दुआ ए गंजुल अर्श हिंदी और अरबी में

अस्सालमो अलयकुम प्यारे भाईयो और बहनो आज हम आप लोगों के लिए हिंदी में दुआ-ए-गन्जुल अर्श लेकर आए हैं! दुआ-ए-गन्जुल अर्श एक अहम दुआ है जो इस्लामिक धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दुआ को रोजाना पढ़ने से बहुत से फ़ायदे होते हैं।

इस दुआ को पढ़ने से रोज़गार की परेशानियाँ दूर होती हैं और बुराई से बचाने की ताकत मिलती है। इस दुआ को पढ़ने से स्वास्थ्य सुधरता है और रिश्तों में बाधाएँ दूर होती हैं। इस दुआ को पढ़ने से दुश्मनों से बचाव होता है और समस्याओं का समाधान मिलता है। यदि आप इस दुआ को रोजाना पढ़ना चाहते हैं तो इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना लें। आप इसे दिन में कई बार पढ़ सकते हैं। आप इसे फ़ज़्र नमाज़ के बाद या सोने से पहले पढ़ सकते हैं।

यह दुआ हज़रत सल्लल्लाहु अलेहि व सल्लम को हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम के द्वारा तालीम फरमाई गई थी। इस दुआ के पढ़ने से बहुत सी बरकातें मिलती हैं जैसे दुआ के पढ़ने से सभी मुश्किलात दूर होती हैं, रोजगार मिलता है, आय बढ़ती है, नज़र बद से बचाव होता है और सफर में हमेशा सुरक्षा रहती है। इसलिए, इस दुआ को रोज़ाना पढ़ने से बहुत सी बरकातें मिलती हैं।

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दुआ-ए-गन्जुल अर्श को पढ़ने के कई फ़ायदे हैं।

यह दुआ अल्लाह के नामों, गुणों और शक्तियों के मध्य से चुनी गई है जो इस दुनिया और आखिरत में हमारी मदद करते हैं।

यह दुआ अरबी में है और इसके कुछ फायदे निम्नलिखित हैं:

  1. दुआ-ए-गन्जुल अर्श को पढ़ने से दुश्मनों से बचाव होता है।
  2. इस दुआ को पढ़ने से रोज़गार की परेशानियाँ दूर होती हैं और बुराई से बचाने की ताकत मिलती है।
  3. इस दुआ को पढ़ने से स्वास्थ्य सुधरता है और रिश्तों में बाधाएँ दूर होती हैं।
  4. इस दुआ को पढ़ने से बीमारी से लड़ने की ताकत मिलती है और समस्याओं का समाधान मिलता है।
  5. इस दुआ को पढ़ने से आखिरत की जानिब से रहमत मिलती है और गुनाहों से बचाव होता है।

इन सभी फ़ायदों के साथ, दुआ-ए-गन्जुल अर्श को पढ़ने से हम अल्लाह के नजदीक आते हैं और उससे हमें अपनी दुआओं की गुरदवार में समर्पित करने का मौका मिलता है।

दुआ-ए-गन्जुल्-अ़र्श हज़रत रसूले खुदा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की बहुत ही मुबारक दुआ है। इस दुआ के पढ़ने वाले की हर मुराद पूरी होती है। यह दुआ कुछ खास मुकामों पर पढ़ी जाती है जैसे कि जुम्मा के दिन, शाबे-बरात, शाबे-कदर आदि।

इस दुआ में हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम की दुआ भी होती है जो कि गन्जुल अर्श के नाम से मशहूर हुई है। इस दुआ के पढ़ने से बेशुमार बरकतें हासिल होती हैं और इसकी फजीलतों में बेशुमार फायदे होते हैं। इस दुआ को पढ़ने से मानसिक और शारीरिक बीमारियों से निजात मिलती है और इसकी पढ़ाई से घर में बरकत होती है।

इस दुआ के अनुष्ठान से अल्लाह की रहमत सदैव बनी रहती है और समस्त मुश्किलात से निजात मिलती है। यह दुआ इमान वालों की प्रतिनिधि है और इसके पढ़ने से दुआ का असर जल्दी नज़र आता है।

दुआ-ए-गन्जुल्-अ़र्श हिंदी में

बिस्मिल्लाह  हिर्रमान निर्रहीम

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् मलिकिल क़ुद्दुसि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अज़िज़िल् ज़ब्बारी

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नर्रऊफिर्रहीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् गफूर्रिहीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् करीमिल् हक़ीमि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् क़विय्यिल् वफिय्यि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्लतीफिल् खबीरि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नस्स-मदिल् माबूदि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् ग़फुरिल् –वदुदि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् वकीलिल् कफीलि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नर्रकीबिल् हफ़ीज़ि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नद्दाइमिल् क़ाइमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् मुहयिल् मुमीति

