अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनो आज हम आप के लिए एक ऐसी जानकारी लेकर आये है जिसे सभी मुसलमानो को जानना बहुत जरूरी है की अज़ान क्यों दिया जाता है और importance of azan, meaning of azan और begining of azan कैसे हुयी इनसब के बारे में आज आप सभी लोग जानेगे |
importance of azan
अज़ान इस्लाम में मुस्लिम समुदाय अपने दिन भर की पांचों नमाज़ों के लिए बुलाने के लिए ऊँचे स्वर में जो शब्द कहते हैं, उसे अज़ान कहते हैं। अज़ान कह कर लोगों को [मस्ज़िद] की तरफ़ बुलाने वाले को मुअज़्ज़िन कहते हैं।
Begining of Azan
मदीना तैयबा में जब नमाज़ बा जमात के लिए मस्जिद बनाई गई तो जरूरत महसूस हुई कि लोगों को जमात इकटठे नमाज पढने का समय करीब होने की सूचना देने का कोई तरीका तय किया जाए। रसूलुल्लाह ने जब इस बारे में सहाबा इकराम मुहम्मद s.w.s के अनुयाय से मशवरा किया तो इस बारे में चार तरीका सामने आए |
Milad un nabi jaanne ke liye yaha click kare
- प्रार्थना के समय कोई झंडा बुलंद किया जाए
- किसी उच्च स्थान पर आग जला दी जाए
- यहूदियों की तरह बिगुल बजाया जाए
- ईसाइयों की तरह घंटियाँ बजाई जाए
सभी प्रस्ताव हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को गैर मुस्लिमों से मिलते जुलते होने के कारण पसंद नहीं आए। इस समस्या में हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और सहाबा इकराम चिंतित थे कि उसी रात एक अंसारी सहाबी हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ैद ने स्वप्न में देखा कि फरिश्ते ने उन्हें अज़ान और इक़ामत के शब्द सिखाए हैं।
उन्होंने सुबह सवेरे हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सेवा में हाज़िर होकर अपना सपना बताया तो हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इसे पसंद किया और उस सपने को अल्लाह की ओर से सच्चा सपना बताया।
हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ैद से कहा कि तुम हज़रत बिलाल को अज़ान इन शब्दों में पढने की हिदायत कर दो, उनकी आवाज़ बुलंद है इसलिए वह हर नमाज़ के लिए इसी तरह अज़ान दिया करेंगे। इसलिए उसी दिन से अज़ान की प्रणाली स्थापित हुई और इस तरह हज़रत बिलाल रज़ियल्लाहु अन्हु इस्लाम के पहले अज़ान देने वाले के रूप में प्रसिद्ध हुए।
Meaning of azan
अल्लाहु अकबर,अल्लाहु अकबर, अल्लाह सब से महान है|
अल्लाहु अकबर,अल्लाहु अकबर, अल्लाह सब से महान है|
अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह,मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई नहीं
अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह,मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई नहीं
अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह,मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्ल. अल्लाह के रसूल हैं
अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह,मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्ल. अल्लाह के रसूल हैं
ह़य्य ‘अलस्सलाह, आओ इबादत की ओर
ह़य्य ‘अलस्सलाह, आओ इबादत की ओर
ह़य्य ‘अलल्फलाह,आओ सफलता की ओर
ह़य्य ‘अलल्फलाह,आओ सफलता की ओर
अस्सलातु खैरूं मिनन नउम,नमाज़ नींद से बहतर है
अस्सलातु खैरूं मिनन नउम,नमाज़ नींद से बहतर है
अल्लाहु अकबर,अल्लाहु अकबर, अल्लाह सब से महान है
ला-इलाहा इल्लल्लाह,अल्लाह के सिवा कोई इबादत के काबिल नहीं
Defination of azan to click here
Importance of azan
Importance of azan hame yeh batata hai ki अल्लाह सबसे बड़ा है मुहम्मद साहब के अनुसार जब कोई अज़ान दे तो मुसलमानो का काम है की वह भी उसे दोहराता जाए अज़ान मुअज़्ज़िन कहता है की मै गवाही देता हु की अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत नहीं करनी चाहिए|मुअज़्ज़िन सबको मिलकर उस अल्लाह की इबादत अल्लाह के तरीके से करने को कहता है फिर मुअज़्ज़िन कहता है अगर तुम समझते हो की बिजनेस से कामयाबी मिलेगी तो असल कामयाबी ये नहीं है असल कामयाबी तो उस अल्लाह क इबादत में है जिसने तुम्हे पैदा किया तुमलग अल्लाह के लिए आते हो इबादत के आगे आओ अल्लाह सबसे बड़ा और शक्तिशाली है|
उम्मीद है आपको ये जानकारी बहुत अच्छी लगी होंगी अगर आपके के मन में कोई शिकायत या सुझाव है तो कमेंट जरूर करे
ALLAH HAFIZ