Aqiqah Karne Ka Tarika and Dua| अक़ीक़ा करने का तरीक़ा और दुआ हिंदी में

अस्सलाम अलैकुम नाजरीन आज के इस पोस्ट में इस पोस्ट में हम अकीका के बारे में सारी बातें डिटेल्स में जानिंगे। हमने इस पोस्ट में अकीका की तीन दुआ मौजूद करायी हैं, आप इन अकीका की दुआ को पढ़ कर जानबर की क़ुरबानी कर सकते है।

आपको यह जानना जरुरी है कि, अकीका एक तरह का सदका ही है। जफ़र अल-सादिक (र।अ।) की एक हदीस है कि अकीका करने से बच्चे की जिन्दगी से काफी मुश्किलात दूर हो जाती हैं।

अल-कुलाय्नी , मोहम्मद इब्न याकूब लिखते हैं कि अबू तालिब (RA) ने हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम का अकीका मोहम्मद(स।अ।ब।) की पैदाइश के बाद 7वें दिन किया और परिवार के लोगों को खाने पर बुलाया। जब परिवार के लोगों ने पुछा “ये क्या है?” अबू तालिब (RA) ने जवाब दिया “अहमद का अकीका है”।

उनके बाद, हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम ने भी हसन इब्न अली और हुसैन इब्न अली का अकीका उनकी पैदाइश के के बाद 7वें दिन किया।

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अकीका करने के कुछ फ़ायदे

  • अगर आप अकीका 7वे दिन नहीं कर सकते तो आपको चाहिए की आप 14वें या 21वें दिन में अकीका को करें।
  • लेकिन अगर आपके पास पैसों की दिक्कत है तो आप अपने बच्चे का अकीका बाद में भी कर सकते हैं।
  • अकीका करना मुश्ताहब और सुन्नत है, अगर आप किसी बजह से अकीका नहीं कर सकते तो आपको गुनाह नही मिलेगा।
  • अकीका का जानबर कम से कम 13 से 15 महीने का होना चाहिए।

अक़ीक़ा करने का तरीक़ा और दुआ

इस दुनिया में अल्लाह ने इंसान को पैदा करने के साथ ही एक से बढ़कर नेअमतें अता कीं हैं, जैसे माल, औलाद, वगैरा लेकिन इन तमाम नेअमतों में औलाद की नेअमत बहुत बड़ी है, तो अगर अल्लाह ने आप को औलाद जैसी नेअमत अता की, तो सातवें दिन उसका नाम रखें और अक़ीक़ा करें।

नीचे हम अक़ीक़ा करने का तरीक़ा और अक़ीक़ा की दुआ बयान करेंगे और साथ ही अक़ीक़े से रिलेटेड कुछ सवालों के जवाब बयान करेंगे जो कि आम तौर से लोगों के ज़हनों में होते हैं।

अक़ीक़ा की दुआ

आप को कोई लम्बी चौड़ी दुआ पढ़ने की ज़रुरत नहीं है बस ये छोटी अक़ीक़ा की दुआ पढ़ लें जो हदीस में मौजूद है और हज़रत आयेशा (रज़ियल लाहू अन्हा) की बताई हुई है, वो दुआ ये है।

बिस्मिल्लाहि वल्लाहु अकबर, अल्लाहुम्मा लका व इलैका, हाज़ा अक़ीक़तु फ़ुला

( फुलां की जगह जिसके नाम अक़ीक़ा हो रहा हो उसका नाम ले लें )

Bismillahi Wal Lahu Akbar, Allahumma Laka Wa Ilaika, Haza Aqiqatu Fulan

तर्जुमा: अल्लाह के नाम से जो अल्लाह बहुत बड़ा है, ए अल्लाह ! ये अक़ीक़ा तेरे लिए है और तेरी ही खिदमत में हाज़िर है, और ये अक़ीक़ा फलां ( जैसे ज़ैद या हामिद ) की तरफ़ से है।

अगर आप इसके अलावा कोई और दुआ पढ़ना चाहते हैं तो हमने नीचे और दुआएं भी मौजूद करायी है इनको भी आप पढ़ सकते हैं।

अक़ीक़ा की दुआ हिंदी में

अगर लड़का हो तो अक़ीक़ा की दुआ लड़के के लिए ये है:

” अल्लाहम्मा हाज़िही अकीकतु __ (यहाँ बच्चे का नाम लें) दमुहा बि दमिही, व लहमुहा बि लहमिही, व अज्मुहा बि अज्मिही व जिल्दुहा बि जिल्दिही व शअ’रुहा बि शअ’रिही “। “

