Ayatul Kursi-आयतुल कुर्सी हिंदी इंग्लिश और अरबी में

अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु  आज हम सभी मुसलमान भाइयों और बहनो के लिए आयतुल कुर्सी हिंदी में लेकर आएं है जो की हर मुसलमान को पढ़ना और हमेशा याद रखना बहुत जरुरी है किया आपलोग भी हिंदी में आयतुल कुर्सी को पढ़ना चाहते है

किया आपलोग आयतुल कुर्सी गूगल पर सर्च करते है और आपको नहीं मिलता तो आज आपकी आयतुल कुर्सी की तलाश ख़त्म हुवा क्यू की हम आज सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही यह पोस्ट ले कर आएं है | आपलोगों को आयतुल कुर्सी की अहमियत के बारे में तो पता ही होगा हमें उम्मीद है की आयतुल कुर्सी की अहमियत के बारे में हर मुसलमान बाखूबी जानते होंगे|

आयतुल कुर्सी को एक क़ुरआन शरीफ का चोथाई भी कहा जाता है जो भी इंसान हर रोज फजर के नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी को पढता है उस इंसान के लिए जन्नत के दरवाजे हमेसा के लिए खोल दिए जाते है|

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एक हदीसे पाक में कहा गया है की जो इंसान हर रोज फजर के नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढता है तो उस इंसान को जन्नत में जाने से कोई भी चीज नहीं रोक पाएगा आयतुल कुर्सी सबसे ज्यादा अजमत वाली आयतों में से एक आयत है जो हर मुसलमान को याद होना चाहिए|

आयतुल कुर्सी हिंदी में

अल्लाहु ला इला-ह इल्लल्लाहु-वल हय्युल क़य्यूमु ला तअ् खुज़ुहू सि-न तुंव-व ला नौम लहू मा फि़स्समावातिं व मा फ़िल अर्ज़ि मन ज़ल्लज़ी यश् फ़उ अिन-द-हू इल्ला बिइज़्निही यअ्लमु मा बै-न एह्दिह्यम व मा ख़ल-फ़ हुम व ला युहीतू-न बि शैइम मिन अिल्मि ही इल्ला बि-मा शा-अ व सि-अ कुर्सि-युहूस्समावाति वल अर्ज़ि व ला यऊदु हू हिफ़्जुहुमा व हुवल अ़लीयुल अज़ीम

आयतुल कुर्सी तर्जुमा हिंदी में

अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं जिन्दा है जिसको मौत नहीं आ सकती,न उसको ऊंघ दबा सकता है और न नींद, उसी का है जो कुछ आसमान और जमीन में है, ऐसा कौन है जो उसके पास जा कर किसी की सिफारिस करे उसकी इज़ाज़त के बगैर, वो इंसान के आगे पीछे के तमाम हालात को जनता है,

इंसान और तमाम मख्लूकात अल्लाह के मालूमात का इहाता नहीं कर सकते मगर जितना अल्लाह चाहे, उसकी कुर्सी इतनी लम्बी है की उसने सब आसमानो और जमीनों अंदर लिए हुवे है, और अल्लाह ताला को इन दोनों आसमानो और जमीन की हिफाज़त भारी नहीं लगती

आयतुल कुर्सी इंग्लिश में

Allahu laaa ilaha illaa huwal

Haiyul qaiyoom lata khuzuhu

sinatuw wala naum lahu ma fis

samawati wama fil ard

man zal lazi yashfau indahu illa bi iznih ya lamu maa baina

aydeehim wa maa khalfahum wa laa yuheetoona bishai im min

ilmihee illaa bimaa shaaa wasi’a

khursiyyushus samaawaati wal arda wa laa ya’ooduhoo

hifzuhumaa wa huwal aliyyul azeem

आयतुल कुर्सी तर्जुमा इंग्लिश में

allaah ke siva koee ibaadat ke laayak nahin jinda hai jisako maut nahin aa sakatee,na usako oongh daba sakata hai aur na neend, usee ka hai jo kuchh aasamaan aur jameen mein hai, aisa kaun hai jo usake paas ja kar kisee kee siphaaris kare usakee izaazat ke bagair, vo insaan ke aage peechhe ke tamaam haalaat ko janata hai,

insaan aur tamaam makhlookaat allaah ke maaloomaat ka ihaata nahin kar sakate magar jitana allaah chaahe, usakee kursee itanee lambee hai kee usane sab aasamaano aur jameenon andar lie huve hai, aur allaah taala ko in donon aasamaano aur jameen kee hiphaazat bhaaree nahin lagatee

आयतुल कुर्सी अरबी में

الله لا إله إلا الله و وال هايول قيومو لا تا خوزهو سي نا توف-فا لا ناوم لاو ما فيساماواتين وما فيل أرزي مان زلازي ياش فو عين هو إلا بيزنيهي ياألمو ما با-نا إهدهيام وما خال – إف هم ولا يوهيتو نا بشايم من علمي هاي إيللا بي ما شا-آ وسي-آ كورسي-يوهوساماواتي والأرزي ولا يادو هو هيفجوهوما وحول عليول عظيم

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आयतुल कुर्सी तर्जुमा अरबी में

اللہ کے سوا کوئی زندہ عبادت کے لائق نہیں، جس کو نہ موت آسکتی ہے، نہ سو سکتی ہے اور نہ نیند، اسی کا ہے جو کچھ آسمانوں اور زمین میں ہے، کون ہے جو اس کی اجازت کے بغیر کسی کی سفارش کرے، وہ تمام حالات سے واقف ہے۔ انسان کے آگے اور پیچھےاللہ تعالیٰ کے علم تک انسان اور تمام مخلوقات کی رسائی نہیں ہو سکتی لیکن اللہ تعالیٰ جتنا چاہے اس کی کرسی اتنی لمبی ہے  تمام آسمانوں اور زمین کو ڈھانپ لیتی ہے اور اللہ تعالیٰ کو ان دونوں آسمانوں اور زمین کی حفاظت نہیں ملتی۔ بہت بھاری.

हुज़ूर नबी करीम सल्ललहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया के जो कोई सोते वक्त अयातुल कुर्सी पढता है उसके लिए अल्लाह ताआला हिफाजत के लिए दो फरिस्ते मुकर्रर कर देता है जो उसकी सुबह तक हिफाजत फरमाता है बुजुर्ग दिन ने भी यातुल कुर्सी को अपने खवास बरकात और असरात के एतबार से निहायत अफजल और असरफ करार दिया है

इमाम जजरी रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है के मेरे नजदीक अल्लाहु ला इलाहा इल्ला होवाल हैयुल कयूम इसमें हाजिर है एक शख्स ने हुज़ूर नबी करीम सल्लाहु अलैहि वसल्लम से अर्ज किया की हुज़ूर हमारे घर में खैरो बरकत नहीं है आप सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया के तुम अयातुल कुर्सी क्यो नहीं पढ़ते और ओ शख्स वैसा ही किया और मालामाल हो गया और भी फजीलत है |

नाजरीन कैसी लगी आपको हमारी ये इनफार्मेशन आप हमें जरूर बताएं और Plz इसे शेयर करना न भूलें अल्लाह हम तमाम मुसमानो की हिफाजत फ़रमाँ|

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