रोजा इफ्तार की दुआ हिंदी में Roza Iftaar ki Dua in Hindi

अस्सालमो अलयकुम प्यारे भाईयो और बहनो सबसे पहले माहे रमजान रमजान की बहुत बहुत मुबारकबाद आज रमजान इफ्तार की दुआ लेकर आए हैं

इफ़्तार की दुआ का पढ़ना रोज़ेदार के लिए बहुत ज़रूरी है। इसका मकसद यह है कि रोज़ेदार इफ़्तार करने से पहले अल्लाह से दुआ मांगे और उसे धन्यवाद दें क्योंकि वह उन्हें उनके रोज़े को पूरा करने की ताकत देते हैं। इस दुआ से हम अपने दिल में अल्लाह की प्रीति और विश्वास को स्थापित कर सकते हैं और उसकी रज़ा और कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, इफ़्तार करने से पहले इफ़्तार की दुआ पढ़ना बहुत महत्वपूर्ण है।

iftaar

इफ्तार की दुआ हिंदी

अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु वा अला रिज़्क़िका आफ़्टरतु।

इफ्तार की दुआ मतलब हिंदी

ऐ अल्लाह, तेरे लिए मैंने रोज़ा रखा है और तेरी रिज़्क़ से रोज़ा तोड़ता हूँ।

इफ्तार की दुआ अरबी

اللہم انّی لکا سمتو وعلی رزقک افطرت۔

इफ्तार की दुआ मतलब अरबी

اے اللہ میں نے تیرے لیے روزہ رکھا اور تیرے ہی رزق سے افطار کرتا ہوں۔

इफ्तार की दुआ अंग्रेज़ी

Allahumma inni laka sumtu wa ala rizqika aftartu.

इफ्तार की दुआ मतलब अंग्रेज़ी

O Allah, for You, I have fasted and with Your sustenance, I break the fast.”

iftar-ki-dua

रोजा में ये चीजें बिलकुल ना करें

यहां कुछ चीजें हैं जो रोज़ेदारों को रोजा रखते समय बिलकुल नहीं करना चाहिए:

  1. भूखा रहना रोज़ेदारों को उनका रोज़ा रखने के लिए रोज़ा के समय खाने पीने के बंद होने का इंतज़ार करना चाहिए। भूखा रहना न केवल दुखद होता है, बल्कि यह भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
  2. अश्लील कंटेंट देखना या सुनना इस्लाम में अश्लीलता के किसी भी रूप का इस्तेमाल मना है। रोज़ेदारों को भी इस तरह की चीजों से दूर रहना चाहिए।
  3. धूम्रपान या तंबाकू का सेवन रोज़ेदारों को रोज़ा रखते समय धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करना चाहिए। इस तरह के उत्पादों का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है।
  4. झूठ बोलना या नकली शपथ लेना इस्लाम में झूठ बोलना और नकली शपथ लेना बहुत बड़ा पाप है। रोज़ेदारों को सच बोलने की आदत डालनी चाहिए।
  5. गुस्सा या ज़िद करना गुस्सा या ज़िद करना सेहत के लिए नुकसान

इन हालत में रोजे में छूट

अगर आप किसी मेडिकल या फिजिकल कंडीशन की वजह से रोजे रखने में असमर्थ हो रहे हैं, तो आपको रोजों में छूट दी जा सकती है। ध्यान रखें कि इस फैसले को लेने से पहले, आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। यदि आप दिनभर तक भूख नहीं रख सकते हैं या रोजे रखने से आपकी सेहत खतरे में आती है, तो आप अपने स्वास्थ्य के लिए रोजे न रखने का फैसला कर सकते हैं। आप रमजान में दूसरे उपाय भी अपना सकते हैं, जैसे कि रोजों की संख्या कम करना, अलग-अलग वक़्त में खाने का समय बदलना या इफ़्तार में कम तेल और मिठाई खाना।

इन हालातों में नहीं टूटते हैं रोजे

अगर आप किसी खास कारण से रोजे रखना चाहते हैं, तो इन हालातों में भी आप रोजे रख सकते हैं। लेकिन यदि आपकी सेहत या जान खतरे में होती है तो रोजे न रखने का फैसला करना बेहतर होगा। इसके अलावा, यदि आप रोजों में छूट देना नहीं चाहते तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

  • रोजे के वक्त ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिएं।
  • खाने में सेहतमंद और पौष्टिक चीजें शामिल करें।
  • रोजे के वक्त तेजी से गतिविधियों से बचें।
  • रोजे के वक्त आराम करें और अधिक से अधिक आराम करने का प्रयास करें।
  • यदि रोजे में अत्यधिक थकान महसूस होती है, तो उसे तोड़ने का फैसला करें।

यदि आपको रोजे रखने से संबंधित कोई समस्या होती है, तो आप अपने चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।

दोस्तों अगर आपको ये इनफार्मेशन अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें और अगर आपको हमसे कोई इस्लामिक रिलेटेड सवाल पूछ न हो तो ईमेल या कमेंट करें |

Leave a Comment