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् हय्यिल् क़य्यूमि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् ख़ालिक़िल् बारी

ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् अलिय्यिल् अज़ीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् मुअमिनिल् मुहैमिनि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् वाहिदिल् अ-ह-दि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् हसीबिश्शहीदि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् हलीमिल् करीमि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अव्वलिल् क़दीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अव्वलिल् आखिरि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नज़्ज़ाहिरिल् बातिनि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् कबीरिल् मु-त-आलि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् क़ाज़िल् हाजाति

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नर्रहमानिर्रहीमि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नर्रब्बिल  अरशिल् अज़ीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न रब्बि-यल् अअला

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् बुरहानि-स्सुल्तानि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नस्समी अिल् बसीरि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् वाहिदिल् क़ह्हारि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अलीमिल् हकीमि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नस्सत्तारिल् गफ़्फ़ारि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नर्रहमानिद्दय्यानि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् कबीरिल् अक्बरि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् गफ़ूरिश्शकूरि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अज़ीमिल् अलीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् ज़िल् मुल्कि वल्-म-लकूति

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न जिल् अ़िज़्ज़ति वल् अज़-मति

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अ़लीमिल् अल्लामि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नश्शाफ़िल् काफ़ी

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अ़ज़ीमिल् बाक़ी

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नस्स-मदिल् अहदि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न रब्बिल् अरज़ि वस्समावाति

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-न ख़ालिक़िल् मख़लूक़ाति

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न मन् ख़-ल-क़ल्ले-ल वन्नहा-र

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् ख़ालिक़िर्राज़िक़ि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् फ़त्ताहिल् अ़लीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अ़ज़ीज़िल् ग़निय्यि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न ज़िल् है-बति वल् क़ुद-रति

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न ज़िल् कि ब् रियाई वल् ज ब् रूति

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नस्सत्तारिल् अज़ीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् आलिमिल् ग़ैबि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् हमीदिल् मजीदि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्  हकीमिल् क़दीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्  क़ादिरिस्सत्तारि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् -नस्सत्तारिल् अलीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् ग़निय्यिल् अज़ीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्  अ़ल्लामिस्सलामि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल्  मलिकिन्नसीरि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्  ग़निय्यिर्रह्मानि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्  क़रीबिल् ह-सनाति

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् वलिय्यिल् ह-सनाति

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नस्सबूरि स्सत्तारि

ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् ख़ालिक़िन्नूरी

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्. ग़निय्यिल् मोजिज़ि

ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् फ़ाज़िलिश्शकूरि

ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् ग़निय्यिल् क़दीमि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् ज़िल् जलालिल्  मुबीनि

ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् ख़ालिस्रिल्  मुख़लिसि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् सादिक़िल् वअदि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् हक़्क़िल मुबीनि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् ज़िल् कुव्वतिल् मतीनि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् क़विय्यिल् अज़ीज़ि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् अल्लामिल् ग़ुयूबि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् हय्यिल्लज़ी ला यमूतु

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न सत्तारिल् उयूबि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् गुफ़रानिल् मु सत अ़ानि

ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् रब्बिल्  अ़ा लमी न

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा- नर्रहमानिस्सत्तारि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नर्रहीमिल् ग़फ़्फ़ारि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्  अज़ीज़िल् वह्हाबि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्  क़ादिरिल् मुक़-तदिरि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल्  ज़िल् गुफ़रानिल् हलीमि

ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् मालिकिल् मुल्कि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् बारियिल् मु-सव्विरि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, सुबहा-नल् अज़ीज़िल् जब्बारि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्. जब्बारिल् मु-त-कब्बिरि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल्लाहि  अम्मा यासिफ़ू-न

*ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-नल् कुद्दूसिस्सुब्बूहि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न रब्बिल् मलाई-कति वर्रूही

ला इला-ह इल्लल्लाहु , सुबहा-न ज़िल्  आलाई वन्नअ्माइ

*ला इला-ह इल्लल्लाहु,  सुबहा-नल् मालिक़िल् मक़सूदि

ला इला-ह इल्लल्लाहु,  सुबहा-नल् हन्नानिल् मन्नानि

ला इला-ह इल्लल्लाहु, आ-दमु सफ़िय्युल्लाहि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, नूहुन नजिय्युल्लाहि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , इब्राहीमु ख़लीलुल्लाहि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , इस्माइलु ज़बीहुल्लाहि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, मूसा कलीमुल्लाहि

