Attahiyat Dua-अत्तहिय्यात दुआ तर्ज़ुमा के साथ हिंदी इंग्लिश और अरबी में

अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे अजिज भइओ बहनोआज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि नमाज मे तशह्हुद या अत्तहिय्यात की दुआ और उसका तरीका क्या है। नमाज़ में पढ़ी जाने वाली दुआ में से एक दुआ तशह्हुद को हमने आपकी आसानी के लिए हिंदी, इंग्लिश, उर्दू, अरबी और तरजुमे के साथ लिखा है।

तशह्हुद या अत्तहिय्यात क्या है?

तशह्हुद या अत्तहिय्यात एक दुआ है जो मुस्लिम नमाज़ में दूसरी रक’अत में पढ़ी जाती है। इस दुआ में हम अल्लाह की तारीफ़, हमारे आस-पास के मालिक की सलामती, हमारे पैगंबर (मुहम्मद) के लिए दुआ और सभी विश्वासी लोगों के लिए सलाम भेजते हैं। यह दुआ नमाज़ का अहम हिस्सा होती है जो हर नमाज़ में पढ़ी जाती है।

जब हम इस दुआ के अलफ़ाज़ अशहदू अल्ला इलाहा को पढ़ना शुरू करे तो उसी वक़्त हमको अपनी दाहिनी तरफ की शहादत की ऊँगली को उठालेंगे और इलाहा के बाद नीचे रख देंगे।

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तशह्हुद पढ़ने के बाद अगर आप आखिर रकअत नमाज़ पढ़ रहे हैं तो इसको तुरंत बाद दरूदे इब्राहीमी को पढ़े, अगर आखिरी रकअत न हो तो अत्तहिय्यात के बाद तुरंत खड़े हो जाये।

तशह्हुद का मतलब होता है ‘गवाही देना (ईमान की)’ और इसे अत्तहिय्यात  भी कहा जाता है।

नमाज में जब एक बंदा या बंदी दूसरी या आखरी रकात में किबला(पश्चिम) की तरफ रुख कर कर बैठता है  और अल्लाह की बडाई बयान करता है और अल्लाह केे नबी और उसके नेकबंदो पर सलात व सलाम भेजता है और दो गवाहियाँ देता है, वही तशह्हुद या अत्तहिय्यात कहलाता है।

तशह्हुद या अत्तहिय्यात दुआ हिंदी में

अत्ताहीयातू लिल्लाही वस्सलावातु वत्तय्यीबातू अस सलामु अलैका अय्यूहन्नबिय्यू वरहमतुल्लाही वबराकातुहू ® अस्सलामुअलैना वआला इबादिल्लाहिस सालिहीन अशहदू अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु व अशहदू अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू वरसूलुहू

अत्तहिय्यात तर्ज़ुमा हिंदी में

हे अल्लाह! आप अकेले ही सभी इबादते के लायक हैं। हे पैगंबर! आप पर अल्लाह की रहमत और उसकी दुआओं पर हो। हम पर और अल्लाह के नेक बंदों पर शांति हो।  मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं है और मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद S.A अल्लाह के बंदे और रसूल हैं।

अत्तहिय्यात इंग्लिश में

Attaheeyatu lillaahi Was-salawaatu Vattayyibatu Assalaamu alaika Ayyuhannabiyu Warhamatullahi Wabrakatuhu ® Assalamualaina Waala Ibadillaahis Saliheen Ashhadu Alla ilaha illallahu Wa ashhadu anna Muhammadan Abduhu Varsuluhu

अत्तहिय्यात तर्ज़ुमा इंग्लिश में

O ALLAH!You Alone deserve all veneration, worship, and glory. O Prophet! peace be on you and the Mercy of ALLAH and HIS Blessings.

Peace be upon us and on righteous servants of ALLAH. I bear witness that none is worthy of worship except ALLAH and I bear witness that Muhammad is his servant and messenger.