अगर लड़की हो तो अक़ीक़ा की दुआ लड़की के लिए ये है:

” अल्लाहम्मा हाज़िही अकीकतु _ (यहाँ बच्ची का नाम लें) दमुहा बि दमिहा, व लहमुहा बि लहमिहा, व अज्मुहा बि अज्मिहा व जिल्दुहा बि जिल्दिहा व शअ’रुहा बि शअ’रिहा “। “

ऊपर की कोई एक दुआ पढ़ने के बाद ये दुआ पढ़ें

” इन्नी वजह्तु वजहिया लिल्ल्लज़ी फतारस समावती वल अर्ध। हनीफौं व मा अना मिनल मुशरिकीन। इन्ना सलाती व नुसुकी व महय्या व ममाती लिल्लाही रब्बिल आलमीन, ला शरीका लहू व बी जालिका उमिर्तु व अना अव्वल मुस्लिमीन। ”अल्लाहुम्मा मिंका व लका। “

फिर पढें, बिस्मिल्लाह अल्लाह हु अकबर (Bismillah Allahu Akbar) और जानवर को जिवाह कर दें।

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अकीका करने का तरीका

यह इस्लाम का जरुरी हिस्सा है। इस्लाम में Aqeeqah, आखिरी पैगंबर सल्लल्लाहो अलैवसल्लम की बताई हुई सुन्नत है। जो हर पैदा होने वाले मुस्लिम बच्चे के लिए करना जरुरी है।

अकीका में बच्चे की ओर से एक बकरी या मेमने की क़ुर्बानी देनी पढ़ती है। यह बच्चे के पैदा होने पर अल्लाह को शुकिया करना होता है।

अकीका में क़ुरबानी बाला गोश्त गरीबो और मिसकिनो में बाटा जाता है। या दावत कर के इस्का गोश गरीबो, रिश्तेदारों, दोस्तो को दावत में खिलाया जाता है।

अगर किसी वजह से सातवे दिन अकीका नहीं किया जाता है तो पन्द्रवे 15 या इक्कीसवे 21 या जब भी मुमकिन हो, किया जा सकता है। हलाकि इसमें देरी जान बूझकर नहीं करनी चाहिए। इसी तरह नीचे मुकम्मल अकीका करने का तरीका में दिया गया हैं इसे शेयर करे।

याद रखीए ! अकीका फर्ज़ या वाजिब नहीं है सिर्फ सुन्नत मुस्तहब है। गरीब शख़्स को हरगिज़ जाइज़ नहीं कि कर्ज लेकर और वह भी मआज अल्लाह सूर पर कर्ज लेकर अकीका करे । कर्ज लेकर जकात देना भी जाइज नहीं, अकीका जकात से बढ़ कर नहीं ।

अकीके के जानवर को जिब्हा करते वक्त की दुआऐं बहुत सी मसाइल की छोटी छोटी किताबों में भी आई हैं । लिहाजा वह दुआऐं उन्हीं किताबों में देख ली जाएँ ।

अकीका में लड़का लड़की के लिए कौन सा जानवर?

लड़के के लिए दो बकरे और लड़की के लिए एक बकरी जिबह करे। लड़के के लिए बकरा और लड़की के लिए बकरी ज़िबह करना बेहतर है। अगर लड़का लड़की दोनों के लिए बकरा या बकरी भी जिबह करे तो कोई हर्ज नहीं।

लड़के के लिए दो बकरे न हो सकें तो एक बकरे में भी अकीका कर सकते हैं। उसी तरह गाय , भैंस ज़िबह करे तो लड़के के लिए दो हिस्सा और लड़की के लिए एक हिस्सा हो। अकीके के जानवर के लिए भी वही शर्तें हैं जो कुरबानी के जानवर के लिए ज़रूरी हैं।

अकीका के जानवर के हिस्से पर मालूमात

अकीके के जानवर के तीन हिस्से किए जाऐं । एक हिस्सा गरीबों को ख़ैरात कर दे , दूसरा हिस्सा रिश्तादारों और अहबाब में तक्सीम करे और तीसरा हिस्सा खुद रखे ।

अकीके का गोश्त गरीबों , फकीरों , रिश्तादारों , दोस्त व अहबाब को तक्सीम करे या पका कर फिर दावत कर के खिलाए , सब सूरतें जाइज़ हैं।

अकीके का गोश्त माँ , बाप , दादा , नाना , नानी गर्ज कि हर रिश्तेदार सब खा सकते हैं।

नाज़रीन अगर आपको ये इनफार्मेशन अच्छा लगा हो तो सदका ए जारिया की नियत से ज्यादा से ज्यादा शेयर करें

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