History of islam in hindi – and begining

दोस्तों आज हम आपके लिए लाये है History of islam जिसमे आपको इस्लाम की पूरी जानकरी मिलेगी इस्लाम क्या Islaam शुरुआत कब हुयी इस्लामी क़ानून और Five pillars of islaam और बहुत सारी जानकारी पाने को मिलेगी Associated with islaam importent things,

History of islam and begining

सातवीं सदी में अरब प्रायद्वीप में हुआ। इसके अन्तिम नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। लगभग 613 इस्वी के आसपास हजरत मुहम्मद साहब ने लोगों को अपने ज्ञान का उपदेशा देना आरंभ किया था। इसी घटना का Islam का कहा जाता है आरंभ islam  दुनिया का एक मजहब है, इसके अनुयाइयों की संख्या में ईसाई धर्म के बाद दूसरा स्थान है। इसके अनुयायियों को मुसलमान और इनके प्रार्थना स्थल मस्जिद कहते हैं

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धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद थे. हजरत मुहम्मद का जन्म 571 ई. में मक्का में हुआ था  हजरत मुहम्मद को 610 ई. में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. हजरत मुहम्मद की बेटी का नाम फतिमा और दामाद का नाम अली हुसैन है|

क़ुरआन Islam ka पवित्र ग्रन्थ है. पैगैंबर मुहम्मद ने इस्लाम की सिक्षा का उपदेश दिया. हजरत मुहम्मद की मृत्यु 8 जून 632 ई. को हुई. इन्हें मदीना में दफनाया गया. हजरत मुहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता है.Islam and politics –  सबसे प्रमुख रूप है सिया और सुन्नी धर्म को शामिल किया जाता है|

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Five pillars history of islam

सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है जिन्हे Five pillars of islam कहा जाता है जिन्हे सभी मुसलमान के लिए उनके जीवन के दौरान पालन करना जरूरी है 1. शाहदा -शाहदा एक गवाही है यह बताता है की अल्लाह को छोड़कर और कोई ईश्वर नहीं है और हज़रात मुहम्मद शाहब संदेशवाहक है  2. सलाह – सलाह इस्लामी प्राथना है मुसलमान मक्का शहर में एक काबा के सामना करते हुए रोज़ाना पांच बार प्राथना नमाज़ पढ़ते है 3. जकात – जकात दान है की हर मुस्लिम अपने पैसे के हिसाब से इस्लामी कानून के दोवारा हर साल जकात करना जरूरी है 4.रोज़ा – रोज़ा एक उपवास है|

जो मुसलमानो के लिए रमज़ान के महीने के दौरान रोज़ा रखना जरूरी है रमज़ान महीने में मुसलमान सुबह से शाम तक कुछ भी नहीं खाते और दिन भर अल्लाह के तिलावत में लगे रहते है 5.हज़ – मुसलमानो में ज़िन्दगी रहते भर में हज़ की यात्रा पर मक्का जाना पड़ता है जिन लोगो ने हज़ की यात्रा करते है उन्हें हाजी या हज़्ज़न के नाम से जाना जाता है|

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