Kisi Ke Dil Me Pyar Dalne Ki Dua | किसी के दिल में प्यार डालने की दुआ

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो आज हम आप लोगो के लिए लेकर आए हैं किसी के दिल में प्यार डालने की दुआ प्यार-मोहब्बत की भावना एक कुदरती देन है। दिली तम्मना की प्राप्ति, पूर्ति और आत्मीय संतुष्टि है। लड़़का या लड़की के बीच चाहे कितना भी शारीरिक रूपरंग, ग्लैमर और यौन-भावना का आकर्षण क्यों न हो, उनके दिल में मोहब्बत की आत्मीय भावना का पनपना जरूरी होता है।

इसमें काफी समय लगता है और इसके लिए जबतक अल्लाह की दुआ नहीं होती, तबतक प्रेमी युगल हांे या फिर मिंया-बीवी ही क्यों न हों, बेइंतहा मोहब्बत हासिल नहीं किया जा सकता है।

किसी के दिल में बेपनाह मोहब्बत की भावना को पैदा करने को ही दिल में मोहब्बत डालना कह सकते हैं। इसके लिए अल्लाह से की जाने वाली दुआएं और वजीफे की जरूरत होती है, जिसे निम्नलिखित उपायों और साधनाओं से हासिल किया जा सकता है।

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दिल में जगह ढूंढना

प्रेमियों के लिए सबसे अधिक चिंता की बात एक-दूसरे के दिल में जगह ढूंढने की होती है। इसमें सफलता नहीं मिलने पर यह कई बार मन पीड़ित हो जाता है। खासकर यह तब बहुत ही दर्दनाक हो जाता है जब आप किसी से प्यार करते हैं और वह आपकी बजाय किसी और को चाहता है।

वैसे प्रेमी के दिल में या फिर वैसी प्रेमिका के हृदय में मोहब्बत की कोमल भावना डालने के लिए कुरआन में सुराह अल-अफाल की एक आयातें दी गई है। उनमें चुने हुए खास आयात को प्रतिदिन हर नमाज के बाद 11 बार पढ़ने से अल्लाह दुआ कुबूल करते हैं। इसे पढ़ते समय अपने प्रिय को दिल से याद करना चाहिए। वह आयात इस प्रकार है|

वा अल लाफा बैना कुलु बिहिम लाउ इन्फक्ता मा फिल अरधी

जा मिआम मा अल लाफ्ता कुलु बिहिम वाला किन्नाल

लाहा लफा बिना हम वा इन्नाहु अजीजुं हकीम

इस आयात के 21 दिनों तक लगातर पढ़ने से अपने प्रिय के दिल मंे मोहब्बत की जगह ढूंढने और उसे जगाने की अच्छी दुआ मिलती है। इसका असर दस दिनों के बाद ही धीरे-धीरे नजर आने लगता है। जैसे-जैसे समय व्यतीत होता है

आपसी मोहब्बत का एहसास बढ़ता चला जाता है। इसे दुआ के प्रयोग के दौरान प्रेमी युगल का प्रतिदिन मिलना जरूरी है। वे जब भी मिलें बगैर किसी गिल-शिकवे के एक-दूसरे की तरीफ करते हुए मिलें। उपहार भेंट करें।

मोहब्बत में मायूसी

यदि आप अपने प्रेमी से बेहद मोहब्बत करती हैं, लेकिन इसमें उसकी तरफ से मायूसी मिल रही है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके लिए मायूस होना चाहिए, बल्कि अल्लाह से अपने प्रेमी के दिल में मोहब्बत डालने की दुआ मांगे।

आप पाएंगे कि उनके मोहब्बत करने का तरीका ही बदल जाएगा। इसके लिए आप दिन में किसी भी वक्त नमाज पर बैठ जाएं और शुरूआत सात मर्तबा दुरूद शरीफ पढ़कर करें।

उसके बाद 300 मर्तबा यावदूदू या रउफू या रहीममो पढ़ें। उसके बाद एक बार फिर से सात मर्तबा दुरूद शरीफ पढ़ें और अपने महबूब का तस्व्वुर करें ओर उनके ऊपर दम कर दें। अल्ला ताला से उस शख्स के दिल में मोहब्बत डालने के लिए रूआंसा होकर दुआ करें।

