अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु दुआ ए नूर हर मुश्किल वक़्त में पढ़े जाने वाला दुआ है हमारे प्यारे नबी हुजूर (S.A.W) के द्वारा बताये जाने वाली ये एक नायाब दुआवों में से एक है|
एक दिन अल्लाह के सन्देष्टा SAW जब मदीना शरीफ की मस्जिद में तसरीफ रखते है तभी वहां हजरत जिब्रील (A.S) आएं और उनसे गुजारिस किये ए अल्लाह के रसूल (S.A.W) अल्लाह पाक आपको सलाम कहा है और ये तोहफा दुआ ए नूर आपके उम्मत के लिए तोहफा भेजे है और फरमाए की यह दुआ आगे की उम्मतों पर ना भेजी थी मगर आपकी उम्मत के लिए बख्शीस के सबब करके भेजता हूँ|
और अल्लाह ने फ़रमाया की जो इस दुआ को पढ़ने वाला और इस दुआ को अपने पास रखने वाला हमेशा दुनिया में सुख चैन शांति के साथ गुजर बसर करेगा और वो ईमान के सलामती के साथ दुनिया से रुखसत करेगा मरेगा और क़यामत के दिन उसका मुंह (Face चौदहवीं तारीख के चाँद के तरह नूरानी होगा वह कभी बीमार ना होगा हमेशा तंदुरुस्त रहेगा और हमेशा सुख और शांति से रहेगा अगर वो किसी भी जंग में जायगा तो हमेशा फ़तेह हासिल करेगा अगर किसी सफर के लिए निकलेगा तो अपनी मंजिल पर सही सलामत पहुंचेगा|
दुआ ए नूर हिंदी में
अल्लाहुम्म या नूरू तनव्वर्-त बिन्नूरि वन्नूरु फ़ी नूरि-नूरिक या नूरू+अल्लाहुम्म बारिक् अलैना वद्फा अन्ना बला-अना या रऊफु लब्बै-क व अक्रिम लब्बै-क अय्यब् अ- स मन् फिल कुबूरि अल्लाहुम्मर् जुकना खे-रद्दीनि मअल् कुरबि वल इख़लासि वल् स् ति का -मति बिलुतफ़ि-क+ वसल्लल्लाहु अला खैरि ख़ल्किही मु-हम्मदिन् वआलिही वस्हाबिही अज् मई न वसल्लम तस् ली-म न् कसी-रन् कसी-रन् बि-रह-मति-क या अर्-ह-मर्राहिमीन्
सुब्बूहून् कुद्दूसुन रब्बुना वरब्बुल् मलाइ-कति वर्रूहि, लाइला-ह इल्लल्लाहु वहदहू ला शरीक लहू लहुल् मुल्कु व-लहुल् हमदु वहु-व अला कुल्लि शेइन कृदींर+
या अल्लाहु, या रहमानु, या रहीमु, या हय्यु, या कय्युमु , या ज़ल् जलालि वल् इकरामि, या नू-रस्समावाति वल्अर्ज़ि , या लाइला-ह इल्ला अन्त अलैक तववकल्तु वअन्त रब्बुल् अर्शिल् अजीमि+अल्लाहुम्मग् फिर्ली बिहुऱ-मति हाजिहिल् अस्माई वस्रिफ़ अन्निज्जर्रा अ वल् बला-अ वल् हुमू-म वल् ग़ुमू-म वजमीअल् आफाति वमिन् औलादी वआबाई वउम्महाती वअक-रबाई वअशी-रती फ़इन्न अलै-क फ़ी जमी इल उमूरि इअतिमादी व्स्सलातु वस्सलामु अला ख़ैरि ख़ल्किही मुहम्मदिव्वआलिहीँ अजू-मई-न बि-रह-नति-क _या अर्-ह-मर्राहिमीन्
दुआ ए नूर अरबी में
दुआ ए नूर अंग्रेजी में
Allahumm ya nuru tanavvart binnuri vannuru fi nuri-nurik ya nuru+allahumm barik alayna wadfa anna bala-ana ya raufu labbai-ka wa akrim labbai-ka ayyab a- s man fil kuburi Allahummar zukna khe-raddini maal kurbi wal ikhlasi wal Sti ka -mati bilutfi-k+ vasallallahu ala khairy khalkihi mu-hammadin wa’alihi vashabihi ajmay na wasallam tasli-ma n kasi-ran kasi-ran bi-rah-mati-ka ya ar-ha-marrahimin
Subbuhun kuddusun rabbuna varabbul malai-kati varruhi, laila-ha illallahu wahdahu la sharik lahu lahul mulku wa-lahul hamdu wahu-wa ala kulli shein kridinr+
Ya Allahu, Ya Rahmanu, Ya Rahimu, Ya Hayyu, Ya Qayyumu, Ya Zal Jalali Wal Ikrami, Ya Nu-Rassamawati Walarzi, Ya Laila-Ha Illa Ant Alak Tavvakaltu Wa Ant Rabbul Arshil Azimi+Allahummag Firli Bihur-Mati Hajihil Asmai Wasrif Annizzarra A Val bala-a val humu-m val gumu-m vajmial aafati wamin auladi waabai waummahati waak-rabai waashi-rati fiinn alai-k fi jami il umoori iatimadi vassalatu wassalamu ala khairy khalkihi muhammadivvaalihi azu-mai-na bi-rah-nati- क _या र-ह-मररहिमीन
इस दुआ को पढ़ने और हमेशा अपने साथ रखने पर उस बन्दे पर अल्लाह तआला की रहमत की नजर हमेशा उस बन्दे पर रहेगा|
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