अस्सलामो अलैकुम आज हम fajr namaz फज्र नमाज़ का तरीका और फज्र नमाज़ के टाइम fajr namaz time के बारे में इंसा अल्लाह बताएँगे फज्र नमाज़ में कुल चार रकअत है दो रकअत सुन्नत और दो रकअत फर्ज दोनों मिलाकर कुल चार रकअत है |
कोई सी भी नमाज़ को पढ़ने के लिए कुछ ख़ास बातों का ख्याल रखें सबसे पहला आपको पाक साफ़ होना चाहिए दूसरा आप ने जो कपडा लिबास पहन रखा है वो साफ़ सुथरा होना चाहिए और तीसरा आप जिस जगह पर नमाज़ पढ़ रहे है उस जगह को साफ़ सुथरा होना चाहिए
वैसे तो बहुत सारी बातों का धयान रखना है नमाज़ पढ़ने के दरमियान उन्ही में से कुछ ख़ास बातों को हमने इस पोस्ट में बयान क्या है जिससे आप धयान से पढ़ें और उस पर अमल भी करें |

फज्र नमाज़ fajr namaz का तरीका और नमाज़ की वक़्त namaz timings
फज्र नमाज़ का वक़्त fajr timings सुबह शादिक़ से सुरु हो जाता है और ये वक़्त सूरज की पहली किरण निकलने तक रहता है सूरज की पहली किरण निकलते ही फज्र टाइम fajr time ख़तम हो जाता है
सबसे पहले दो रकअत फर्ज नमाज़ की नियत करें ऐसे
नियत की मैंने दो रकात फर्ज वक़्त फज्र की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर कह कर नियत बाँध लें |
पहला रकअत फ़र्ज़
- सबसे पहले आप सना पढ़ें : सुब्हानका कल्लाहुम्मा वा बिहमदिका वा ताबाराकसमूका वा ताआला जद्दूका व ला इलाहा गैरूक |
- फिर उसके बाद पढ़े : आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रही |
- फिर उसके बाद पढ़े : सूरह फातिहा पढ़े यानि (अल्हम्द दो लिल्लाहे रब्बिल आलमीन…)
- अब आप क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें |
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें और अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहे फिर उसी तरह दूसरी सजदा करे आप फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ
दूसरे रकात में आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें|
इसके बाद और आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम दोकहें |
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें और अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहे फिर उसी तरह दूसरी सजदा करे आप
- सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुवे अपने शहादत के ऊँगली को उठायें |
- उसके बाद एक मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ें |
- उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें |
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह दाएं जानिब मुंह फेरे

फज्र नमाज़ की दो रकअत सुन्नत की नियत (fajr namaz)
नियत की मैंने दो रकात सुन्नत वक़्त फज्र की वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर कह कर नियत बाँध लें |
- सबसे पहले आप सना पढ़ें : सुब्हानका कल्लाहुम्मा वा बिहमदिका वा ताबाराकसमूका वा ताआला जद्दूका व ला इलाहा गैरूक |
- फिर उसके बाद पढ़े : आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रही |
- फिर उसके बाद पढ़े : सूरह फातिहा पढ़े यानि (अल्हम्द दो लिल्लाहे रब्बिल आलमीन…)
- अब आप क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें |
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें और अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहे फिर उसी तरह दूसरी सजदा करे आप फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ
दूसरे रकात में आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें|
इसके बाद और आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम दोकहें |
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें और अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहे फिर उसी तरह दूसरी सजदा करे आप
- सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुवे अपने शहादत के ऊँगली को उठायें |
- उसके बाद एक मर्तबा दरूद शरीफ पढ़ें |
- उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें |
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह दाएं जानिब मुंह फेरे
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Aapke jankari se mujhe lagta hai fathiya karne Sikh jaunga aur namaz padhne lagunga subhanallah
aameen
hazrat Aapke jankari se mujhe lagta hai fathiya karne Sikh jaunga aur namaz padhne lagunga subhanallah