसको पढ़ने में ज्यादा से ज्यादा 3 मिनट ही लगता है और इतना समय तो सभी के पास होता ही है.

लेकिन अक्सर देखते है की लोग अपनी नमाज़ को ख़त्म जल्दी करके घर चले जाते है और इसकी फ़ज़ीलत से मरहूम हो जाते है.

इसी लिए आज आपको नमाज़ के बाद की तस्बीह को तफसील में बतायंगे जिससे आप सभी को ये तस्बीह आसानी से समझ में आ जाए और आप भी नमाज की तस्बीह को हमेशा पढ़े.

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नमाज के बाद की तस्बीह

यह तस्बीह हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढ़ना बेहद जरुरी होता है लेकिन बिलकुल ऐसा नहीं है की इसको फ़र्ज़ के अलावा और नमाज़ में नहीं पढ़ सकते है. बलके इस तस्बीह को किसी भी नमाज़ के बाद पढ़ा जा सकता है.

तस्बीह को पढ़ने का तरीका बिलकुल आसान है इसका तरीका ये है की आप 2 रकात पढ़ रहे है या तिन या 4 रकात पढ़ रहे है लेकिन आखिर रकात में सलाम फेरने के बाद इस तस्बीह को शुरू करे और तस्बीह कुछ यु है:

33 मर्तबा सुबहानअल्लाह

33 मर्तबा अलहमदुलिल्लाह

34 मर्तबा अल्लाहु अकबर पढें

इसको किसी भी नमाज़ में पढ़ सकते है और इसके बाद अल्लाह सुबान व ता’अला के बारगाह में दोनों हाथो को उठाकर दुआ मांगे जैसे इन नमाजो में भी पढ़ सकते है.

फजर की नमाज

जोहर की नमाज

असर की नमाज

मगरिब की नमाज

ईशा की नमाज

दोस्तों ये बिलकुल पढ़ना आसान है इसको पढ़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा 3 मिनट ही लगेगा इस लिए सभी मुस्लमान को चाहिए की इस तस्बीह को हमेशा पढ़ते रहे.

एक बात धयान देनी वाली है की इस तस्बीह को सिर्फ नमाज़ के बाद ही नमाज़ पढ़ना है बल्कि आप लोग किसी भी मोके पर पढ़ सकते है जैसे:- सोते वक़्त, चलते वक़्त और किसी भी खास मौके पर आदि.

दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप सभी को नमाज के बाद की तस्बीह पढ़ने आ गया होगा इसके अलावा कोई और सवाल है तो निचे कमेंट जरुर करे.

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