ला इला-ह इल्लल्लाहु, दावूदु ख़ली-फ़तुल्लाहि

ला इला-ह इल्लल्लाहु , इसा रुहुल्लाहि

*ला इला-ह इल्लल्लाहु, मुहम्मदुर्रसूलुल्लाही

सल्लल्लाहु अ़ला ख़ैरि  ख़ल्क़िही  वनूरि अ़ऱशिही अफ – ज़लिल् अन्बियाई वल् मुऱ-सली-न हबीबिन-न व सय्यिदिना व-स-नदिना व-शफ़ीअ़िना वमौलाना मुहम्मदिंव्व आलिही व- अस्हाबिही अज्-मअ़ीन्+बि-रहूमति-क या अर् ह मर्राहिमीन्

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दुआ-ए-गन्जुल्-अ़र्श तर्जुमा हिंदी में

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बड़ा बुलंद है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा  पाक है हाजतों का पूरा करने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बख्शने वाला और बड़ा मेहरबान है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बड़े अर्श का रब है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है आली मरतबे वाला है मेरा परवरदिगार।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है जाहीर गुलबे वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है सुनने वाला देखने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है अकेला गालिब है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है इल्म वाला और हिकमत वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है ऐबों को छिपाने वाला और गुनाहों को बख्शने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बड़ा मेहरबान है और बदला देने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बड़ा और सबसे बुजुर्ग।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बख्शने वाला कदर दान है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है अजमत वाला इल्म वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है रूहानी और रूहानी बादशाहत का मालिक है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है इज्जत वाला और अजमत वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है खबरदार और वसीय इल्म वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है शिफ़ा देने वाला और किफायत करने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है अजमत वाला सदा रहने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बेनियाज़ और अकेला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है जमीन और आसमान का परवरदिगार।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है मखलूक का पैदा करने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है जिसने दिन और रात को पैदा किया।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है पैदा करने वाला और रिज्क देने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बड़ा कामों का खोलने वाला और इल्म वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है गालिब और बे परवाह।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है दबदबा और कुदरत वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बुज़ुर्गी और बड़ाई वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है छिपाने वाला ऐबों का और अजमत वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है जानने वाला गैब का।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है खूबियों वाला और बुज़ुर्गी वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है हिकमत वाला और कदीम है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है कुदरत वाला और पर्दा पौष।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है सुनने वाला जानने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बे परवाह और अजमत वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बड़ा दाना सलामती देने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बादशाह मदद देने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बे परवाह और बड़ा मेहरबान।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है खूबियों के नजदीक है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है खूबियों का दोस्त है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बुर्दबार और ऐब पौष।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है अजाये का पैदा करने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बे परवाह आजिज़ करने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है कमालात करें वाला कदर दान है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बे परवाह और कदीम है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है जाहिर बुज़ुर्गी वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बिल्कुल बे ऐब है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है सच्चे वादे वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है सच्चा और जाहिर है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है जौरावर और मजबूत है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है कुदरत वाला और गालिब है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है छिपी बातों का जानने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है वो ज़िंदा है जो नहीं मरता।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है ऐबों का छिपाने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है जिससे मदद और बख्शीश तलब की जा सकती है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है तमाम जहानों का परवरदिगार है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बड़ा मेहरबान और पर्दा पौष है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है रहम वाला और बख्शने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है गालिब और बहुत अता करने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है कुदरत वाला और कुदरत जाहिर करने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बख्शने वाला और बुर्दबार है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बादशाही का मालिक है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है पैदा करने वाला और सूरत बनाने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है गालिब और जबरदस्त है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है जबरदस्त बड़ाई करने वाला है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है अल्लाह इस चीज से जो मुशरिक बयान करते है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है निहायत पाक और बड़ी पाकी वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है फरिश्तों और रूह का रब।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बख्शीश और नियामतों वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है बादशाह और दुनिया का मकसद।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा पाक है रहमत करने वाला और अहसान करने वाला।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा आदम अलैहिस सलाम अल्लाह के सफ़ी (बुर्गाजीदह) है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा नूह अलैहिस सलाम अल्लाह के नज़ी (हमराज़) है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा इब्राहीम अलैहिस सलाम अल्लाह के खलील (दोस्त) है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा इस्माईल अलैहिस सलाम अल्लाह के जबीह (उसकी राह मे) है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा मूसा अलैहिस सलाम अल्लाह के कलीम (हमकलाम) है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा दाऊद अलैहिस सलाम अल्लाह का खलीफा है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा ईसा अलैहिस सलाम अल्लाह की रूह है।

नहीं कोई मआबूद अल्लाह के सिवा मुहम्मद अल्लाह तआला के रसूल है।

 

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दोस्तो मुझे उम्मीद है कि आपको दुआ ए गंजुल अर्श हिंदी में पढने में असनी राही होंगी अल्लाह हमको दुआ पढने और हमारी इबादतो को कुबूल फरमाये अमीन!

 

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