खाना खाने की दुआ | खाना खाने के बाद की दुआ हिंदी में

अस्सलामो अलैकुम नाजरीन आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे खाना खाने की दुआ के बारे में जो हर मुस्लमान को खाना खाने से पहले दुआ पढ़े और अल्लाह तआला का सुक्रिया अदा करें और साथ ही खाना खाने के बाद की दुआ के बारे मे बात करेंगे इस की फजीलत के बारे में भी बात करेंगे इस पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़े और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें |

दस्तरख्वान पर मिल कर खाने में बरकत है

हजरत अब्दुल्लाह इब्ने उम्र रजि अल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत करते है की सरकार मदीना सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फरमाने आलिशान है की इकट्ठे हो कर खाओ साथ मिलकर खाओ अलग अलग न खाओ जमाअत के साथ खाने में बहुत बरकत है |

अगर आप एक ही दस्तरख्वान पर मिलकर खाने वालों को मुबारक हो की ताजदारे मदीने सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया अल्लाह को ये बात सब से जयादा पसंद है की वो अपने किसी मोमिन बन्दे को बीवी और बच्चे के साथ दस्तरख्वान पर बैठ देखे और सब खाते हो क्यूंकि जब सब दस्तरख्वान पर जमा होते है तो अल्लाह उन को रहमत की निगाह से देखता है और क़ब्ल अज जुदा होने के उन को बख्श देता है |

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खाने से पहले बिस्मिल्लाह जरूर पढ़े

जो भी साहिबे शान काम शुरू किया जाए उस के क़ब्ल बिस्मिल्लाह शरीफ जरूर पढ़नी चाहिए इस तरह खाने या पिने से क़ब्ल भी बिस्मिल्लाह पढ़ना सुन्नत है हजरते सय्यदना हुजैफा सल्लाहु अलैहि वसल्लम से रिवायत करते है के की ताजदारे मदीना सल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान आलीशान है की जिस खाने पर बिस्मिल्लाह न पढ़ी जाए शैतान के लिए वो खाना हलाल हो जाता है

हजरत सय्यदना अबू अयूब अंसारी फरमाते है के हम सरकारे मदीना की खिदमते बरकत में हाजिर थे खाना पेश किया गया इब्तदा में इतनी बरकत हम ने किसी किसी खाने में नहीं देखि मगर आखिर में बड़ी बरकाती देखि हम ने अर्ज की या रसूलल्लाह ऐसा क्यों हुआ इरशाद फ़रमाया हम सब ने खाना खाते वक्त बिस्मिल्लाह फिर एक शख्स बगैर बिस्मिल्लाह पढ़े खाने को बैठ गया उस के साथ शैतान ने खाना खा लिया |

खाना खाने से पहले की दुआ

बिस्मिला हिर्रह्मनिर रहीम बिस्मिल्लाहि व अला बरकतिल्लाहि

खाना खाने के दरमियान की दुआ

अगर आप बिस्मिल्लाह कहना भूल जाए तो इन दुआ को पढ़े, नीचे दिए गए दुआ को पढ़ सकते हैं।

बिस्मिल्लाही अव्वलहू व-आख़िरहु

खाना खाने के बाद की दुआ

अल्हम्दुलिल्लाहिल लज़ी अत-अमना वसकाना वज अलना मिनल मुस्लिमीन

खाना खाने के बाद की दुआ का तर्ज़ुमा।

सब खूबियां अल्लाह पाक के लिए है, जिसने हमें पिलाया-खिलाया और मुसलमानो बनाया।

खाना खाते समय इन बातों का ध्यान रखें

हमने कुछ सुझाव नीचे लिखा है जिसे आप खाना कहते वक़्त इन खाना खाने का सुन्नति तरीका का फॉलो कर सकते हैं।

खाने खाने से पहले दोनों हाथो को अच्छी तरह धोएं: हाथ को अच्छी तरह धोना इसीलिए ज़रूरी है क्युकी हर समय हम कुछ न कुछ अपने हाथो से छूया करते हैं जिससे हमारे हाथो में गंद लग जाती है और यह हमें दिखाई भी नहीं देती। अगर हम हाथ धोएं बगैर ही खाना खाने लगेंगे तो हमारे हाथ की गन्दगी हमारे पेट में चली जाएगी जिसे हमे को इन्फेक्शन हो सकता है।

