जुम्मा के दिन पढ़ने वाली दुआ फजीलत हिंदी में

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयों और बहनो आज हम इन्ही बातो पर रौशनी डालेंगे बस आपको ये करना है की आप हमारे इस article को लास्ट तक पढ़ें इंशा अल्लाह आपको जुम्मा की फ़ज़ीलतों के बारे में पूरी मालूमात हो जायेगी तो चलिए शूरू करते है|

जुम्मा के दिन की ख़ास फ़ज़िलतें हिंदी में आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम ने फ़रमाया आम दिनों के मुकाबले जुम्मा jumma का दिन बहुत अफ़ज़ल है|

नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वस्सं ने फ़रमाया है की तमाम दिनों से बेहतर जुम्मा का दिन है इसी दिन हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को पैदा किया गया और जुम्मा jumma के ही दिन उन्हें जन्नत में दाखिल क्या गया और तो और जुम्मा के ही दिन हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत से बाहिर निकाले गए और क़यामत भी जुम्मा के दिन ही आएगी|

इमाम अहमद रहo से नक़ल किया गया है की उन्होंने फ़रमाया है की जुम्मा (jumma) की रात का दर्जा लैलतुल (कद्र की रात) से भी ज्यादा है कुछ वजहों से इसलिए की इसी रात में सरवरे आलम सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम अपनी माँ के पाक पेट में नुमाया हुए और आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम का दुनिया में तशरीफ़ लाना दुनिया व आखीरियत की इतनी भलाई और बरकत की वजह हुआ उनके रहमतों को ना तो नापा जा सकता है और ना गिनाया जा सकता है|

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आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सल्लम ने फ़रमाया की जुम्मा में एक घडी ऐसी है की अगर कोई मुसलमान उस वक़्त अल्लाह तआला से पुरे अक़ीदे से दुआ मांगे तो वो दुआ जरूर क़ुबूल होगी|

लेकिन उलेमा की राय इसमें अलग है की यह घडी जिसका जिक्र हदीस पाक में गुजरा वो किस वक़्त है शेख अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहलवी ने शरह सफरुसआदत में चालीस कौल नक़ल किये है अगर इन सब में दो कौलो को बड़ा माना है एक यह है की वो घडी खुत्बा पढ़ने के वक़्त से नमाज़ के ख़त्म होने तक है|

और दूसरा यह की वह घडी दिन के आखिरी हिस्से में है इस दूसरे कौल को बहुत बड़े गिरोह ने अपनाया है और बजट सी सही हदीसें इसकी ताईद में है शेख देहलवी फरमाते है की जब जब जुम्मा (jumma) का दिन ख़त्म होने लगे तो उनको खबर कर दें ताकि वो उस वक़्त जिक्र और दुआ में लग जाएँ

जुम्मा के दिन पढ़ने वाली दुआ निम्नलिखित है:

اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ، إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ، وَبَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ، إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ.

जुम्मा के दिन पढ़ने वाली दुआ तर्जुमा

اے اللہ تو محمد صلی اللہ علیہ وسلم اور محمد صلی اللہ علیہ وسلم کے والدین پر سلامتی بھیجتا ہے جس طرح تو نے ذون اور ابراہیم کے باپوں پر سلام بھیجا ہے اور تو ان سے بڑا ہے۔ اے اللہ محمد و آل محمد پر درود بھیج جیسا کہ تو نے ابراہیم کے آباء و اجداد پر رحمتیں نازل فرمائیں اور تو نے سجدہ کیا۔

जुम्मा के दिन पढ़ने वाली दुआ हिंदी

“अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिवं व अला आलि मुहम्मदिन कमा सललैता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद

अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद”

जुम्मा के दिन पढ़ने वाली दुआ तर्जुमा

ऐ अल्लाह, तू मुहम्मद और मुहम्मद के वालिदों पर सलामती भेज, जैसे तूने इब्राहीम और इब्राहीम के वालिदों पर सलामती भेजी थी, तू सराहनीय और महान है। हे अल्लाह, तू मुहम्मद और मुहम्मद के वालिदों पर अपना आशीर्वाद भेज, जैसे तूने इब्राहीम और इब्राहीम के वालिदों पर अपना आशीर्वाद भेजा था, तू सराहनीय और महान है।