अत्तहिय्यात अरबी में

التَّحِيَّاتُ لِلّٰهِ وَالصَّلَوَاتُ وَالطَّيِّبَاتُ اَلسَّلاَمُ عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبِيُّ وَرَحْمَةُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُهُ- السَّلاَمُ عَلَيْنَا وَعَلَى عِبَادِ اللّٰهِ الصَّالِحِيْنَ أَشْهَدُ أَنْ لّٰا اِلَهَ اِلاَّ اللّٰهُ وَاشْهَدُ انَّ مُحَمَّدً عَبْدُهُ وَرَسُوْلُهُ

अत्तहिय्यात तर्ज़ुमा अरबी में

اے اللہ! تم ہی تمام عبادتوں کے لائق ہو۔ اے نبی! آپ پر اللہ کی رحمتیں اور برکتیں نازل ہوں۔ ہم پر اور اللہ کے نیک بندوں پر سلامتی ہو۔ میں گواہی دیتا ہوں کہ اللہ کے سوا کوئی عبادت کے لائق نہیں اور میں گواہی دیتا ہوں کہ محمد صلی اللہ علیہ وسلم اللہ کے بندے اور رسول ہیں۔

अत्तहिय्यात या तशह्हुद की कुछ जरूरी बातें या हदीसें

रसूलअल्लाह(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया:- जब कोई बंदा नमाज में तशह्हुद या अत्तहिय्यात की दुआ ‘व ‘अला ‘इबदिल्लाहिस-सालिहीन’ तक पढ़़ लेता है, तो उसने हर अल्लाह के इबादत गुजार नेक बंदों को सलातो सलाम भेज दी चाहे वह आसमानों में हो या जमीन में।

और उसके बाद जब अल्लाह का बंदा या बंदी “‘अश-हदू ‘अं-ला ‘इलाहा ‘इल्लल्लाहू व ‘अश-हदू ‘अन्ना मुहम्मदन ‘अब्दुहु व रसूलुहु” पढ़ता है उसके बाद वह जो चाहे वह दुआ मांग सकता है। यानी कि अल्लाह का बंदा नमाज ही की हालत में इन शहादतों को पढ़ने केे बाद दरूदे इब्राहिम पढ़़कर दुआ कर सकता है या बिना पढ़े भी दुआ कर सकता है और “मुहम्मदन ‘अब्दुहु व रसूलुहु” पर भी नमाज को खत्म कर सलाम फेर सकता है।

अत्तहिय्यात कुरान का सूरह नहीं है लेकिन इब्न अब्बास फरमाते हैं कि अल्लाह के रसूल(सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम) हमें अत्तहिय्यात कुरान के सूूूूरह की तरह ही सिखाया करते थें।

अब्दुल्लाह बिन मालिक बिन बुहैना अल-असदी फरमाते हैं- एक बार अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हमें जोहर की नमाज पढ़ा रहे थे, तब वह दूसरी रकात में सजदा करने के बाद सीधा खड़े हो गए जबकि उन्हें बैठना था तब उन्होंने आखिरी रकात में तशह्हुद या अत्तहिय्यात पढ़ा और सजदा सहू किया।

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आसमान मेँ अल्लाह और उसके रसूल हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व सल्लम के दरमियान की मेअराज के वक्त की गुफ्तगु (बात-चीत ) को ही अत्तहिय्यात कहते है !

जब हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम अल्लाह से मुलाकात के लिए हाज़िर हुए । तो मुलाकात के वक्त रसूलअल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम ने अल्लाह तबारक वतआला से सलाम नही किया,

क्यूंकि  हकीकत मे हम अल्लाह को सलाम पेश नहीँ कर सकते ! क्यूंकि तमाम सलामती अल्लाह की तरफ से है

इसलिए हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम ने अल्लाह को सलाम न करते हुए यह फरमाया: –

“अत्तहिय्यातु लिल्लाही वस्सलवातु वत्तैयिबातु“

जिसका हिंदी तर्जुमा कि – तमाम बोल से अदा होने वाली और बदन से अदा होने वाली तमाम इबादते अल्लाह के लिए है

इसपर अल्लाह तबारक वतआला  ने जवाब दिया-

अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकातुहू

 जिसका हिंदी तर्जुमा कि –  सलामती हो तूम पर या नबी, और रहम और बरकत हो !

 हमारे नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम ने फरमाया:

अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस्सालिहीन

जिसका हिंदी तर्जुमा कि – सलामती हो हम पर और अल्लाह आपके नेक बन्दो पर

यहा गौर करो, नबी ने सलामती हो मुझ पर ऐसा नही कहा बल्की सलामती हो “हम पर” यानी उम्मत पर ऐसा कहा

यह सब वाकेआ “फरिश्तो” ने सूना और ये सब सुनकर फरिश्तो न अर्ज किया:-

अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहु व अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहु *

जिसका हिंदी तर्जुमा कि – हम गवाही देते है की, अल्लाह के सिवाह कोई इबादत के लायक नही है ! और हम गवाही देते है की, हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और रसूल है

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