मग़रिब के बाद तुरंत खाना खालें: अगर आप रात का खाना खा रहे है तो आप मग़रिब की नमाज़ के बाद ही खाना खाले। हम सबको मालूम है की खाना खाने के 5 से 6 घंटे बाद ही पचता है तो अगर हम मग़रिब बाद यानि 7 बजे तक खाने खा लेंगे तो जब तक हम सोने और सोते वक़्त की दुआ पढ़ेंगे तब तक हमारा खाना पच चूका होगा इससे हमे अच्छी नींद आएगी और बदहज़मी से भी बचे रहेंगे।

खाना को ठंडा करके खाएं: जब खाना हमारे पेट में जाता है तो सबसे पहले हमारा पेट उस खाने के टेम्परेचर को नापता है इसलिए जब भी आआप खाना खाएं तो ध्यान दे की खाना ज़्यदा गर्म न हो।

दस्तर-ख़्वान बिछाकर खाना खाएं: खाना खाने वक़्त साथ में बच्चे भी रहते हैं तो अगर आप दस्तर-ख़्वान बिछाकर खाना खाएंगे तो इससे सफाई रहेगी।

खाना खाने के वक़्त बातचीत न करें: अक्सर हम लोग खाना खाने के वक़्त एक दुसरे से बातचीत करने लगते हैं, इससे हम खाने की बेअदबी कर रहे हैं और खाने के वक़्त बात करने से खाना अटक भी सकता है। इसीलिए जब भी आप खाना खाएं तो चुप चाप खाएं।

दाहिनी हाथ से खाना खाएं: खाना कहते वक़्त हमेशा याद रहे की आप खाना दाहिनी हाथ से खाएं क्युकीअल्लाह पाक का बहुत ही करम है की हमे उन्होंने दो हाथ दिए एक हाथ से हम अपनी बदन की गंदगी को साफ कर सकते है और दुसरे हाथ से खाना खा सकते हैं।

खाना को चबा-चबा कर खाएं: हम अक्सर खाना खाने में बहुत जल्दी करते हैं जिससे हमें बाद में कब्ज का शिकार होना पद जाता है इसीलिए आप जब की खाने को खाएं तो उसे 32 बार चबाकर खाएं इससे खाना आसानी से पच जायेगा।

खाने में कमी न निकालें: हम लोग को कभी अगर खाने में थोड़ा सा भी कमी रह गयी मसलन नमक कम हो गया या फिर ज़्यदा तीखा हो गया तो हम उसी वक़्त टोक देते हैं या फिर खाने को छोडक़र भाग जाते हैं इससे हम खाने की बेइज़्ज़ती कर रहे हैं। अगर खाने में कमी है तो आप थोड़ा सा खाकर उठ सकते हैं या फिर उसमे नमक दाल कर अपने पसंद के मुताबिक बना सकते हैं इससे खाना पकाने वाले को भी बुरा नहीं लगेगा।

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खाना खाने के बाद कौन सी दुआ पढ़ते हैं?

खाना खाने के बाद इस दुआ को पढ़ते हैं

अल्हम्दु लिल्लाहिल लज़ी अत अम ना व सकाना व ज अल ना मिनल मुस्लिमीन

रात को कितने बजे तक खाना खाना चाहिए?

रात को 7 बजे तक खाना खा लेना चाहिए इससे हमारा खाना सोने से पहले आसानी से पांच जायेगा और हम कब्ज जैसे बीमारियों से बचे रहेंगे।

खाने के तुरंत बाद क्या नहीं करना चाहिए?

खाना खाने के बाद तुरंत सोना नहीं चाहिए इससे हमारा दिगेंस्टीवे सिस्टम हल्का काम करने लगता है जिससे खाना पचने में परेशानी आ सकती है।

नाजरीन अगर आपको ये इस्लामिक इन्फोर्मेसन अच्छा लगा हो तो इसे दुसरो को शेयर जरूर करें ताकि ये इस्लामिक इनफार्मेशन दुसरो को भी पता चल सके अल्लाह तआला हर मोमिन की हिफाज़त फरमाए आमीन

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