अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन क्या जब आप मुश्किल आता है तो मुश्किल के वक्त की दुआ पढ़ते है, या टेंशन लेते रहते है.
कोई बात आज की पोस्ट मुश्किल वक़्त की दुआ आपको सीखा देगा की क्यों ये दुआ इतना जरुरी है और ये दुआ नहीं पढ़ने से कितना कुछ खो रहे है |
मुश्किल वक़्त की दुआ
मुश्किल वक़्त की दुआ पढने के लिए निचे दिया गया है जिससे पढ़कर आप याद कर सकते है क्युकी बहुत छोटी दुआ है. क्युकी जब आपको दुआ याद रहेगा तो अगले बार जब मुश्किल वक़्त आए तो वेबसाइट ओपन करने की जरुरत न पड़े.
श्किल वक़्त में ही इंसान चीजो की अहमियत जान पता है। परशानी दूर करने की दुआ बिना मुश्किलों के खुशी भी बेरस लगती है। लेकिन कुछ मुश्किल आपकी जिंदगी से बड़ी हो जाती है। कुछ मुश्किल आपको जिंदगी जीने नहीं देती।
मुश्किल वक्त की दुआ अरबी में
إِنَّا لِلهِ وَ إِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُوْن. اَللّٰهُمَّ أْجُرْنِيْ فِيْ مُصِيبَتِيْ وَاخْلُفْ لِيْ خَيْرا مِنْهَا
मुश्किल वक्त की दुआ तर्जुमा
يقینا ہم اللہ ہى كى ملكيت ہیں اور اسى كى طرف لوٹ كر جانے والے ہیں۔اے اللہ مجھے ميرے اس صدمے یا تكليف كا اجر دے اور بدلے ميں مجھے اس سے زيادہ بہتر دے۔(صحیح مسلم)
मुश्किल वक्त की दुआ
इन्ना लिल्ह व इन्ना इइलैह राजिउन। ऑल्हुम्म अजर्नी फी मुसिबती वखलूफ ली खैरा मिन्हा
मुश्किल वक्त की दुआ
inna lilh va inna iilaih raajiun. olhumm ajarnee phee musibatee vakhalooph lee khaira minha
मुश्किल वक्त की दुआ की हदीस
अल क़ुरान : जिन लोगों ने अल्लाह और उसके रसूल का हुक्म माना , इसके बावजूद के उन्हे ज़ख़्म लगे हुए थे , जो उनमें से नेक और परहेजगार हुए उनके लिए बड़ा अजर है , जिन्हे (मुनाफ़िक़) लोगों ने कहा की लोगों ने (मुशरिकों और काफिरों ने ) तुम्हारे मुक़ाबले के लिए सामान जमा किया है , इसलिए तुम उनसे डरो तो (ये सुनकर) उनका ईमान और ज़्यादा हो गया और वो कहने लगे की हसबुनअल्लाहु वा निमल वकील ( हमको अल्लाह काफ़ी है और वो बेहतरीन कारसाज़ है)
मुश्किल की दुआ कैसे पढ़ा जाता है?
मुश्किल वक़्त की दुआ क्या है अपने ऊपर पढ़ लिया मुझे उम्मीद है की अपने दुआ को याद भी कर लिया होगा. अब जानते है की इस दुआ को कैसे पढ़ा जाए तो जब आपको लगे मुश्किल वक़्त में हूँ या परेशानी की वक़्त आने वाली है तो ये दुआ को फ़ौरन पढ़ ले.
आप निचे कमेंट में बताए की मुश्किल वक़्त की दुआ आपको कैसे लगा.