Darood Sharif in hindi | दरूद शरीफ पढ़ने की फ़ज़ीलत हिंदी में

Darood sharif

अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु दोस्तों आज हम बताएँगे की दरूद शरीफ Darood Sharif पढ़ने और भेजने के किया क्या फायदा है और इसके फ़ज़ाइल के बारे में बात करेंगे और हम इसको तफ्सील से जानेगे तशरीह दरूद पाक (darood pak)  की बड़ी फ़ज़ीलत आयी है जिसके ब्यान के लिए मुस्तकिल किताब की जरुरत है मुख़्तसर फजीलतें तबर्रुक के तौर पर ब्यान की जाती है” |

Darood Sharif – दरूद शरीफ पढ़ने की फ़ज़ीलत हिंदी में 

बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम

अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा सललेता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद

जो शख्स मुझ पर 1 मर्तबा दरूद भेजता है अल्लाह तआला उस शख्स पर दस मर्तबा रहमते भेजता है” |

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया है की कयामत के दिन वो शख्स मुझसे ज्यादा करीब रहेगा जो दुनिया में रहते हुवे सबसे ज्यादा मुझ पर दरूद भेजता है” हजरात इस बात से आप अंदाजा लगा सकते है की दरूद शरीफ पढ़ने का कितना फ़ज़ीलत है |

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मेरे बन्दों जुमा के दिन मुझ पर सबसे ज्यादा दरूद भेजा करो वह मुझ पर पेश होता है|

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया है की जो शख्स अपने जुबान से मेरा नाम ले तो उसको चाहिए की मुझ पर दरूद भी भेजे |

हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया वो शख्स बड़ा बरवील है जिसके सामने मेरा जिक्र हो और वह शख्स मुझ पर दरूद न भेजे |

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो शख्स मुझ पर एक मर्तबा दरूद भेजता है अल्लाह तआला उस पर दस रहमतें नाजिल करता है और उसके दस गुनाह माफ़ हो जाते है और दस नेकियाँ उसके अमाल में शामिल कर दिए जाते है |

दरूद शरीफ पढ़ने की फ़ज़ीलत हिंदी में 

अनस बिन मालिक रजिo से रिवायत है की नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो सख्स मुझ पर बहुत ज्यादा दरूद भेजेगा वह कयामत के दिन अर्श के साये में होगा |

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो सख्स मेरे कब्र पर हाजिर होकर दरूद शरीफ पढता है उसको तो मई खुद सुनता हूँ और जो मुझसे दुरी पर पढता है उस दरूद शरीफ को फरिस्ते मेरे पास लेकर आते हैं |

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दरूद शरीफ पढ़ने की फ़ज़ीलत

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो शख्स सौ मर्तबा दरूद पढ़े उस शख्स की सौ जरूरतों को पूरी कर दी जायेगी जिन मेसे तीस तो दुनिया में ही पूरी हो जायेगी बाकी के सत्तर (70) आखीरियत में पूरी की जायेगी

(1) एक हदीस में है की नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो शख्स सुबह को दस मर्तबा और शाम को दस मर्तबा मुझ पर दरूद भेजता है तो कयामत के दिन उस शख्स के लिए मेरी शफ़ाअत होगी “| (तबरानी)

मौलाना थानवी रजिo जादुस्साइड में लिखते है की कयामत में किसी मोमिन की नेकियां अगर कम हो जाएगी तो नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ऊँगली के एक पोरे के बराबर परचा निकाल कर तराजू में रख देंगे जिससे नीकियों का पलड़ा भारी हो जाएगा और वह बंदा कहेगा की मेरे माँ बाप आप पर कुर्बान आप कौन है आप फरमाएंगे की मई तुम्हारा नबी हूँ और यह दरूद है जो तुम ने मुझ पर (दुनिया में) पढ़ा था मैंने तुम्हारे जरुरत के वक़्त अदा कर दिया |

 इस लिए हर मुसलमान को चाहिए की कम से कम हर रोज सुबह व शाम दस मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ने की जरूर आदत डाल लें वर्ना हजारो मर्तबा दरूद पढ़ें तभी काम है और जितना मर्तबा आप दरूद पाक पढ़ेंगे उतना भी बार गाहे रिसालत में कम होगा |

दरूद शरीफ पढ़ने के फायदे

Darood Sharif Padhne Ki Fazilat : दुआ है-की अल्लाह तआला हर मुसलमान को अपने पाक हबीब मु हम्मदुर्रसूल्लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सच्ची मुहब्बत और पैरवी करने की तौफ़ीक़ दे और कयामत के दिन आपकी शफ़ाअत नसीब हो (आमीन)

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