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जुम्मा दुआ फाजिल हिंदी में

  • इस दुरुद शरीफ के पढ़ने वाले पर खुदाए तआला तीन हजार रहमतें नाजिल फरमाएगा
  • उस पर दो हजार बार अपना सलाम भेजेगा
  • पाँच हजार नेकियाँ उसके नामए आमाल में लिखेगा
  • पांच हजार गुनाह मुआफ फरमाएगा
  • उसके माथे पर लिख देगा कि यह दोजख से आजाद है
  • अल्लाह उसे क्यामत के दिन शहीदों के साथ रखेगा
  • उसके गाल में तरक्की और बरकत देगा
  • उसकी औलाद और औलाद की औलाद में बरकत देगा
  • दुश्मनों पर गल्बा देगा
  • दिलों में उसकी मुँहब्बत रखेगा
  • किसी दिन खाब में बरकते जियारते अक्दस से मुशर्रफ होगा
  • ईमान पर खातिमा होगा
  • क़यामत में हुजूर की शफाअत नसीब होगी
  • अल्लाह तआला उससे ऐसा राजी होगा कि कभी नाराज न होगा

जुम्मा के दिन की फजीलत

जुमे का दिन तमाम दिनों का सरदार है और अल्लाह के नजदीक सबसे ज़्यादा अजमत वाला है। यह दिन अल्लाह के यहां ईदुल फितर और ईदुलजुहां से भी ज़्यादा फजीलत रखता है। इस दिन की पांच खुसूसियात है।

  • अल्लाह पाक ने इसी दिन आदम अलैहि. को पैदा किया।
  • आदम अलैहि. को आज ही के दिन जमीन की तरफ उतारा।
  • आदम अलैहि. की वफात भी इसी दिन हुई।
  • जुमा के दिन में एक घड़ी ऐसी होती है कि उसमें बन्दा अल्लाह से जिस चीज का सवाल करता है
  • अल्लाह पाक उसे वह अता करता है बशर्ते कि वह हराम का सवाल न करें।
  • जुमा को ही कयामत कायम होगी और मुकर्रिब फरिश्ते, आसमान, जमीन, हवाएं, पहाड़ और समन्दर सब के सब जुमे के दिन से डरते है।”
  • इस दिन को यानी जुम्मा को ईद का दिन भी कहा जाता है
  • इससे जुम्मा के दिन की अहमियत का पता लगता है
  • जुम्मा का दिन इस्लाम के इतिहास में बहुत ख़ास रहा है
  • बेशक यह ईद का दिन है। जिसे अल्लाह ने सिर्फ मुसलमानों के लिए (ईद का दिन) बनाया है।
  • जो शख्स जुमा की नमाज के लिए आए तो वह गुसल करे, खुश्बु हो तो जरूर लगाएं और तुम पर मिस्वाक करना लाजिम है।
  • जुम्मा के नमाज़ के लिए पैदल जाने में हर कदम पर एक साल रोज़ा रखने का सवाब मिलता है

हर मुसलमान को चाहिए की जुम्मा  का एहतेमाम जुमेरात से करें जुमेरात का दिन असर के बाद इस्तेग़फ़ार वगैरह ज्यादा से ज्यादा करें और जुम्मा के दिन को पहनने वाले कपडे साफ़ सुथरा रखें जुम्मा के दिन अपने जिस्म और कपड़ो पर इत्र वैगरह लगाया करें|

बुजुर्गो ने फ़रमाया है की सबसे ज्यादा जुम्मा का फायदा उसको मिलेगा जो शख्स उसके इंतजार में रहता है और जुम्मा की तैयारियां जुमेरात से ही करता हो और सबसे ज्यादा बद किस्मत वो शख्स होगा जिसको ये भी मालूम न हो की जुम्मा कब है यहाँ तक की वो लोगो से पूछे आज कौनसा दिन है|

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