Itikaf Ki Dua | एतिकाफ़ की दुआ एतिकाफ़ करने का तरीका हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु  अगर आप भी इस रमज़ान में एतिकाफ करने का इरादा बना रहे हैं और आपको एतिकाफ को करने का तरीका, दुआ, नीयत, और फ़ज़ीलत के बारे में नहीं मालूम है तो आज हम आपको इतिकाफ के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

एतिकाफ़ क्या है

एतिकाफ़ का मतलब होता है रुक जाना, एतिकाफ़ को हम रमज़ान के आखिरी अशरे में यानी आखिरी 10 रोज़े में दुनिया से दूर मस्जिद में बैठकर औरत होतो घर के किसी हिस्से में बैठकर इबादत नमाज़ पढ़ना, क़ुरान शरीफ़ की तिलावत करना, तस्बीह पढ़ना, जिक्र करना करते हैं । इतिकाफ़ को इसीलिए करते हैं ताकि शबे कद्र से न महरूम रह पाए।

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एतिकाफ करने का तरीका

अब आपको पता ही चल गया होगा की एतिकाफ क्या होता है और इतिकाफ क्यू किया जाता है . अब हम आपको इतिकाफ करने के तरीके के बारे में बताएँगे .

एतिकाफ़ की शर्ते

  1. मर्द मस्जिद में ही रहकर इबादत करे।
  2. औरत घर के किसी कोने में रहकर एतिकाफ़ कर सकती है
  3. बीसवीं तरावीह के दिन मगरिब की नमाज़ को पढ़कर एतिकाफ़ करने वाला शख्स मस्जिद में ही रुक जाए।
  4. लोगों से दुनियावी बातें करना मना है।
  5. मस्जिद के बाहर किसी दुनियावी काम से जाना मना है
  6. अगर मस्जिद में शौचालय नहीं है तो वो बाहर निकल सकता है।
  7. एतिकाफ करने वाला शख्श मरीज़ को देखने नहीं जा सकता।
  8. एतिकाफ के वक़्त इंसान किसी ज़नाज़े में भी शामिल नहीं हो सकता।

एतिकाफ़ की नीयत

नीयत का मतलब किसी भी चीज़ में नीयत यानी दिल से इरादा करना एतिकाफ़ की नीयत करने के लिए अगर आपको एतिकाफ़ की दुआ याद नहीं है तो आप दिल से इरादा कर सकते हैं।

एतिकाफ़ की नीयत करने के लिए आपको सिर्फ एतिकाफ़ की दुआ को पढ़ना पढता है। नीचे हमने एतिकाफ़ की दुआ को लिखा है।

एतिकाफ़ की दुआ हिंदी में

बिस्मिल्लाही दख़लतु व’अलैहि तवक्कलतु वनवयतू सुंनतुल इतिकाफ

एतिकाफ़ की दुआ तर्जुमा

मैं अल्लाह के ख़ुशनसीब नाम से मस्जिद में दाखिल हुआ हूँ और उसी पर भरोसा किया है और एतिकाफ़ की सुन्नत का इरादा किया है। ऐ अल्लाह मुझ पर अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे।

एतिकाफ़ की दुआ इंग्लिश में

Bismillahi Dakhaltu Wa’Alayhi Tawakkaltu Wanawaytu Sunnatul I’tikaaf

एतिकाफ़ की दुआ तर्जुमा

With the Blessed Name of Allah have I entered into the Masjid and in Him have I placed my trust, and I have made the intention of the Sunnah of I’tikaf. O Allah open Your doors of Mercy upon me.

एतिकाफ़ की दुआ अरबी में

بسم الله دخلت و عليه توكلت و نويت سنت الاعتكاف۔

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एतिकाफ़ की फजीलत

इतना सबकुछ एतिकाफ़ के बारे में जानने के बाद अब हम आपको बताएंगे की एतिकाफ़ करने के फायदे क्या-क्या हैं।

  1. आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो शख्स रमज़ान के आखिरी हिस्से में 10 दिन का एतिकाफ़ करेगा तो उस शख्स को दो हज और दो उमराह करने का सवाब मिलेगा।
  2. पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो इंसान रमज़ान में एक दिन और एक रात एतिकाफ करे तो उस इंसान को 300 शहीदों का सवाब मिलेगा।
  3. जो शख्स एतिकाफ़ करता है वो तमाम गुनाहों से बचा रहता है और उसके अमाल में नेकिया बढ़ती जाती है।
  4. इतिकाफ़ करने वाले इंसान का हर पल इबादत में लिखा जाता है।

दोस्तों उम्मीद करते हैं कि अपने इस आर्टिकल एतिकाफ की नियत और दुआ को तस्सली बक्श आखिर तक पूरा पढ़ा होगा और इसी के साथ एतकाफ की नियत और दुआ जान कर अच्छा लगा होगा इसका मसला भी आपको पूरी तरहा पता चल चुका होगा।

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