Dastarkhan Uthane Ki Dua | दस्तरखान उठाने की दुआ हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु हमारे प्यारे इस्लामी भाई और बहनों हम एक बार फिर आपको अपने वेबसाइट Duanamaz.com पर वेलकम खैरो मखदम करते है दस्तरखान उठाने की दुआ लेकर आए हैं

दीने इस्लाम एक मुकम्मल दीन है यह दुनिया और आखिरत के तमाम शोबो के हमारी रहनुमाई फरमाता है, उसी तरह हमारे खाने पिने के मुआमले में भी हमे आदाब और सलीका सिखाता है.

नाजरीन खाना अल्लाह तआला की बहुत ही प्यारी नेमत है इसमें हमारे लिए तरह तरह की लज्जतें भी रखी गयी है हम अगर अल्लाह के प्यारे नबी स अ के सुन्नतों के मुताबिक खाना खाएं तो इसमें हमारे लिए बहुत ही बरकतें है इमामे गजाली रहमतुल्लाह अलय अह्या उल उलूम में एक बुजुर्ग का कौल नकल करते है की मुसलमान जब हलाल खाने का पहला लुक्मा खाता है उस सख्स के पहले के गुनाहो को मुआफ कर दिए जाते हैं |

हजरते अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रजि अल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है की सरकार मदीना स अ ने इरशाद फ़रमाया खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद में वज़ू करना हर मुहताजी को दूर करता है और ये मुर्सलीन की सुन्नतों में से एक है (तबरानी) हजरते अनस रजि से रिवायत है की ताजदारे मदीना स. अ. ने इरशाद फ़रमाया जब खाना हाजिर क्या जाए तो पहले वजू करें और जब खाना उठाया जाए उस वक़्त भी वज़ू करें यानी हाँथ मुंह को धोएं (इब्ने माजा)

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मिलकर खाने में बरकत है हजरते अब्दुल्लाह इब्ने उमर रजि रिवायत करते है की सरकार मदीना स अ का फरमान आलिशान है की इकट्ठे होकर यानि के साथ मिल कर खाओ अलग अलग न खाओ क्योंकि बरकत साथ मिल कर खाने में है ना की अलग अलग खाने में |

खाना खाने से पहले दस्तरखान बिछाना

खाना दस्तरखान पर ही खाना चाहिए क्योंकि एक तो हमारे नबी करीब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है और दूसरी अगर खाने का लुकमा गिरे तो दस्तरखान से उठा कर खा सके।

दस्तरखान उठाने की दुआ

अल हमदुलिल्लाही हमदन कसी रन तय्यबन मुबारकन फीही ग़ैरा मुकफिय्-यौ वला मुवद्दा इव वला मुसतग़नन अनहु रब्बना

तर्जुमा : सब तारीफें अल्लाह के लिए हैं ऐसी तारीफ जो बहुत हो और पाकीजा हो और बा बरकत हो हमारे रब हम इस खाने को काफी समझकर यह बिल्कुल रुखसत करके या इससे गैर मोहताज हो कर नहीं उठा रहे  है ।

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साथ मिल कर खाने की फ़ज़ीलत

एक ही दस्तरख्वान पर मिल कर खाने वालों को मुबारक हो की ताजदारे मदीना स अ ने इरशाद फ़रमाया अल्लाह तआला को ये बात सबसे ज्यादा पसंद है की वो अपने किसी मोमिन बन्दे को बीवी और बच्चो के साथ दस्तरख्वान पर बैठे देखें और सब को साथ में खाते देखे क्योंकि जब सब दस्तरख्वान पर जमा होते है अल्लाह तआला उनको रहमत की निगाहो से देखता है और क़ब्ल अज जुदा होने के उनको बख्स देता है |

खाना खाने से पहले बिस्मिल्लाह जरूर पढ़ें

जो भी साहिबे शान काम शुरू किया जाए उस से क़ब्ल बिस्मिल्लाह शरीफ जरूर पढ़नी चाहिए इसी तरह खाने पिने के क़ब्ल भी पढ़ना सुन्नत है हजरते सय्यदना हुजैफा रजि से रिवायत है की ताजदारे मदीना स अ का फरमान आलिशान है की जिस खाने पर बिस्मिल्लाह न पढ़ी जाए वो खाना शैतान के लिए हलाल हो जाता है यानि के बिस्मिल्लाह न पढने पर उस खाने में शैतान शरीक हो जाता है |

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