मोहब्बत डालने वाली आयात

कुराअन-ए-पाक में कई आयातें दी गई हैं, जिनका नियम से पढ़ने पर दिल में मोहब्बत डालने की दुआ मिलती है। इनका उर्दू की जुबान के सही उच्चारण के साथ पढ़ा जाना चहिए। इनमें सुराह 12 के आयात 30 का एक छोटा सा हिस्सा बहुत ही असरकारी है।

इक्कीस दिनों में पूरा होने वाले इस उपाय को उरूह की नौचंदी जुमेरात से शुरू करना चाहिए। नौचंदी जुमेरात का अर्थ हिजरी चांद की पहली जुमेरात से है। सिलसिलेवार ढंग से किए जाने वाले तरीके इस प्रकार हैंः-

सबसे अव्वल ताजा वुदू बना लें।

बैठने के बिछावन चाहे तो जमीन पर हो, या फिर चारपाई या पलंग पर पर, उसे साफ होना चाहिए।

बिछावन पर मक्का मदीना या निकट के किसी मस्जिद की दिशा की ओर मुंह कर नमाज पढ़ने जैसी स्थिति में बैठें।

अपने सामने प्रिय यानी प्रेमी या प्रेमिका को तहेदिल से याद करें। कुछ पल आंखें बंद करने पर उसकी एक अकृति उभरेगी। उसका ध्यान करें।

उसके बाद अव्वाल दुरूह शरीफ का 11 बार पाठ करें।

फिर कुरआन-ए-पाक की सुराह युसुफ की आयात 30 के छोटे से हिस्से को बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ने के बाद 101 बार पढ़ें।

आयात पढ़ने के बाद आखिर में एक बार फिर से दुरूह शरीफ का 11 बार पाठ करें। ध्यान रहे इस दौरान मतलूम का तस्सबुर अवश्य करें।

इस वजीफे को कम से कम 11 दिनों तक अवश्य करें, लेकिन असर तेजी से नहीं होने की स्थिति में 21 रोज तक पढ़ सकते हैं।

इससे इंसाअल्लाह मतलूब बे-करार जरूर होगा। महबूब हाजिर हो जाएगा। इस अमल को जिसने भी अपनाया है उसे सफलता मिली है।

अपने प्रेमी के दिल में मोहब्बत जागने के लिए औरत को माहवारी के बाद शुरू करना चाहिए। यानी कि माहवारी के दौरान इसे कतई नहीं करना चाहिए।

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शौहर के दिल में मोहब्बत

अक्सर मिंया-बीवी के बीच तकरार होना सामान्य बात है। शौहर का नाराज हो जाने की बात हो या फिर बीवी के रूठने की, उनके बीच ऐसा मोहब्बत में फीकेपन के कारण होता है। इस तरह की परेशान औरत को चाहिए कि अपने शौहर के दिल में मोहब्बत डालने का खास अमल करे।

इसके करते ही शौहर की नाराजगी दूर हो जाएगी। औरत को अपने दोनों हाथ फैलाकर शौहर के सलामती की दुआ मांगनी चाहिए। उसके बाद शौहर का हाथ पकड़कर कहना चाहिए|

प्यारे नबी हजरात मोहम्मद सलीअलिआहु अलाई वास्सिंलिअम का फरमान आपने फरमाया, अगर किसी वजह से खावंद नाराज हो गया तो जन्नती औरत वो होती है जो खाबंद का हाथ पकड़कर कहे कि अल्लाह की कसम में उस वक्त तक नहीं सोउंगी जबतक कि आप मुझे से राजी नहीं हो जाते।

कोई औरत अपने पति के साथ ऐसा नहीं कर सकती है तो उसे इस्लाम का सुराह फतिहा प्रतिदिन 21 बार तबतक पढ़ना चाहिए, जबतक कि पति की नाराजगी दूर न हो जाए और वह गैर औरत की तरफ से हमेशा के लिए नजर फेर ले।

बिस्मिल्लाह रहमान निर रहीम अलाहमदु इल्लाही राब्बील अलअमीन

अर-रहमान निर रहीम मालिकी यावमिद दीन

इय्याका नबुदु वा इयाअका नाशतेइन,

इहदिनास सिराअताल मुसतअकईम सिराअताल लाअजीना

अनअमता अलाइहिम घाअयरिल माअघडूबी अलाहिम वाअ लआद दवाअल्लीइन

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