Hadees about in hindi – हदीस के बारे में हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज की पोस्ट सबसे इम्पोर्टेन्ट है सभी मुसलमो के के लिए इसमें हमे पता चलेगा Hadees हदीस क्या है हदीस मुसलमानो के लिए जानना बहुत जरूरी है और आज हम जानेगे Hadees of identity ,   Hadees of spreading , Hadees of literature

हदीस शरीफ हिंदी में

बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम

पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के काम और आदतों के बारे में करने वाले इसे रिवायत कहते हैं। यह शब्द अरबी भाषा से आता है और इसके अर्थ रिवायत हैं क़ुरआन से अलग, एक समान साहित्यिक काम जो सभी मुस्लिमों द्वारा मान्यता प्राप्त है। हदीस इकलौता संग्रह नहीं हैं।

हदीस सहीह अल-बुख़ारी का एक पृष्ट, 13 वीं शताबिदयों, इजिप्ट ममलूक वंश काल है अहादीस अलग-अलग हदीसों के संग्रह के बारे में बताते है, और इस्लाम की विभिन्न शाखाएं सुन्नी, शिया हदीसों के विभिन्न संग्रहों से परामर्श हवाला लेती हैं जबकि क़ुरआनीयत का एक अपेक्षाकृत छोटा पक्ष किसी भी हदीस संग्रह के प्रमाण को पूरी तरह से अस्वीकार करता हैं |

Darood e tu najjina to know more click here

हदीस की पहचान हिंदी में

इस्लाम धर्म और दुनिया के सभी मुसलमानो के लिए पवित्र क़ुरआन के बाद सबसे ज़्यादा महत्व अगर किसी चीज का है तो वो हैं हदीस, कुछ के लिए ये क़ुरआन जितनी ही महत्व रखती हैं जो ये मानते हैं कि पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का हर बात उनकी एक ईश्वरीय इशारा हैं |

जिसके बिना क़ुरआन समझनाा पढ़ना संभव नहीं यानि उनकी बातें क़ुरआन की व्यहवारिक विस्तार में समझ है।इस्लाम और एक उसकी के मूल ग्रंथ क़ुरआन में सबसे ज्यादा विषयों पर जो आदेश-निर्देश, सिद्धांत, नियम, क़ानून, शिक्षाएँ, ज्ञान-विज्ञान की बातें एवं समाज से संबंधित बातों और परलोक-जीवन आदि की चर्चा हुई है |

Hadees of spreading

हज़रत पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वस्सल्लम के समय उनके साथ रहने वाले उनके साथ और उनके बात और उनके तरीकों को लिख या याद कर लिया करते थे इसी को हदीस कहा गया है बाद में हदीस और फ़िक़ह के जानकार इमामों ने इन हदीसो को संग्रहित कर किताबों का रूप दिया है हदीस इस्लाम के कुरान का प्रामाणिक व्याख्यान करने वाला ग्रंथ माना जाता है |

इस्लाम का हज़रात मुहम्मद स्वल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम के रसूल बनने के साथ उसके दुनिया भर के रूप में जब दुबारा आगमन हुआ, उससे पहले के धर्म-ग्रथों में जो विकार आ गया था, उसके कई कारणों में से एक यह भी था कि ईश-वाणी, रसूल के कथन और दूसरे इन्सानों धर्माचार्यों, उपदेशकों, वाचकों, सुधारकों और धर्मविदों आदि के कथन भी आपस में मिल-जुल गए। ईशवाणी और मनुष्य-वाणी के मिश्रण में, मूल ईश-ग्रंथ कितना है |

Hadees of literature

hadees of literature विषयों के आधार पर अध्यायीकरण करके संकलित किए गए हैं, ये विषय जीवन के हर पहलू, हर क्षेत्र पर आधारित हैं। इन संग्रहों के बाद बहुत ही बड़े पैमाने पर इन हदीसों की व्याख्या पर व्यापक साहित्य तैयार किया गया है। फिर भी विभिन्न विषयों को समाहित करने वाली पुस्तकें तैयार की गई है।

इस प्रकार एक विशाल हदीस-साहित्य तैयार हो चुका है। ये संग्रह व साहित्य इस्लामी विद्यालयों के पाठ्यक्रम का जरूरी अंश होते हैं। सभाओं में पूरे विश्व में हदीस पाठ दर्स-ए-हदीस के प्रयोजन किए जाते हैं।

अगर आप सरकारी योजना के बारे मे जानना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें:-     click here

दोस्तों अगर आपको ये इनफार्मेशन अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें और अगर आपको हमसे कोई इस्लामिक रिलेटेड सवाल पूछ न हो तो ईमेल या कमेंट करें |

Leave a Comment